पंजाब की लोककथा: Difference between revisions

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संगीत प्रधान लोकनाट्य के [[नौटंकी]] नाम के विषय में एक लोक प्रेमकथा प्रचलित है। ऐसा कहा जाता है कि [[पंजाब[[ के स्यालकोट के राजा राजोसिंह के छोटे बेटे फूलसिंह ने शिकार खेलकर लौटने पर भाभी से पीने के लिए पानी माँगा। भाभी ने पानी देने के स्थान पर व्यंग्य किया -  
संगीत प्रधान लोकनाट्य के [[नौटंकी]] नाम के विषय में एक लोक प्रेमकथा प्रचलित है। ऐसा कहा जाता है कि [[पंजाब]] के स्यालकोट के राजा राजोसिंह के छोटे बेटे फूलसिंह ने शिकार खेलकर लौटने पर भाभी से पीने के लिए पानी माँगा। भाभी ने पानी देने के स्थान पर व्यंग्य किया -  


'जाओ, मुल्तान की राजकुमारी नौटंकी से शादी कर लो।'  
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[[चित्र:Drama-1.jpg|thumb|250px|नौटंकी, बेंगलोर]] संगीत प्रधान लोकनाट्य के नौटंकी नाम के विषय में एक लोक प्रेमकथा प्रचलित है। ऐसा कहा जाता है कि पंजाब के स्यालकोट के राजा राजोसिंह के छोटे बेटे फूलसिंह ने शिकार खेलकर लौटने पर भाभी से पीने के लिए पानी माँगा। भाभी ने पानी देने के स्थान पर व्यंग्य किया -

'जाओ, मुल्तान की राजकुमारी नौटंकी से शादी कर लो।'

फूलसिंह मुल्तान पहुँच गया और शाही मालिन के द्वारा नौटंकी के पास एक हार भेज दिया। नौटंकी के पूछने पर मालिन ने कह दिया-

'मेरे भाँजे की वधू ने यह हार बनाया है।'

नौटंकी ने जब उसे भाँजे की वधू को भेजने के लिए कहा, तो फूलसिंह स्त्री के वेश में नौटंकी के शयनकक्ष में पहुँच गया। रात में साथ सोने के क्रम में फूलसिंह का यह भेद खुल गया और अंततः दोनों की शादी हो गई।

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