प्रयोग:कविता सा.-1: Difference between revisions
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{हिंदू कवि 'केशव' की कृति '[[रसिकप्रिया|रसिक प्रिया]]' पर किस मुगल शासक ने चित्र बनवाए? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-69,प्रश्न-85 | {हिंदू कवि 'केशव' की कृति '[[रसिकप्रिया|रसिक प्रिया]]' पर किस मुगल शासक ने चित्र बनवाए? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-69,प्रश्न-85 | ||
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-टिटिरेन्ट्टो | -टिटिरेन्ट्टो | ||
||[[इंग्लैंड]] के भू-दृश्य (लैंडस्केप) [[चित्रकार|चित्रकारों]] में जोसेफ मैलॉर्ड विलियम टर्नर (1775-1851 ई.) को अद्भुत प्रतिभाशाली एवं संयमी कलाकार माना जाता है। उनका कार्य प्रभाववादियों के लिए एक रोमांटिक प्रस्तावना के रूप में जाना जाता है। वह अपने तैल चित्रों के लिए प्रसिद्ध थे। वर्ष 1839 में उनके द्वारा चित्रित चित्र 'द फाइटिंग टेंपरेरी' तैलीय माध्यम में बनी हुई है। वह ब्रिटिश वाटरकलर लैंडस्केप चित्रकारी के महानतम पुरोधा भी थे। टर्नर ने अपनी कला के द्वारा [[प्रकाश]] का प्रयोग विकसित किया। | ||[[इंग्लैंड]] के भू-दृश्य (लैंडस्केप) [[चित्रकार|चित्रकारों]] में जोसेफ मैलॉर्ड विलियम टर्नर (1775-1851 ई.) को अद्भुत प्रतिभाशाली एवं संयमी कलाकार माना जाता है। उनका कार्य प्रभाववादियों के लिए एक रोमांटिक प्रस्तावना के रूप में जाना जाता है। वह अपने तैल चित्रों के लिए प्रसिद्ध थे। वर्ष 1839 में उनके द्वारा चित्रित चित्र 'द फाइटिंग टेंपरेरी' तैलीय माध्यम में बनी हुई है। वह ब्रिटिश वाटरकलर लैंडस्केप चित्रकारी के महानतम पुरोधा भी थे। टर्नर ने अपनी कला के द्वारा [[प्रकाश]] का प्रयोग विकसित किया। | ||
{[[इंग्लैंड]] के प्रमुख भू-दृश्य चित्रकार का नाम है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-117,प्रश्न-17 | |||
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-वान गॉग | |||
+कांस्टेबल | |||
-जिओतो | |||
-टिशियन | |||
||आधुनिक काल के प्रणेताओं में गोया, दाविए तथा टर्नर के साथ ही जॉन कांस्टेबल का नाम लिखा जाता है। टर्नर की भांति वह प्राकृतिक दृश्य को किसी पौराणिक अथवा ऐतिहासिक कथानक से या प्रतीक से जोड़कर प्रस्तुत नहीं करता था अपितु किसी भी सरल, सुपरिचित स्थान को सरल विधि से ही अंकित करना चाहता था। इसलिए उसके दृश्य-चित्र 'प्रकृत्याश्रित' कहे जाते हैं। | |||
{एक प्रसिद्ध कला समीक्षक हैं- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-146,प्रश्न-64 | |||
|type="()"} | |||
+ए.एन. रमन | |||
-आर.के. नारायण | |||
-[[गिरीश कर्नाड]] | |||
-[[सत्यदेव दूबे]] | |||
||ए.एस. रमन-कला समीक्षक, आर.के. नारायण-लेखक, [[गिरीश कर्नाड]]-लेखक, फिल्म कलाकार, [[सत्यदेव दूबे]]-थियेटर निर्देशक, फिल्म कलाकार | |||
{[[महात्मा गांधी]] कला वीथिका कहां स्थित है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-226,प्रश्न-308 | |||
|type="()"} | |||
-[[लखनऊ]] | |||
-[[वाराणसी]] | |||
-[[कानपुर]] | |||
+[[इलाहाबाद]] | |||
||[[महात्मा गांधी]] कला वीथिका [[इलाहाबाद]] में उत्तर-मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (NCZCC) में थित है। यह वर्ष 1997 में स्थापित की गई थी। | |||
{अजंता में पूर्ण चित्रित गुफाओं की संख्या के विषय में निम्नलिखित विकल्पों में से कौन-सा सही है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-30,प्रश्न-8 | |||
|type="()"} | |||
-07 | |||
-09 | |||
+06 | |||
-11 | |||
||अजंता में पूर्ण चित्रित गुफाओं की संख्या 6 है। | |||
{निम्नलिखित भारतीय कलाकारों में बिंदुवादी कलाकार कौन है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-94,प्रश्न-3 | |||
|type="()"} | |||
-के.के. हेब्बर | |||
-डॉ. राम कंवर | |||
-तैय्यब मेहता | |||
+एन.एस. ब्रेंद्रे | |||
||बिंदुवादी का अंग्रेजी रूपांतरण Pointillism है। एन.एस. ब्रेंद्रे एक बिंदुवादी कलाकार थे। जीवन के अंतिम पांच वर्षों में उन्होंने अपनी कला में बिंदुवादी के संकेत प्रस्तुत किए। | |||
{'[[रौद्र रस]]' का रंग क्या है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-156,प्रश्न-16 | |||
|type="()"} | |||
-[[नीला रंग|नीला]] | |||
-[[काला रंग|काला]] | |||
+[[लाल रंग|लाल]] | |||
-[[पीला रंग|पीला]] | |||
||प्रकृति के विभिन्न रंग, विभिन्न रस के प्रतीक हैं। लाल रंग, रौद्र और श्वेत रंग, वीर रस का प्रतीक है तो श्याम रंग, शृंगार का, भूरा (कपोत), करुण रस का, काला, भयानक रस का, नीला, वीभत्स रस का द्योतक है। इसी प्रकार पीला, अद्भुत रस का वर्ण है। | |||
{[[मदर टेरेसा]] किसने चित्रित किया? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-100,प्रश्न-17 | |||
|type="()"} | |||
-[[सतीश गुजराल]] | |||
-विवान सुंदरम | |||
-[[मंजीत बावा|मंजीत बाबा]] | |||
+[[एम.एफ. हुसैन]] | |||
||एम.एफ. हुसैन प्रसिद्ध चित्र 'नीली रात' के [[चित्रकार]] हैं। इनकी कला यथार्थवादी चित्रांकन से लेकर उन्नीसवीं शताब्दी की ब्रिटिश अकादमिक परंपरा से संभावित शैली का प्रतिनिधित्व करती है। इन्होंने कई फिल्में बनाई जिनमें मीनाक्षी, गजगामिनी,थ्रू द आइज ऑफ पेंटर आदि इनकी प्रमुख फिल्में हैं। साथ ही सुप्रसिद्ध चित्र शृंखलाएं भी बनाई जिसमें प्रमुख हैं- सरस्वती, मदर टेरेसा, घोड़े, माधुरी, जमीन, लैंप और मकड़ी, दो स्त्रियों का संवाद, मुर्गा, अंतिम भोज, राइडर्ज, आपातकाल, ढोलकिया, नीला रात, जापान में प्रेमी, दुपट्टों में तीन औरतें, बनारस के घाट तथा भारतमाता (यह चित्र काफी विवादास्पद रहा) आदि। | |||
{बूंदी चित्र शैली की रंग योजना है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-53,प्रश्न-6 | |||
|type="()"} | |||
-धूमिल | |||
+चटकोली | |||
-हल्की रंग योजना | |||
-स्याही से रेखांकन | |||
||बूंदी शैली की रंग योजना चटकोली है। बूंदी शैली चित्रों में नारंगी एवं हरे रंग की प्रधानता है। इसके अतिरिक्त पीला, लाल, गेरू, हिरौंजी तथा रामरज रंगों का प्रयोग भी बूंदी शैली में प्रमुखता से मिलता है। | |||
{अबनीन्द्रनाथ टैगोर जाने जाते हैं, इसके लिए- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-79,प्रश्न-16 | |||
|type="()"} | |||
-सेरीग्राफी | |||
-अपारदर्शी वर्ण चित्रण | |||
+जलरंग तकनीक | |||
-पोर्ट रैचर | |||
||वॉश पेंटिंश (जलरंग तकनीक) का प्रारंभ शांति निकेतन कला महाविद्यालय, कोलकाता (कलकत्ता) से हुआ। | |||
{अबनीन्द्रनाथ टैगोर जाने जाते हैं, इसके लिए- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-79,प्रश्न-16 | |||
|type="()"} | |||
-सेरीग्राफी | |||
-अपारदर्शी वर्ण चित्रण | |||
+जलरंग तकनीक | |||
-पोर्ट रैचर | |||
||वॉश पेंटिंश (जलरंग तकनीक) का प्रारंभ शांति निकेतन कला महाविद्यालय, कोलकाता (कलकत्ता) से हुआ। | |||
{पुनर्जागरण कला का शिखर काल है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-110,प्रश्न-57 | |||
|type="()"} | |||
-1480-1507 ई. | |||
-1490-1517 ई. | |||
+1500-1527 ई. | |||
-1510-1537 ई. | |||
||पुनर्जागरण कला का शिखर काल 1500-1527 ई. का है। इस कला का आरंभकर्ता दोनाटो ब्रमंति था। | |||
{कपड़े पर चित्रित चित्रकला का मुख्य स्थल है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-173,प्रश्न-60 | |||
|type="()"} | |||
-जोधपुर | |||
-जयपुर | |||
+उदयपुर | |||
-कोटा | |||
||कपड़े पर चित्रित चित्रकला का मुख्य स्थल उदयपुर है। | |||
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Revision as of 12:20, 20 December 2017
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