भारतीय नाप-तौल एवं इकाई: Difference between revisions
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! भारतीय लम्बाई का परिमाण | ! भारतीय लम्बाई का परिमाण | ||
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! सूचिकारों या दर्जियों की रीति | ! सूचिकारों या दर्जियों की रीति | ||
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| 21 इंच = 1 गिरह | | 21 इंच = 1 गिरह | ||
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| 4 गिरह = 1 बित्ता या बालिश्त | | 4 गिरह = 1 बित्ता या बालिश्त | ||
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| 16 गिरह = 1 गज | | 16 गिरह = 1 गज |
Revision as of 08:50, 24 January 2012
मनुष्य जीवन में नापतौल की बहुत ही महत्त्वपूर्ण भूमिका है। यह कहना कठिन है कि नापतौल पद्धति का आविष्कार कब और कैसे हुआ होगा किन्तु अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि मनुष्य के बौद्धिक विकास के साथ-साथ आपसी लेन-देन की परम्परा आरम्भ हुई और इस लेन-देन के लिए उसे नापतौल की आवश्यकता पड़ी। प्रागैतिहासिक काल से ही मनुष्य नापतौल पद्धतियों का प्रयोग करता रहा है। समय मापने के लिए वृक्षों की छाया को नापने के चलन से लेकर कोणार्क के सूर्य मन्दिर के चक्र तक अनेक पद्धतियों का प्रयोग किया जाता रहा है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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