पटना चित्रकला: Difference between revisions

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Revision as of 09:08, 21 March 2011

  • जनसामान्य के आम पहलुओं के चित्रण के लिए प्रसिद्ध पटना या कम्पनी चित्रकला शैली का विकास मुग़ल साम्राज्य के पतन के बाद हुआ जब चित्रकारों ने पटना एवं उसके समीपवर्ती क्षेत्र को अपना कार्य-क्षेत्र बनाया।
  • इन चित्रकारों द्वारा चित्र बनाकर ब्रिटेन भी भेजे गये जो आज भी वहाँ के संग्रहालयों में विद्यमान हैं।
  • पटना चित्रकला शैली में निर्मित चित्रों में लुहार, बढ़ई, नाई, धोबी, मछली विक्रेता, फेरीवाला आदि विषयों की प्रधानता है।
  • लालचन्द एवं गोपाल पटना चित्रकला शैली के प्रसिद्ध चित्रकार थे।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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