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         '''[[कार्तिक]]''' [[हिन्दू]] [[पंचांग]] के अनुसार [[वर्ष]] का आठवाँ [[माह]] है। यह समस्त तीर्थों तथा धार्मिक कृत्यों से भी पवित्रतर है। इसका माहात्म्य [[स्कन्द पुराण]], [[नारद पुराण]], [[पद्म पुराण]] में भी मिलता है। कार्तिक मास को मनुष्य के मोक्ष का द्वार भी कहा गया है। शास्त्रों में वर्णन मिलता है कि कार्तिक में भगवान श्रीहरि की आराधना व उनका मंगल गान करने से वे चार माह की योग निद्रा से जागते हैं। चूंकि भगवान विष्णु मनुष्य के लिए सर्व कल्याणकारी देव हैं, इसीलिए उनके जागते ही सभी समस्याओं के समाधान का मार्ग खुल जाता है। इस मास में प्रत्येक घर की शक्ति अर्थात लक्ष्मी स्वरूपा महिलाएँ यदि भगवान का दीप जला कर स्तुति करती हैं तो कार्तिक मास में पूरे परिवार की उन्नति और सांमजस्य का द्वार खुलता है। ईश्वर के जागने के ठीक पहले [[धन्वन्तरि]] का अवतरण दिवस [[धनतेरस]], यम को समर्पित यम दीप दान, कृष्ण विजय की प्रतीक [[नरक चौदस]] और लक्ष्मी पूजन का दिन [[दीपावली]] मनाया जाता है। [[कार्तिक|... और पढ़ें]]
         '''[[कार्तिक]]''' [[हिन्दू]] [[पंचांग]] के अनुसार [[वर्ष]] का आठवाँ [[माह]] है। यह समस्त तीर्थों तथा धार्मिक कृत्यों से भी पवित्रतर है। इसका माहात्म्य [[स्कन्द पुराण]], [[नारद पुराण]], [[पद्म पुराण]] में भी मिलता है। कार्तिक मास को मनुष्य के मोक्ष का द्वार भी कहा गया है। शास्त्रों में वर्णन मिलता है कि कार्तिक में भगवान श्रीहरि की आराधना व उनका मंगल गान करने से वे चार माह की योग निद्रा से जागते हैं। चूंकि भगवान विष्णु मनुष्य के लिए सर्व कल्याणकारी देव हैं, इसीलिए उनके जागते ही सभी समस्याओं के समाधान का मार्ग खुल जाता है। इस मास में प्रत्येक घर की शक्ति अर्थात लक्ष्मी स्वरूपा महिलाएँ यदि भगवान का दीप जला कर स्तुति करती हैं तो कार्तिक मास में पूरे परिवार की उन्नति और सांमजस्य का द्वार खुलता है। ईश्वर के जागने के ठीक पहले [[धन्वन्तरि]] का अवतरण दिवस [[धनतेरस]], यम को समर्पित यम दीप दान, कृष्ण विजय की प्रतीक [[नरक चौदस]] और लक्ष्मी पूजन का दिन [[दीपावली]] मनाया जाता है। [[कार्तिक|... और पढ़ें]]
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एक लेख

        कार्तिक हिन्दू पंचांग के अनुसार वर्ष का आठवाँ माह है। यह समस्त तीर्थों तथा धार्मिक कृत्यों से भी पवित्रतर है। इसका माहात्म्य स्कन्द पुराण, नारद पुराण, पद्म पुराण में भी मिलता है। कार्तिक मास को मनुष्य के मोक्ष का द्वार भी कहा गया है। शास्त्रों में वर्णन मिलता है कि कार्तिक में भगवान श्रीहरि की आराधना व उनका मंगल गान करने से वे चार माह की योग निद्रा से जागते हैं। चूंकि भगवान विष्णु मनुष्य के लिए सर्व कल्याणकारी देव हैं, इसीलिए उनके जागते ही सभी समस्याओं के समाधान का मार्ग खुल जाता है। इस मास में प्रत्येक घर की शक्ति अर्थात लक्ष्मी स्वरूपा महिलाएँ यदि भगवान का दीप जला कर स्तुति करती हैं तो कार्तिक मास में पूरे परिवार की उन्नति और सांमजस्य का द्वार खुलता है। ईश्वर के जागने के ठीक पहले धन्वन्तरि का अवतरण दिवस धनतेरस, यम को समर्पित यम दीप दान, कृष्ण विजय की प्रतीक नरक चौदस और लक्ष्मी पूजन का दिन दीपावली मनाया जाता है। ... और पढ़ें