तिरुवेंकाडू: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
m (Text replacement - "वरन " to "वरन् ")
m (Text replacement - "शृंखला" to "श्रृंखला")
 
Line 3: Line 3:
*तिरुवेंकाडू का प्राचीन नाम 'श्वेतारण्य' था।
*तिरुवेंकाडू का प्राचीन नाम 'श्वेतारण्य' था।
*यहाँ अघोरमूर्ति [[शिव]] का मंदिर है।
*यहाँ अघोरमूर्ति [[शिव]] का मंदिर है।
*तमिल अभिलेख से विदित होता है कि [[चोल वंश|चोल]] नरेश [[राजराज प्रथम|राजराज]] ने कुछ मूल्यवान वस्तुएँ इस मंदिर को भेंट की थीं, जिनमें 'पद्मराज मणि' की एक शृंखला भी थी।
*तमिल अभिलेख से विदित होता है कि [[चोल वंश|चोल]] नरेश [[राजराज प्रथम|राजराज]] ने कुछ मूल्यवान वस्तुएँ इस मंदिर को भेंट की थीं, जिनमें 'पद्मराज मणि' की एक श्रृंखला भी थी।


{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}

Latest revision as of 11:16, 9 February 2021

thumb|तिरुवेंकाडू मंदिर तिरुवेंकाडू मद्रास (वर्तमान चेन्नई) में है। यह स्थान चिदंबरम से 15 मील (लगभग 24 कि.मी.) आगे वैदीश्वरन् कोइल स्टेशन के निकट है।

  • तिरुवेंकाडू का प्राचीन नाम 'श्वेतारण्य' था।
  • यहाँ अघोरमूर्ति शिव का मंदिर है।
  • तमिल अभिलेख से विदित होता है कि चोल नरेश राजराज ने कुछ मूल्यवान वस्तुएँ इस मंदिर को भेंट की थीं, जिनमें 'पद्मराज मणि' की एक श्रृंखला भी थी।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 404 |


संबंधित लेख