विश्व विरासत स्थल: Difference between revisions

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विश्व विरासत स्थल ऐसे खास स्थानों वन क्षेत्र, पर्वत, झील, मरुस्थल, स्मारक, भवन, या शहर इत्यादि को कहा जाता है।  यह स्थल विश्व विरासत स्थल समिति द्वारा चयनित किए जाते है। विश्व विरासत स्थल समिति इन स्थलों की देखरेख युनेस्को के तत्वाधान में करती है।
विश्व विरासत स्थल ऐसे खास स्थानों वन क्षेत्र, पर्वत, झील, मरुस्थल, स्मारक, भवन, या शहर इत्यादि को कहा जाता है।  यह स्थल विश्व विरासत स्थल समिति द्वारा चयनित किए जाते हैं। विश्व विरासत स्थल समिति इन स्थलों की देखरेख युनेस्को के तत्वाधान में करती है।
==उद्देश्य==
==उद्देश्य==
विश्व संस्कृति की दृष्टि से मानवता के लिए जो स्थल महत्वपूर्ण हैं, विश्व विरासत स्थल समिति का उद्देश्य विश्व के ऐसे स्थलों को चयनित एवं संरक्षित करना होता है। इस समिति द्वारा ऐसे स्थलों को कुछ खास परिस्थितियों में आर्थिक सहायता भी दी जाती है। [[2006]] तक पूरी दुनिया में लगभग 830 स्थलों को विश्व विरासत स्थल घोषित किया जा चुका है जिसमें 644 सांस्कृतिक, 24 मिले-जुले, और 138 अन्य स्थल हैं।
विश्व [[संस्कृति]] की दृष्टि से मानवता के लिए जो स्थल महत्वपूर्ण हैं, विश्व विरासत स्थल समिति का उद्देश्य विश्व के ऐसे स्थलों को चयनित एवं संरक्षित करना होता है। इस समिति द्वारा ऐसे स्थलों को कुछ खास परिस्थितियों में आर्थिक सहायता भी दी जाती है। [[2006]] तक पूरी दुनिया में लगभग 830 स्थलों को विश्व विरासत स्थल घोषित किया जा चुका है जिसमें 644 सांस्कृतिक, 24 मिले-जुले, और 138 अन्य स्थल हैं।
==संपत्ति==
==संपत्ति==
प्रत्येक विरासत स्थल उस देश विशेष की संपत्ति होती है, जिस देश में वह स्थल स्थित हो। आनेवाली पीढियों के लिए और मानवता के हित के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का हित भी इसी में होता है कि वे  इनका संरक्षण करें। इसके संरक्षण की जिम्मेदारी पूरे विश्व समुदाय की होती है।
प्रत्येक विरासत स्थल उस देश विशेष की संपत्ति होती है, जिस देश में वह स्थल स्थित हो। आनेवाली पीढियों के लिए और मानवता के हित के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का हित भी इसी में होता है कि वे  इनका संरक्षण करें। इसके संरक्षण की जिम्मेदारी पूरे विश्व समुदाय की होती है।

Revision as of 09:31, 10 March 2011

विश्व विरासत स्थल ऐसे खास स्थानों वन क्षेत्र, पर्वत, झील, मरुस्थल, स्मारक, भवन, या शहर इत्यादि को कहा जाता है। यह स्थल विश्व विरासत स्थल समिति द्वारा चयनित किए जाते हैं। विश्व विरासत स्थल समिति इन स्थलों की देखरेख युनेस्को के तत्वाधान में करती है।

उद्देश्य

विश्व संस्कृति की दृष्टि से मानवता के लिए जो स्थल महत्वपूर्ण हैं, विश्व विरासत स्थल समिति का उद्देश्य विश्व के ऐसे स्थलों को चयनित एवं संरक्षित करना होता है। इस समिति द्वारा ऐसे स्थलों को कुछ खास परिस्थितियों में आर्थिक सहायता भी दी जाती है। 2006 तक पूरी दुनिया में लगभग 830 स्थलों को विश्व विरासत स्थल घोषित किया जा चुका है जिसमें 644 सांस्कृतिक, 24 मिले-जुले, और 138 अन्य स्थल हैं।

संपत्ति

प्रत्येक विरासत स्थल उस देश विशेष की संपत्ति होती है, जिस देश में वह स्थल स्थित हो। आनेवाली पीढियों के लिए और मानवता के हित के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का हित भी इसी में होता है कि वे इनका संरक्षण करें। इसके संरक्षण की जिम्मेदारी पूरे विश्व समुदाय की होती है।

विश्व विरासत स्थल

यूनेस्को ने भारत के कई ऐतिहासिक स्थलों को विश्व विरासत सूची में शामिल किया है। युनेस्को द्वारा घोषित यह विश्व विरासत स्थल निम्न हैं-


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टीका टिप्पणी और संदर्भ