प्रौद्योगिकी की माया -राजेश जोशी: Difference between revisions

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ओह उस वक्ता की आवाज का जादू
ओह उस वक्ता की आवाज का जादू
जो इतनी देर से अपनी गिरफ्त में बांधे हुए था मुझे
जो इतनी देर से अपनी गिरफ्त में बांधे हुए था मुझे
कितनी कमज़ोर और धीमी थी वह आवाज
कितनी कमजोर और धीमी थी वह आवाज
एकाएक तभी मैंने जाना
एकाएक तभी मैंने जाना
उसकी आवाज का शासन खत्म हुआ
उसकी आवाज का शासन खत्म हुआ

Revision as of 11:15, 20 December 2011

प्रौद्योगिकी की माया -राजेश जोशी
कवि राजेश जोशी
जन्म 18 जुलाई, 1946
जन्म स्थान नरसिंहगढ़, मध्य प्रदेश
मुख्य रचनाएँ 'समरगाथा- एक लम्बी कविता', एक दिन बोलेंगे पेड़, मिट्टी का चेहरा, दो पंक्तियों के बीच, पतलून पहना आदमी धरती का कल्पतरु
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
राजेश जोशी की रचनाएँ

अचानक ही बिजली गुल हो गयी
और बंद हो गया माइक
ओह उस वक्ता की आवाज का जादू
जो इतनी देर से अपनी गिरफ्त में बांधे हुए था मुझे
कितनी कमजोर और धीमी थी वह आवाज
एकाएक तभी मैंने जाना
उसकी आवाज का शासन खत्म हुआ
तो उधड़ने लगी अब तक उसके बोले गये की परतें

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

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