अट्टुकल पोंगल: Difference between revisions
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*अट्टुकल पोंगल महिलाओं द्वारा मनाया जाने वाला एक प्रसिद्ध उत्सव है। | *अट्टुकल पोंगल महिलाओं द्वारा मनाया जाने वाला एक प्रसिद्ध उत्सव है। | ||
*यह उत्सव तिरुवनंतपुरम से 2 किलोमीटर दूर देवी के प्राचीन मंदिर में मनाया जाता है। | *यह उत्सव तिरुवनंतपुरम से 2 किलोमीटर दूर देवी के प्राचीन मंदिर में मनाया जाता है। | ||
*10 दिनों तक चलने वाले पोंगल उत्सव की शुरुआत मलयालम माह मकरम-कुंभम ([[फ़रवरी]]-[[मार्च]]) के भरानी दिवस ([[कार्तिक]] चंद्र) को होती है। | *10 दिनों तक चलने वाले [[पोंगल]] उत्सव की शुरुआत मलयालम माह मकरम-कुंभम ([[फ़रवरी]]-[[मार्च]]) के भरानी दिवस ([[कार्तिक]] चंद्र) को होती है। | ||
*पोंगल एक प्रकार का व्यंजन है जिसे गुड़, नारियल और केले के निश्चित मात्रा को मिलाकर बनाया जाता है। | *पोंगल एक प्रकार का व्यंजन है जिसे गुड़, नारियल और [[केला|केले]] के निश्चित मात्रा को मिलाकर बनाया जाता है। | ||
*ऐसा माना जाता है कि यह देवी का पसंदीदा पकवान है। | *ऐसा माना जाता है कि यह देवी का पसंदीदा पकवान है। | ||
*अट्टुकल पोंगल में धार्मिक कार्य प्रात:काल ही शुरू हो जाते हैं और दोपहर तक चढ़ावा तैयार कर दिया जाता है। | *अट्टुकल पोंगल में धार्मिक कार्य प्रात:काल ही शुरू हो जाते हैं और दोपहर तक चढ़ावा तैयार कर दिया जाता है। |
Revision as of 06:54, 3 March 2011
- अट्टुकल पोंगल महिलाओं द्वारा मनाया जाने वाला एक प्रसिद्ध उत्सव है।
- यह उत्सव तिरुवनंतपुरम से 2 किलोमीटर दूर देवी के प्राचीन मंदिर में मनाया जाता है।
- 10 दिनों तक चलने वाले पोंगल उत्सव की शुरुआत मलयालम माह मकरम-कुंभम (फ़रवरी-मार्च) के भरानी दिवस (कार्तिक चंद्र) को होती है।
- पोंगल एक प्रकार का व्यंजन है जिसे गुड़, नारियल और केले के निश्चित मात्रा को मिलाकर बनाया जाता है।
- ऐसा माना जाता है कि यह देवी का पसंदीदा पकवान है।
- अट्टुकल पोंगल में धार्मिक कार्य प्रात:काल ही शुरू हो जाते हैं और दोपहर तक चढ़ावा तैयार कर दिया जाता है।
- पोंगल के दौरान पुरुषों का मंदिर में प्रवेश वर्जित होता है।
- मुख्य पुजारी देवी की तलवार हाथों में लेकर मंदिर प्रांगण में घूमता है और भक्तों पर पवित्र जल और पुष्प वर्षा करता है।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ देवताओं की नगरी के नाम से मशहूर (हिन्दी) यात्रा सलाह। अभिगमन तिथि: 21 अक्टूबर, 2010।