कर्ष: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
('{{शब्द संदर्भ लघु |हिन्दी=आकर्षण, खिंचाव, अपनी ओर खींच...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
No edit summary
Line 3: Line 3:
|व्याकरण=पुल्लिंग, धातु
|व्याकरण=पुल्लिंग, धातु
|उदाहरण=<poem>यौवन दुर्धर्ष '''कर्ष'''-मर्ष से लड़ा।--[[सूर्यकांत त्रिपाठी निराला]] (अनामिका, 14)</poem>
|उदाहरण=<poem>यौवन दुर्धर्ष '''कर्ष'''-मर्ष से लड़ा।--[[सूर्यकांत त्रिपाठी निराला]] (अनामिका, 14)</poem>
|विशेष='''कर्ष''' एक प्रकार का पुराना सिक्का है जिसे ‘दूण’ भी कहते थे। '''कर्ष''' कृ धातु से बना है जिसमें उकेरना, खींचना, लकीर खींचना, निकालना आदि भाव शामिल हैं। कार्षापण नामक स्वर्णमुद्रा के नामकरण में भी कर्ष ही है।<ref>{{cite web |url=http://shabdavali.blogspot.com/2009/02/17.html |title=निष्क से बना तनिष्क [सिक्का-17] |accessmonthday=[[9 मार्च]] |accessyear=[[2011]] |last= |first= |authorlink= |format=एच.टी.एम.एल |publisher=शब्दों का सफ़र |language=[[हिन्दी]] }}</ref>
|विशेष='''कर्ष''' एक प्रकार का पुराना सिक्का है जिसे ‘दूण’ भी कहते थे। '''कर्ष''' कृ धातु से बना है जिसमें उकेरना, खींचना, लकीर खींचना, निकालना आदि भाव शामिल हैं। कार्षापण नामक स्वर्णमुद्रा के नामकरण में भी '''कर्ष''' ही है।<ref>{{cite web |url=http://shabdavali.blogspot.com/2009/02/17.html |title=निष्क से बना तनिष्क [सिक्का-17] |accessmonthday=[[9 मार्च]] |accessyear=[[2011]] |last= |first= |authorlink= |format=एच.टी.एम.एल |publisher=शब्दों का सफ़र |language=[[हिन्दी]] }}</ref>
|विलोम=
|विलोम=
|पर्यायवाची=उद्वहन, खिंचाई, ढुलाई, प्रवहन, गाटा, जुताई, जोत, नँधाई, कर्ष, कर्षू, कूँड, खूड, जोत रेखा  
|पर्यायवाची=उद्वहन, खिंचाई, ढुलाई, प्रवहन, गाटा, जुताई, जोत, नँधाई, '''कर्ष''', कर्षू, कूँड, खूड, जोत रेखा  
|संस्कृत=[कृष् (खींचना) +अच् / घञ्]
|संस्कृत=[कृष् (खींचना) +अच् / घञ्]
|अन्य ग्रंथ=
|अन्य ग्रंथ=

Revision as of 05:51, 9 March 2011

शब्द संदर्भ
हिन्दी आकर्षण, खिंचाव, अपनी ओर खींचना या घसीड़ना, आपस में होनेवाला दुर्भाव या तनातनी, मन-मुटाव, रोष, खेत की जोताई रेखा या लकीर खींचना, बहेड़ा, एक पुरानी तौल जो 16 माशे की होती थी।
-व्याकरण    पुल्लिंग, धातु
-उदाहरण  

यौवन दुर्धर्ष कर्ष-मर्ष से लड़ा।--सूर्यकांत त्रिपाठी निराला (अनामिका, 14)

-विशेष    कर्ष एक प्रकार का पुराना सिक्का है जिसे ‘दूण’ भी कहते थे। कर्ष कृ धातु से बना है जिसमें उकेरना, खींचना, लकीर खींचना, निकालना आदि भाव शामिल हैं। कार्षापण नामक स्वर्णमुद्रा के नामकरण में भी कर्ष ही है।[1]
-विलोम   
-पर्यायवाची    उद्वहन, खिंचाई, ढुलाई, प्रवहन, गाटा, जुताई, जोत, नँधाई, कर्ष, कर्षू, कूँड, खूड, जोत रेखा
संस्कृत [कृष् (खींचना) +अच् / घञ्]
अन्य ग्रंथ
संबंधित शब्द
संबंधित लेख

अन्य शब्दों के अर्थ के लिए देखें शब्द संदर्भ कोश

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. निष्क से बना तनिष्क [सिक्का-17] (हिन्दी) (एच.टी.एम.एल) शब्दों का सफ़र। अभिगमन तिथि: 9 मार्च, 2011