घोषपारा: Difference between revisions

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*किसी समय यह स्थान 'कर्तभाज' नामक धार्मिक संप्रदाय का केंद्र था। इस संप्रदाय के संस्थापक औलचंद थे।
*किसी समय यह स्थान 'कर्तभाज' नामक धार्मिक संप्रदाय का केंद्र था। इस संप्रदाय के संस्थापक औलचंद थे।
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
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==संबंधित लेख==
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Latest revision as of 10:27, 29 August 2012

घोषपारा पश्चिम बंगाल के ऐतिहासिक स्थानों में से एक है। यह स्थान कल्याणी से 6 मील (लगभग 9.6 कि.मी.) की दूरी पर है।[1]

  • किसी समय यह स्थान 'कर्तभाज' नामक धार्मिक संप्रदाय का केंद्र था। इस संप्रदाय के संस्थापक औलचंद थे।
  • औलचंद के अनुयायियों के मतानुसार वे चैतन्य देव के ही अवतार थे। उनके अनुयायी घोषपारा के निकट आज भी पाये जाते हैं।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 313 |

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