सफ़ेद रंग: Difference between revisions
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*सफ़ेद [[रंग]] [[प्रकाश]] के सभी रंगों को मिलाने पर बनता है। सफ़ेद रंग तकनीकी दृष्टि से कोई रंग नहीं है। सफ़ेद रंग का प्रभाव [[प्राथमिक रंग|प्राथमिक रंगों]] को उचित राशियों में मिलाने से होता है। इस प्रक्रिया को संयोजी मिश्रण कहा जाता है। | *सफ़ेद [[रंग]] [[प्रकाश]] के सभी रंगों को मिलाने पर बनता है। सफ़ेद रंग तकनीकी दृष्टि से कोई रंग नहीं है। सफ़ेद रंग का प्रभाव [[प्राथमिक रंग|प्राथमिक रंगों]] को उचित राशियों में मिलाने से होता है। इस प्रक्रिया को संयोजी मिश्रण कहा जाता है। | ||
==धार्मिक मान्यता== | ==धार्मिक मान्यता== |
Revision as of 10:48, 13 March 2011
- रंगो का हमारे जीवन में बहुत महत्त्व है। रंगो से हमें विभिन्न स्थितियों का पता चलता है। हम अपने चारों तरफ अनेक प्रकार के रंगो से प्रभावित होते हैं। रंग, मानवी आँखों के वर्णक्रम से मिलने पर छाया सम्बंधी गतिविधियों से उत्पन्न होते हैं।
- सफ़ेद रंग प्रकाश के सभी रंगों को मिलाने पर बनता है। सफ़ेद रंग तकनीकी दृष्टि से कोई रंग नहीं है। सफ़ेद रंग का प्रभाव प्राथमिक रंगों को उचित राशियों में मिलाने से होता है। इस प्रक्रिया को संयोजी मिश्रण कहा जाता है।
धार्मिक मान्यता
ब्रह्मा जी को सफ़ेद रंग प्रिय है। ब्रह्मा जी सफ़ेद वस्त्र धारण करते हैं, जो इस बात को प्रमाणित करते हैं कि ब्रह्म, यानी ईश्वर सभी लोगों के प्रति समान भाव रखते हैं। वे किसी के साथ पक्षपात नहीं करते हैं। सफ़ेद रंग पारदर्शिता और कोमलता का भी प्रतीक है।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ जिंदल, मीता। देवताओं के प्रिय रंग जागरण याहू इंडिया। अभिगमन तिथि: 17, अगस्त।