बसोहली: Difference between revisions

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==संबंधित लेख==
{{जम्मू और कश्मीर के पर्यटन स्थल}}
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Revision as of 13:18, 4 March 2011

  • बसोहली जम्मू के जसरोटा ज़िले में स्थित है।
  • बसोहली की ख्याति उत्तर मध्य युग में हुई थी।
  • बसोहली रावी के दाहिनी किनारे पर बालोर से 19 किमी. दूर स्थित है।
  • बसोहली में अब यहाँ महलों के खण्डहर मात्र शेष रह गये हैं। इस जगह के बारे ऐसा कहा जाता है कि कुल्लू के राजकुमार भोगपाल ने राणा बिल्लो को हराकर इस राज्य की नींव 765 ई. के आस-पास डाली थी।
  • सन 1630 ई. में बसोहली को राज्य की राजधानी बनने का सौभाग्य मिला।
  • यहाँ के राजा संग्रामपाल (1635-1673 ई.) की दारा शिकोह से मित्रता के कारण अकबर के समय रोपी गयी पहाड़ी चित्रकला को पल्लवित और पुष्पित होने का सुअवसर मिला।
  • ये आगे चलकर किरपाल पाल (1678-1694 ई.), जो स्वयं भी विद्याव्यसनी एवं कला प्रेमी था, के समय में बसोहली कलम के प्राचीन रूप को सँवारने का कार्य किया गया।
  • इसके समय में राजमंजरी की एक सचित्र प्रति 1694-95 ई. में तैयार की गयी, जो इस शैली का सबसे पहला ज्ञात कार्य है। इसे देवीदास नामक चित्रकार ने तैयार किया था।
  • बसोहली के शासक राजा मेदनी पाल (1725-1736 ई.), जितपाल (1736-1757 ई.), अमृतपाल (1757-1779 ई.) आदि के समय बसोहली में कलम की आभा विकसित हुई।



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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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