दिल्ली सल्तनत: Difference between revisions
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दिल्ली सल्तनत की स्थापना 1206 ई॰ में की गई। इस्लाम की स्थापना के परिणामस्वरूप अरब और मध्य [[एशिया]] में हुए धार्मिक और राजनैतिक परिवर्तनों ने जिस प्रसारवादी गतिविधियों को प्रोत्साहित किया, दिल्ली सल्तनत की स्थापना उसी का परिणाम थी। बाद के काल में मंगोलों के आक्रमण से इस्लामी जगत भयभीत था। उसके आतंक के कारण इस्लाम के जन्म स्थान से इस्लामी राजसत्ता के पाँव उखड़ गये थे। इस स्थिति में दिल्ली सल्तनत इस्लाम को मानने वाले संतों, विद्वानों, साहित्यकारों और शासकों की शरणस्थली बन गयी थी। | दिल्ली सल्तनत की स्थापना 1206 ई॰ में की गई। इस्लाम की स्थापना के परिणामस्वरूप अरब और मध्य [[एशिया]] में हुए धार्मिक और राजनैतिक परिवर्तनों ने जिस प्रसारवादी गतिविधियों को प्रोत्साहित किया, दिल्ली सल्तनत की स्थापना उसी का परिणाम थी। बाद के काल में मंगोलों के आक्रमण से इस्लामी जगत भयभीत था। उसके आतंक के कारण इस्लाम के जन्म स्थान से इस्लामी राजसत्ता के पाँव उखड़ गये थे। इस स्थिति में दिल्ली सल्तनत इस्लाम को मानने वाले संतों, विद्वानों, साहित्यकारों और शासकों की शरणस्थली बन गयी थी। | ||
Revision as of 14:07, 22 August 2010
दिल्ली सल्तनत की स्थापना 1206 ई॰ में की गई। इस्लाम की स्थापना के परिणामस्वरूप अरब और मध्य एशिया में हुए धार्मिक और राजनैतिक परिवर्तनों ने जिस प्रसारवादी गतिविधियों को प्रोत्साहित किया, दिल्ली सल्तनत की स्थापना उसी का परिणाम थी। बाद के काल में मंगोलों के आक्रमण से इस्लामी जगत भयभीत था। उसके आतंक के कारण इस्लाम के जन्म स्थान से इस्लामी राजसत्ता के पाँव उखड़ गये थे। इस स्थिति में दिल्ली सल्तनत इस्लाम को मानने वाले संतों, विद्वानों, साहित्यकारों और शासकों की शरणस्थली बन गयी थी।
दिल्ली सल्तनत की स्थापना भारतीय इतिहास में युगांतकारी घटना है। शासन को यह नवीन स्वरूप भारत की पूर्ववर्ती राजव्यवस्थाओं से भिन्न था। इस काल के शासक एक ऐसे धर्म के अनुयायी थे, जो कि साधारण धर्म से भिन्न था। शासकों द्वारा सत्ता के अभूतपूर्व केन्द्रीकरण और कृषक वर्ग के शोषण का भारतीय इतिहास में कोई उदाहरण नहीं मिलता है। दिल्ली सल्तनत का काल 1206 ई0 से प्रारम्भ होकर 1562 ई0 तक रहा। 320 वर्षों के इस लम्बे काल में भारत में मुस्लिमों का शासन व्याप्त रहा। दिल्ली सल्तनत के अधीन निम्नलिखित 5 वंशों का शासन रहा—
- मामलूक अथवा गुलाम वंश (1206 से 1290 ई॰)
- ख़िलजी वंश (1290 से 1320 ई॰)
- तुग़लक़ वंश (1320 से 1414 ई॰)
- सैय्यद वंश (1414 से 1451 ई॰)
- लोदी वंश (1451 से 1526 ई॰)
दिल्ली सल्तनत पर शासन करने वाले वंश एवं उनके शासक व शासन काल
- गुलाम वंश
- कुतुबी राजवंश;
शासक
- कुतुबुद्दीन ऐबक (संस्थापक 1206 से 1210 ई॰)
- आराम शाह (1210 से 1211 ई॰)
- शम्सी राजवंश;
शासक
- इल्तुतमिश (संस्थापक (1211 से 1236 ई॰)
- रुक्नुद्दीन फ़िरोज (1236 ई॰)
- रज़िया सुल्तान (1236 से 1240 ई॰)
- मुईजुद्दीन बहरामशाह (1240 से 1242 ई॰)
- अलाउद्दीन मसूदशाह (1242 से 1246 ई॰)
- नासिरुद्दीन महमूद (1246 से 1266 ई॰)
- बलबनी राजवंश
- गयासुद्दीन बलबन (संस्थापक 1266 से 1286 ई॰)
- कैकुबाद एवं शम्सुद्दीन क्यूमर्स (1287 से 1290 ई॰)
- खिलजी वंश
- जलालुद्दीन फ़िरोज ख़िलजी (संस्थापक 1290 से 1296 ई॰)
- अलाउद्दीन ख़िलजी (1296 से 1316 ई॰)
- शिहाबुद्दीन उमर (1316 ई॰)
- कुतुबुद्दीन मुबारक ख़िलजी (1316 से 1320 ई॰)
- नासिरुद्दीन खुसरवशाह [(हिन्दू से मुसलमान बना) (15 अप्रैल से 27 अप्रैल, 1320 ई॰)]
- तुग़लक़ वंश
- ग़यासुद्दीन तुग़लक़ (संस्थापक 1320 से 1325 ई॰)
- मुहम्मद बिन तुग़लक़ (1325 से 1351 ई॰)
- फ़िरोज शाह तुग़लक़ (1351 से 1388 ई॰)
- गयासुद्दीन तुग़लक द्वितीय (तुग़लकशाह 1388 से 1389 ई॰)
- अबूबक्र (फरवरी 1389 से अगस्त, 1390 ई॰)
- नासिरुद्दीन मुहम्मदशाह (1390 से 1394 ई॰)
- अलाउद्दीन सिकन्दरशाह (हुमायूँ 1394 ई॰)
- नासिरुद्दीन महमूद (1394 से 1412 ई॰)
- सैय्यद वंश
- खिज्र ख़ाँ (संस्थापक 1414 से 1421 ई॰)
- मुबारकशाह (1421 से 1434 ई॰)
- मुहम्मदशाह (1434 से 1445 ई॰)
- अलाउद्दीन आलमशाह (1445 से 1450 ई॰)
- लोदी वंश
- बहलोल लोदी (संस्थापक 1451 से 1489 ई॰)
- सिकन्दरशाह लोदी (1489 से 1517 ई॰)
- इब्राहीम लोदी (1517 से 1526 ई॰)
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