विटामिन के: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
No edit summary |
|||
Line 19: | Line 19: | ||
<references/> | <references/> | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
[[Category: | [[Category:जीव विज्ञान]][[Category:पोषण]][[Category:विज्ञान कोश]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
Revision as of 12:12, 24 March 2015
विटामिन के (अंग्रेज़ी: Vitamin K) वसा में घुलनशील विटामिन है। यह मानव शरीर के लिए अत्यंत ही आवश्यक है। सेहत के लिए जरूरी होने के बावजूद आमतौर पर इस विटामिन की चर्चा कम होती है। मान लिया जाता है कि इसका मुख्य कार्य महज रक्त बहने के दौरान उसे जमने में मदद करना है।
रक्त का थक्का जमाने में सहायक
विटामिन 'के' किसी भी प्रकार की चोट लगने पर रक्त जमने की प्रक्रिया में शामिल विभिन्न प्रोटीन, लवण और कैल्शियम को सक्रिय करके करता है। हालांकि हालिया शोध इसकी भूमिका इससे भी अधिक मानते हैं। इससे हड्डियों की सेहत में सुधार होता है, धमनियों में कैल्शियम को जमने से रोकने में मदद मिलती है, जिससे अचानक हृदयाघात (हार्ट अटैक) की आशंका कम हो जाती है। यह बुढ़ापे को दूर रखने में भी सहायक है।[1]
स्रोत
हमारे शरीर में विटामिन ‘के’ की प्रक्रिया दूसरे वसा घुलनशील विटामिनों 'ए', 'डी' और 'ई' से अलग होती है। शरीर इस विटामिन में मौजूद रक्त घटकों को जरूरत पड़ने पर रक्त वाहिनियों में रिसाइकिल करता है। विटामिन ‘के’ शरीर में विटामिन के-1 और विटामिन के-2, दो रूपों में ग्रहण किया जाता है। विटामिन के-1 आहार खासतौर पर वनस्पति पदार्थों से मिलता है। हरी पत्तेदार सब्जियों, हरी और बैंगनी गोभी और अन्य रंग-बिरंगी सब्जियों में विटामिन ‘के’ प्रचुर मात्र में होता है।विटामिन के-2 मांसाहारी उत्पादों, जैसे- चिकन लिवर और गेस्ट्रोइंटेस्टिनल में मौजूद अरबों बैक्टीरिया से मिलता है। शरीर में वसा ग्रहण करने की प्रक्रिया में गड़बड़ी होने से शरीर में विटामिन ‘के’ को ग्रहण न कर पाने की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। इसी तरह रक्त को पतला करने की दवाएं या एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन भी विटामिन ‘के’ के मेटाबॉलिज्म को प्रभावित करता है।
- पालक, सरसों, शलगम के पत्ते, मेथी व अन्य हरी पत्तेदार सब्जियों को हर रोज कम से कम एक बार आहार में शामिल करें।
- हरी व बैंगनी गोभी, हरा साग नियमित रूप से खाएं।
- अंडों में भी विटामिन ‘के’ प्रचुर मात्रा में होता है।
- अंगूर, स्ट्रॉबेरी और किवी जैसे फलों तथा टमाटर, लाल और पीली शिमला मिर्च में कई विटामिन पाए जाते हैं।
- जैतून के तेल में भी विटामिन ‘के’ होता है।[1]
कार्य
मानव शरीर में कैल्शियम भी हड्डियों को मजबूत बनाने का काम करता है, पर आंतों में कैल्शियम की परत न जमे, इसमें कैल्शियम ‘के’ की भूमिका होती है। विटामिन ‘के’ विटामिन ई की तरह अच्छे एंटीऑक्सीडेंट का काम भी करता है, जो फ्री रेडिकल्स को यकृत को नुकसान पहुंचाने से रोकता है। विशेषज्ञों के अनुसार वयस्क महिला के लिए हर रोज कम से कम 90 एमजी और पुरुष के लिए 120 एमजी विटामिन ‘के’ की जरूरत होती है।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 शरीर के लिए जरूरी है विटामिन के (हिन्दी) हिन्दुस्तान। अभिगमन तिथि: 24 मार्च, 2015।