बक्सर का युद्ध: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "॰" to ".") |
गोविन्द राम (talk | contribs) No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
बक्सर का युद्ध 22 अक्तूबर, सन 1764 ई. मेजर हेक्टर मुनरो के नेतृत्व में [[ईस्ट इंडिया कंपनी]] की फ़ौज़ों और मुग़ल बादशाह आलम, [[अवध]] के मुग़ल नवाब [[शुज़ाउद्दौला]] तथ [[बंगाल]] के सत्ताच्युक्त नवाब [[मीर क़ासिम]] के बीच लड़ा गया। सन 1757 ई. में पलासी की आरंभिक सफलता के बाद इस निर्णायक युद्ध ने बंगाल और [[बिहार]] पर अंग्रेज़ों के आधिपत्य की पुष्टि कर दी। कहा जाता है कि [[ | बक्सर का युद्ध 22 अक्तूबर, सन 1764 ई. मेजर हेक्टर मुनरो के नेतृत्व में [[ईस्ट इंडिया कंपनी]] की फ़ौज़ों और मुग़ल बादशाह आलम, [[अवध]] के मुग़ल नवाब [[शुज़ाउद्दौला]] तथ [[बंगाल]] के सत्ताच्युक्त नवाब [[मीर क़ासिम]] के बीच लड़ा गया। सन 1757 ई. में पलासी की आरंभिक सफलता के बाद इस निर्णायक युद्ध ने बंगाल और [[बिहार]] पर अंग्रेज़ों के आधिपत्य की पुष्टि कर दी। कहा जाता है कि [[प्लासी युद्ध|पलासी के युद्ध]] से ‘सत्ता परिवर्तन’ हुआ था और बक्सर के युद्ध ने ‘अधिकारों’ का सृजन किया। इस लड़ाई से बंगाल पर कठपुतली नवाब के माध्यम से शासन करने के प्रयास का अंत हुआ और इसके बाद ईस्ट इंडिया कंपनी ने उस पर नियंत्रण कर लिया। सन1765 ई. में कंपनी को बंगाल में राजस्व वसूली का अधिकार मिल गया और [[रॉबर्ट क्लाइव]] ने गवर्नर के रूप में अपना दूसरा कार्यकाल शुरू किया, जो सन 1767 ई. तक चला था। | ||
{{लेख प्रगति | {{लेख प्रगति | ||
Line 8: | Line 8: | ||
|शोध= | |शोध= | ||
}} | }} | ||
[[Category: | [[Category:इतिहास कोश]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
Revision as of 11:32, 28 August 2010
बक्सर का युद्ध 22 अक्तूबर, सन 1764 ई. मेजर हेक्टर मुनरो के नेतृत्व में ईस्ट इंडिया कंपनी की फ़ौज़ों और मुग़ल बादशाह आलम, अवध के मुग़ल नवाब शुज़ाउद्दौला तथ बंगाल के सत्ताच्युक्त नवाब मीर क़ासिम के बीच लड़ा गया। सन 1757 ई. में पलासी की आरंभिक सफलता के बाद इस निर्णायक युद्ध ने बंगाल और बिहार पर अंग्रेज़ों के आधिपत्य की पुष्टि कर दी। कहा जाता है कि पलासी के युद्ध से ‘सत्ता परिवर्तन’ हुआ था और बक्सर के युद्ध ने ‘अधिकारों’ का सृजन किया। इस लड़ाई से बंगाल पर कठपुतली नवाब के माध्यम से शासन करने के प्रयास का अंत हुआ और इसके बाद ईस्ट इंडिया कंपनी ने उस पर नियंत्रण कर लिया। सन1765 ई. में कंपनी को बंगाल में राजस्व वसूली का अधिकार मिल गया और रॉबर्ट क्लाइव ने गवर्नर के रूप में अपना दूसरा कार्यकाल शुरू किया, जो सन 1767 ई. तक चला था।
|
|
|
|
|