अदहम ख़ाँ: Difference between revisions

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अदहम ख़ाँ बादशाह [[अकबर]] की दूध माँ माहम अनगा का लड़का था। उसने अकबर को [[बैरम ख़ाँ]] के विरुद्ध करने के षड़यंत्र में भाग लिया और अकबर ने 1560 ई. में बैरम ख़ाँ को बर्ख़ास्त कर दिया। इसके बाद दो वर्ष तक अकबर पर अहमद ख़ाँ का भारी प्रभाव रहा। अकबर ने [[मालवा]] जीतने के लिए जो सेना भेजी, उसका प्रधान सेनापति अहमद ख़ाँ का बनाया। 1562 ई. में उसने शम्शुद्दीन [[अतगा ख़ाँ]] को, जिसे अकबर ने अपना मंत्री बनाया था, महल के अन्दर क़त्ल कर दिया। इससे बादशाह इतना नाराज़ हुआ कि उसने उसे क़िले की दीवार से नीचे फेंककर मार डालने का हुक़्म दिया।<ref>भारतीय इतिहास कोश पृष्ठ संख्या-07</ref>
अदहम ख़ाँ बादशाह [[अकबर]] की दूध माँ माहम अनगा का लड़का था। उसने अकबर को [[बैरम ख़ाँ]] के विरुद्ध करने के षड़यंत्र में भाग लिया और अकबर ने 1560 ई. में बैरम ख़ाँ को बर्ख़ास्त कर दिया। इसके बाद दो वर्ष तक अकबर पर अहमद ख़ाँ का भारी प्रभाव रहा। अकबर ने [[मालवा]] जीतने के लिए जो सेना भेजी, उसका प्रधान सेनापति अहमद ख़ाँ का बनाया। 1562 ई. में उसने शम्शुद्दीन [[अतगा ख़ाँ]] को, जिसे अकबर ने अपना मंत्री बनाया था, महल के अन्दर क़त्ल कर दिया। इससे बादशाह इतना नाराज़ हुआ कि उसने उसे क़िले की दीवार से नीचे फेंककर मार डालने का हुक़्म दिया।<ref>भारतीय इतिहास कोश पृष्ठ संख्या-07</ref>
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अदहम ख़ाँ बादशाह अकबर की दूध माँ माहम अनगा का लड़का था। उसने अकबर को बैरम ख़ाँ के विरुद्ध करने के षड़यंत्र में भाग लिया और अकबर ने 1560 ई. में बैरम ख़ाँ को बर्ख़ास्त कर दिया। इसके बाद दो वर्ष तक अकबर पर अहमद ख़ाँ का भारी प्रभाव रहा। अकबर ने मालवा जीतने के लिए जो सेना भेजी, उसका प्रधान सेनापति अहमद ख़ाँ का बनाया। 1562 ई. में उसने शम्शुद्दीन अतगा ख़ाँ को, जिसे अकबर ने अपना मंत्री बनाया था, महल के अन्दर क़त्ल कर दिया। इससे बादशाह इतना नाराज़ हुआ कि उसने उसे क़िले की दीवार से नीचे फेंककर मार डालने का हुक़्म दिया।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. भारतीय इतिहास कोश पृष्ठ संख्या-07