बिहारीमल: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
('*बिहारीमल आमेर का राजा था, जो राजनीति में यथार्थवाद क...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
m (Adding category Category:इतिहास कोश (को हटा दिया गया हैं।))
Line 20: Line 20:
<references/>
<references/>
[[Category:नया पन्ना]]
[[Category:नया पन्ना]]
[[Category:इतिहास कोश]]
__INDEX__
__INDEX__

Revision as of 10:53, 3 March 2011

  • बिहारीमल आमेर का राजा था, जो राजनीति में यथार्थवाद का अनुगामी था।
  • वह राजपूताना के उन राजपूत शासकों में अग्रणी था, जिन्होंने मुग़लों का विरोध करने की नीति की निरर्थकता समझ ली थी।
  • उसने बाबर की और उसके उपरान्त हुमायूँ की अधीनता स्वीकार कर ली।
  • 1555 ई. में उसकी भेंट अकबर से हुई, जिसने उसका समुचित सत्कार किया।
  • 1561 ई. में अजमेर के ज़ागीरदार ने बिहारीमल पर आक्रमण करके उसके कुछ इलाक़ों को दबा लिया और इसके पुत्र को बंधक के रूप में अपने पास रख लिया।
  • बिहारीमल ने अपने राज्य को बचाने के लिए अकबर की अधीनता स्वीकार कर ली और अपनी पुत्री का विवाह उसके साथ करके मैत्री सम्बन्ध को और भी मज़बूत बना लिया।
  • यह सम्बन्ध सुखद सिद्ध हुआ और यही राजकुमारी अकबर के ज्येष्ठ पुत्र जहाँगीर की मां बनी।
  • राजा बिहारीमल ने अपने पुत्र भगवानदास तथा दत्तक पौत्र मानसिंह के साथ बादशाह अकबर की नौकरी कर ली और इन सबको ऊँचे मनसब दिये गए।
  • इस प्रकार बिहारीमल ने अपनी नीति से आमेर (जयपुर) को मुग़लों की लूटपाट तथा बरबादी से बचाकर जयपुर रियासत को राजपूताने की सबसे धनी और कलाकौशलपूर्ण रियासत बना दिया।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ