अलबेरूनी: Difference between revisions

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*इसका असली नाम अबूरैहान मुहम्मद था, पर प्रसिद्ध अलबेरूनी नाम से ही है जिसका अर्थ होता है—उस्ताद।  
*इसका असली नाम 'अबूरैहान मुहम्मद' था, पर प्रसिद्ध अलबेरूनी नाम से ही है जिसका अर्थ होता है—उस्ताद।  
*अलबेरूनी, जो 'अबूरिहान' नाम से भी जाना जाता था, 973 ई. में ख्वारिज्म (खीवा) में पैदा हुआ। 1017 ई. में ख्वारिज्म को [[महमूद ग़ज़नवी]] द्वारा जीते जाने पर अलबेरूनी को उसने 'राज ज्योतिष' के पद पर नियुक्त किया।
*बाद में महमूद के साथ अलबेरूनी [[भारत]] आया। इसने अपनी पुस्तक ‘तहकीक-ए-हिन्द‘ अर्थात किताबुल हिंद में राजपूतकालीन समाज, धर्म, रीतिरिवाज आदि पर सुन्दर प्रकाश डाला है।
*यह [[महमूद ग़ज़नवी|सुल्तान महमूद]] की सेना के साथ [[भारत]] आया था और अनेक वर्षों तक [[भारत]] रहा।   
*यह [[महमूद ग़ज़नवी|सुल्तान महमूद]] की सेना के साथ [[भारत]] आया था और अनेक वर्षों तक [[भारत]] रहा।   
*अलबेरूनी बड़ा प्रतिभा सम्पन्न व्यक्ति था।  [[भारत]] आकर इसने [[संस्कृत]] भाषा सीखी और शास्त्रों का अध्ययन किया।  अपने अध्ययन का निचोड़ इसने 'तहकीक-ए-हिन्द' अर्थात [[भारत]] की खोज नामक पुस्तक में दिया है। इससे मुसलमानों के आक्रमण से पहले की भारतीय संस्कृति और इतिहास का परिचय मिलता है।   
*अलबेरूनी बड़ा प्रतिभा सम्पन्न व्यक्ति था।  [[भारत]] आकर इसने [[संस्कृत]] भाषा सीखी और शास्त्रों का अध्ययन किया।  अपने अध्ययन का निचोड़ इसने 'तहकीक-ए-हिन्द' अर्थात [[भारत]] की खोज नामक पुस्तक में दिया है। इससे मुसलमानों के आक्रमण से पहले की भारतीय संस्कृति और इतिहास का परिचय मिलता है।   
*अलबेरूनी की लिखी हुई अनेक पुस्तकें अब प्राप्त नहीं हैं।  
*अलबेरूनी की लिखी हुई अनेक पुस्तकें अब प्राप्त नहीं हैं।  
*'पुरानी कौमों का इतिहास' नामक प्राप्त पुस्तक उसकी विद्वता पर अच्छा प्रकाश डालती है।
*'पुरानी कौमों का इतिहास' नामक प्राप्त पुस्तक उसकी विद्वता पर अच्छा प्रकाश डालती है।
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{विदेशी यात्री}}
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Revision as of 07:37, 22 September 2010

  • इसका असली नाम 'अबूरैहान मुहम्मद' था, पर प्रसिद्ध अलबेरूनी नाम से ही है जिसका अर्थ होता है—उस्ताद।
  • अलबेरूनी, जो 'अबूरिहान' नाम से भी जाना जाता था, 973 ई. में ख्वारिज्म (खीवा) में पैदा हुआ। 1017 ई. में ख्वारिज्म को महमूद ग़ज़नवी द्वारा जीते जाने पर अलबेरूनी को उसने 'राज ज्योतिष' के पद पर नियुक्त किया।
  • बाद में महमूद के साथ अलबेरूनी भारत आया। इसने अपनी पुस्तक ‘तहकीक-ए-हिन्द‘ अर्थात किताबुल हिंद में राजपूतकालीन समाज, धर्म, रीतिरिवाज आदि पर सुन्दर प्रकाश डाला है।
  • यह सुल्तान महमूद की सेना के साथ भारत आया था और अनेक वर्षों तक भारत रहा।
  • अलबेरूनी बड़ा प्रतिभा सम्पन्न व्यक्ति था। भारत आकर इसने संस्कृत भाषा सीखी और शास्त्रों का अध्ययन किया। अपने अध्ययन का निचोड़ इसने 'तहकीक-ए-हिन्द' अर्थात भारत की खोज नामक पुस्तक में दिया है। इससे मुसलमानों के आक्रमण से पहले की भारतीय संस्कृति और इतिहास का परिचय मिलता है।
  • अलबेरूनी की लिखी हुई अनेक पुस्तकें अब प्राप्त नहीं हैं।
  • 'पुरानी कौमों का इतिहास' नामक प्राप्त पुस्तक उसकी विद्वता पर अच्छा प्रकाश डालती है।

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