कोहिनूर हीरा: Difference between revisions
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*1849 ई॰ में महाराजा रणजीतसिंह की मृत्यु के बाद जब ईस्ट इंडिया कंपनी ने पंजाब पर अधिकार किया तो कोहिनूर को लंदन ले जाकर तत्कालीन महारानी विक्टोरिया को भेंट कर दिया। | *1849 ई॰ में महाराजा रणजीतसिंह की मृत्यु के बाद जब ईस्ट इंडिया कंपनी ने पंजाब पर अधिकार किया तो कोहिनूर को लंदन ले जाकर तत्कालीन महारानी विक्टोरिया को भेंट कर दिया। | ||
*आजकल यह लंदन के एक | *आजकल यह लंदन के एक क़िले में सुरक्षित है। | ||
Revision as of 06:12, 29 July 2010
- यह भारत का एक प्रसिद्ध हीरा है।
- 14वीं शताब्दी से पहले का इसका कोई विवरण ज्ञात नहीं है। यद्यपि बाबर के साथ भी इसका नाम जुड़ता है, पर निश्चित प्रमाण यह है कि यह औरंगज़ेब के पास था।
- 1739 ई॰ में दिल्ली की लूट के समय नादिरशाह कोहिनूर को भी लूटकर ले गया।
- उसकी मृत्यु के बाद यह क़ाबुल के एक अमीर के पास रहा जिससे 1813 ई॰ पंजाब के महाराजा रणजीतसिंह को मिल गया।
- 1849 ई॰ में महाराजा रणजीतसिंह की मृत्यु के बाद जब ईस्ट इंडिया कंपनी ने पंजाब पर अधिकार किया तो कोहिनूर को लंदन ले जाकर तत्कालीन महारानी विक्टोरिया को भेंट कर दिया।
- आजकल यह लंदन के एक क़िले में सुरक्षित है।