कटक: Difference between revisions
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कटक वर्तमान [[उड़ीसा]] की मध्ययुगीन राजधानी था, जिसे पद्मावती भी कहते थे। यह नगर [[महानदी]] व उसकी सहायक नदी काठजूड़ी के मिलन स्थल पर बना है। | कटक वर्तमान [[उड़ीसा]] की मध्ययुगीन राजधानी था, जिसे पद्मावती भी कहते थे। यह नगर [[महानदी]] व उसकी सहायक नदी काठजूड़ी के मिलन स्थल पर बना है। | ||
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Revision as of 18:34, 25 February 2011
[[चित्र:High-Court-Orissa.jpg|thumb|250px|उड़ीसा उच्च न्यायालय, कटक
Orissa High Court, Cuttack]]
कटक वर्तमान उड़ीसा की मध्ययुगीन राजधानी था, जिसे पद्मावती भी कहते थे। यह नगर महानदी व उसकी सहायक नदी काठजूड़ी के मिलन स्थल पर बना है।
इतिहास
यह केशरी वंशीय राजा नृपति केशरी द्वारा 941 ई. में बसाया गया था। कटक के पास ही विरुपा नदी बहती है, जो अपने प्राचीन बाँध के कारण जानी जाती है। यहाँ दुर्ग प्राचीन है, लेकिन अब इसके ध्वंसावशेष ही बाकी हैं। गंग वंशीय शासक अनंग भीमदेव द्धारा निर्मित बारह-बाटी नामक क़िले के खण्डहर यहाँ से एक मील दूर काठजूड़ी के तट पर हैं। भीमदेव ने 1180 ई. में यह क़िला बनवाया था। कहा जाता है, कि वर्तमान पुरी के जगन्नाथ मन्दिर का निर्माण भी उसी ने करवाया था। कटक मुग़लों के पतन के बाद मराठों के अधिकार में आ गया। यहाँ पर जुआंग जनजाति के लोग रहा करते थे।
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