अनुशासनहीनता और भ्रष्टाचार -काका हाथरसी: Difference between revisions

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बिना टिकट के ट्रेन में चले पुत्र बलवीर
बिना टिकट के ट्रेन में चले पुत्र बलवीर,
जहाँ ‘मूड’ आया वहीं, खींच लई ज़ंजीर
जहाँ ‘मूड’ आया वहीं, खींच लई ज़ंजीर,
खींच लई ज़ंजीर, बने गुंडों के नक्कू
खींच लई ज़ंजीर, बने गुंडों के नक्कू,
पकड़ें टी. टी. गार्ड, उन्हें दिखलाते चक्कू
पकड़ें टी. टी. गार्ड, उन्हें दिखलाते चक्कू,
गुंडागर्दी, भ्रष्टाचार बढ़ा दिन-दूना
गुंडागर्दी, भ्रष्टाचार बढ़ा दिन-दूना,
प्रजातंत्र की स्वतंत्रता का देख नमूना
प्रजातंत्र की स्वतंत्रता का देख नमूना॥


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Revision as of 05:43, 14 December 2011

अनुशासनहीनता और भ्रष्टाचार -काका हाथरसी
कवि काका हाथरसी
जन्म 18 सितंबर, 1906
जन्म स्थान हाथरस, उत्तर प्रदेश
मृत्यु 18 सितंबर, 1995
मुख्य रचनाएँ काका की फुलझड़ियाँ, काका के प्रहसन, लूटनीति मंथन करि, खिलखिलाहट आदि
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
काका हाथरसी की रचनाएँ

बिना टिकट के ट्रेन में चले पुत्र बलवीर,
जहाँ ‘मूड’ आया वहीं, खींच लई ज़ंजीर,
खींच लई ज़ंजीर, बने गुंडों के नक्कू,
पकड़ें टी. टी. गार्ड, उन्हें दिखलाते चक्कू,
गुंडागर्दी, भ्रष्टाचार बढ़ा दिन-दूना,
प्रजातंत्र की स्वतंत्रता का देख नमूना॥

 
















टीका टिप्पणी और संदर्भ

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