भोरमदेव मंदिर: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
Line 25: Line 25:
*भोरमदेव मंदिर नाग राजवंश के राजा रामचन्द्र द्वारा बनाया गया था।
*भोरमदेव मंदिर नाग राजवंश के राजा रामचन्द्र द्वारा बनाया गया था।
*भोरमदेव मंदिर में [[खजुराहो|खजुराहो मंदिर]] की झलक दिखाई देती है, इसलिए इस मंदिर को छत्तीसगढ़ का खजुराहो भी कहा जाता है।
*भोरमदेव मंदिर में [[खजुराहो|खजुराहो मंदिर]] की झलक दिखाई देती है, इसलिए इस मंदिर को छत्तीसगढ़ का खजुराहो भी कहा जाता है।
*भोरमदेव मंदिर पर नृत्य की आकर्षक भाव भंगिमाँए के साथ-साथ [[हाथी]], घोड़े, भगवान [[गणेश]] एवं [[नटराज]] की मुर्तियों चंदेल शैली में उकेरी गयी हैं।
*भोरमदेव मंदिर पर नृत्य की आकर्षक भाव भंगिमाँए के साथ-साथ [[हाथी]], घोड़े, भगवान [[गणेश]] एवं [[नटराज]] की मूर्तियाँ चंदेल शैली में उकेरी गयी हैं।
*प्राकृतिक सौंदर्य की पृष्ठभूमि में, इस मंदिर को भी अपनी [[वास्तुकला]] के लिए अद्वितीय है।
*प्राकृतिक सौंदर्य की पृष्ठभूमि में, इस मंदिर को भी अपनी [[वास्तुकला]] के लिए अद्वितीय है।
*मंदिर के गर्भगृह के तीनों प्रवेशद्वार पर लगाया गया [[काला रंग|काला]] चमकदार पत्थर इसकी आभा में और वृद्धि करता है।
*मंदिर के गर्भगृह के तीनों प्रवेशद्वार पर लगाया गया [[काला रंग|काला]] चमकदार पत्थर इसकी आभा में और वृद्धि करता है।

Revision as of 06:24, 20 February 2012

चित्र:Icon-edit.gif इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव"
भोरमदेव मंदिर
वर्णन भोरमदेव मंदिर एक बहुत ही पुराना हिंदू मंदिर है जो भगवान शिव को समर्पित है, यह छत्तीसगढ़ राज्य के कवर्धा ज़िले में स्थित है।
स्थान कवर्धा, छत्तीसगढ़
निर्माता राजा रामचन्द्र
निर्माण काल 7 से 11 वीं शताब्दी
देवी-देवता शिव, गणेश
वास्तुकला चंदेल शैली
अन्य जानकारी भोरमदेव मंदिर में खजुराहो मंदिर की झलक दिखाई देती है, इसलिए इस मंदिर को छत्तीसगढ़ का खजुराहो भी कहा जाता है। मंदिर के गर्भगृह के तीनों प्रवेशद्वार पर लगाया गया काला चमकदार पत्थर इसकी आभा में और वृद्धि करता है।
अद्यतन‎

भोरमदेव मंदिर एक बहुत ही पुराना हिंदू मंदिर है जो भगवान शिव को समर्पित है, यह छत्तीसगढ़ राज्य के कवर्धा ज़िले में स्थित है।

  • भोरमदेव मंदिर कृत्रिमतापूर्वक पर्वत श्रृंखला के बीच स्थित है, यह लगभग 7 से 11 वीं शताब्दी तक की अवधि में बनाया गया था।
  • भोरमदेव मंदिर नाग राजवंश के राजा रामचन्द्र द्वारा बनाया गया था।
  • भोरमदेव मंदिर में खजुराहो मंदिर की झलक दिखाई देती है, इसलिए इस मंदिर को छत्तीसगढ़ का खजुराहो भी कहा जाता है।
  • भोरमदेव मंदिर पर नृत्य की आकर्षक भाव भंगिमाँए के साथ-साथ हाथी, घोड़े, भगवान गणेश एवं नटराज की मूर्तियाँ चंदेल शैली में उकेरी गयी हैं।
  • प्राकृतिक सौंदर्य की पृष्ठभूमि में, इस मंदिर को भी अपनी वास्तुकला के लिए अद्वितीय है।
  • मंदिर के गर्भगृह के तीनों प्रवेशद्वार पर लगाया गया काला चमकदार पत्थर इसकी आभा में और वृद्धि करता है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ


बाहरी कड़ियाँ

भोरमदेव मंदिर

संबंधित लेख