चाँद की आदतें -राजेश जोशी: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
प्रीति चौधरी (talk | contribs) ('{| style="background:transparent; float:right" |- | {{सूचना बक्सा कविता |चित्र=Rajesh-Joshi.jpg |...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
कात्या सिंह (talk | contribs) No edit summary |
||
Line 31: | Line 31: | ||
{{Poemopen}} | {{Poemopen}} | ||
<poem> | <poem> | ||
चाँद से मेरी दोस्ती हरगिज़ न हुई होती | चाँद से मेरी दोस्ती हरगिज़ न हुई होती, | ||
अगर रात जागने और सड़कों पर फ़ालतू भटकने की | अगर रात जागने और सड़कों पर फ़ालतू भटकने की, | ||
लत न लग गई होती मुझे स्कूल के ही दिनों | लत न लग गई होती मुझे स्कूल के ही दिनों में। | ||
उसकी कई आदतें तो | उसकी कई आदतें तो | ||
तक़रीबन मुझसे मिलती-जुलती-सी हैं | तक़रीबन मुझसे मिलती-जुलती-सी हैं, | ||
मसलन वह भी अपनी कक्षा का एक बैक-बेंचर छात्र है | मसलन वह भी अपनी कक्षा का एक बैक-बेंचर छात्र है, | ||
अध्यापक का चेहरा ब्लैक बोर्ड की ओर घुमा नहीं | अध्यापक का चेहरा ब्लैक बोर्ड की ओर घुमा नहीं, | ||
कि दबे पाँव निकल भागे बाहर... | कि दबे पाँव निकल भागे बाहर... | ||
और फिर वही मटरगश्ती सारी रात | और फिर वही मटरगश्ती सारी रात, | ||
सारे आसमान | सारे आसमान में। | ||
</poem> | </poem> | ||
{{Poemclose}} | {{Poemclose}} |
Latest revision as of 09:46, 24 December 2011
| ||||||||||||||||
|
चाँद से मेरी दोस्ती हरगिज़ न हुई होती, |
टीका टिप्पणी और संदर्भबाहरी कड़ियाँसंबंधित लेख
|