आदिसूर: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
m (Text replace - "==टीका टिप्पणी और संदर्भ==" to "{{संदर्भ ग्रंथ}} ==टीका टिप्पणी और संदर्भ==")
No edit summary
Line 1: Line 1:
*आदिसूर [[अखण्डित बंगाल|बंगाल]] की साहित्यिक अनुश्रुतियों के अनुसार [[गौड़]] अथवा लक्षणावती का राजा था।  
*आदिसूर [[अखण्डित बंगाल|बंगाल]] की साहित्यिक अनुश्रुतियों के अनुसार [[गौड़]] अथवा लक्षणावती का राजा था।  
*उसने बंगाल में [[ब्राह्मण]] [[धर्म]] को पुनरुज्जीवित करने का प्रयास किया, जहाँ पर [[बौद्ध धर्म]] छाया हुआ था।  
*उसने बंगाल में [[ब्राह्मण]] [[धर्म]] को पुनरुज्जीवित करने का प्रयास किया, जहाँ पर [[बौद्ध धर्म]] छाया हुआ था।  
*उसने कान्यकुब्ज से पाँच श्रेष्ठ ब्राह्मणो को अपने राज्य मे बुलाकर बसाया, जिन्होंने सनातन [[हिन्दू धर्म]] की प्रतिष्ठा स्थापित की।  
*उसने [[कान्यकुब्ज]] से पाँच श्रेष्ठ ब्राह्मणो को अपने राज्य मे बुलाकर बसाया, जिन्होंने सनातन [[हिन्दू धर्म]] की प्रतिष्ठा स्थापित की।  
*ये ब्राह्मण ही बंगाल के राढ़ी और वारेन्द्र ब्राह्मणों के पूर्वज थे।  
*ये ब्राह्मण ही बंगाल के राढ़ी और वारेन्द्र ब्राह्मणों के पूर्वज थे।  
*आदिसूर का समय 700 ईसवी के बाद माना जाता है। लेकिन समकालीन प्रमाणों के अभाव में आदिसूर की ऐतिहासिकता में संदेह व्यक्त किया जाता है।  
*आदिसूर का समय 700 ईसवी के बाद माना जाता है। लेकिन समकालीन प्रमाणों के अभाव में आदिसूर की ऐतिहासिकता में संदेह व्यक्त किया जाता है।  
Line 7: Line 7:
{{प्रचार}}
{{प्रचार}}
{{लेख प्रगति
{{लेख प्रगति
|आधार=आधार1
|आधार=
|प्रारम्भिक=
|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1
|माध्यमिक=
|माध्यमिक=
|पूर्णता=
|पूर्णता=

Revision as of 08:28, 8 May 2011

  • आदिसूर बंगाल की साहित्यिक अनुश्रुतियों के अनुसार गौड़ अथवा लक्षणावती का राजा था।
  • उसने बंगाल में ब्राह्मण धर्म को पुनरुज्जीवित करने का प्रयास किया, जहाँ पर बौद्ध धर्म छाया हुआ था।
  • उसने कान्यकुब्ज से पाँच श्रेष्ठ ब्राह्मणो को अपने राज्य मे बुलाकर बसाया, जिन्होंने सनातन हिन्दू धर्म की प्रतिष्ठा स्थापित की।
  • ये ब्राह्मण ही बंगाल के राढ़ी और वारेन्द्र ब्राह्मणों के पूर्वज थे।
  • आदिसूर का समय 700 ईसवी के बाद माना जाता है। लेकिन समकालीन प्रमाणों के अभाव में आदिसूर की ऐतिहासिकता में संदेह व्यक्त किया जाता है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ