क़ाज़ी-उल-क़ुज़ात: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
(''''क़ाज़ी-उल-कुजात''' पद दीवान-ए-रसालत विभाग के अंतर्गत ...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
m (Text replace - "==संबंधित लेख==" to "==संबंधित लेख== {{सल्तनतकालीन प्रशासन}}")
Line 11: Line 11:


==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{सल्तनतकालीन प्रशासन}}
[[Category:इतिहास कोश]]
[[Category:इतिहास कोश]]
[[Category:दिल्ली सल्तनत]]
[[Category:दिल्ली सल्तनत]]

Revision as of 13:29, 8 September 2011

क़ाज़ी-उल-कुजात पद दीवान-ए-रसालत विभाग के अंतर्गत आता था।

भारत के इतिहास में सल्तनत काल के सुल्तान के बाद न्याय का सर्वोच्च अधिकारी क़ाज़ी-उल-कुजात होता था। प्रायः मुक़दमें इसी के न्यायालय में शुरू किये जाते थे। यह अपने से नीचे के क़ाज़ियों के निर्णय पर फिर से विचार करने का अधिकार रखता था। प्रायः यह पद सद्र-उस-सुदूर के पास ही रहता था। मुहम्मद बिन तुग़लक़ यदि क़ाज़ी के निर्णय से संतुष्ठ नहीं होता था तो, उस निर्णय को बदल देता था।


टीका टिप्पणी और संदर्भ


बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख