प्रयोग:Ravi1: Difference between revisions
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('{| class="bharattable-green" width="100%" |- | valign="top"| {| width="100%" | <quiz display=simple> {'थारपारकर' कि...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
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+[[गुजरात]] | +[[गुजरात]] | ||
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||[[चित्र:Indian-Farmer-Ghungti-Village-Junagdh.jpg|thumb|120px|right|एक गुजराती किसान]] [[गुजरात]] की सबसे ऊँची चोटी [[ | ||[[चित्र:Indian-Farmer-Ghungti-Village-Junagdh.jpg|thumb|120px|right|एक गुजराती किसान]] [[गुजरात]] की सबसे ऊँची चोटी [[गिरनार पहाड़ी|गिरिनार पहाड़ियों]] में स्थित गोरखनाथ की चोटी है, जो 1117 मीटर ऊँची है। गुजरात की जलवायु ऊष्ण प्रदेशीय और मानसूनी है। वर्षा की कमी के कारण इस प्रदेश में रेतीली और बलुई मिट्टी पायी जाती है। प्रदेश में पूर्व की ओर उत्तरी गुजरात में वर्षा की मात्र 50 सेमी तक होती है। इसके दक्षिण की ओर मध्य गुजरात में मिट्टी कुछ अधिक उपजाऊ है तथा जलवायु भी अपेक्षयता आर्द्र है। वर्षा 75 सेमी तक होती है। [[नर्मदा नदी|नर्मदा]], [[ताप्ती नदी|ताप्ती]], साबरमती, [[सरस्वती नदी|सरस्वती]], [[माही नदी|माही]], भादर, [[बनास नदी|बनास]] और विश्वामित्र इस प्रदेश की सुपरिचित नदियाँ हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[गुजरात]] | ||
{‘मेरिनो’ निम्न में से किसकी नस्ल है? | {‘मेरिनो’ निम्न में से किसकी नस्ल है? | ||
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-प्रोटोजोआ | -प्रोटोजोआ | ||
+[[विषाणु]] | +[[विषाणु]] | ||
||[[चित्र:Influenza-Virus.jpg|thumb|120px|right | ||[[चित्र:Influenza-Virus.jpg|thumb|120px|right|इन्फ्लूएन्जा विषाणु]] विषाणु का अंग्रेज़ी शब्द 'वायरस' होता है, जिसका शाब्दिक अर्थ 'विष' है। सर्वप्रथम सन 1796 में डाक्टर एडवर्ड जेनर ने पता लगाया कि चेचक, [[विषाणु]] के कारण होता है। उन्होंने चेचक के टीके का आविष्कार भी किया। इसके बाद सन [[1886]] में एडोल्फ मेयर ने बताया कि [[तम्बाकू]] में मोजेक रोग एक विशेष प्रकार के वायरस के द्वारा होता है। रूसी वनस्पति शास्त्री इवानोवस्की ने भी [[1892]] में तम्बाकू में होने वाले मोजेक रोग का अध्ययन करते समय विषाणु के अस्तित्व का पता लगाया। बेजेर्निक और बोर ने भी तम्बाकू के पत्ते पर इसका प्रभाव देखा और उसका नाम टोबेको मोजेक रखा।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[विषाणु]] | ||
{[[भारत]] में सबसे ज्यादा बकरियाँ किस राज्य में पाई जाती हैं? | {[[भारत]] में सबसे ज्यादा बकरियाँ किस राज्य में पाई जाती हैं? | ||
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+[[राजस्थान]] | +[[राजस्थान]] | ||
-[[उत्तर प्रदेश]] | -[[उत्तर प्रदेश]] | ||
||[[चित्र:Jaisalmer-Fort.jpg|thumb|120px | ||[[चित्र:Jaisalmer-Fort.jpg|thumb|120px|right|[[जैसलमेर क़िला|जैसलमेर का क़िला]], [[जैसलमेर]]]] राजस्थान सांस्कृतिक रूप में समृद्ध होने के साथ-साथ [[खनिज|खनिजों]] के मामले में भी समृद्ध रहा है और अब वह देश के औद्योगिक परिदृश्य में भी तेजी से उभर रहा है। राज्य के प्रमुख केंद्रीय प्रतिष्ठानों में देबरी ([[उदयपुर]]) में जस्ता गलाने का संयंत्र, खेतडी (झुंझनूं) में [[तांबा]] परियोजना और कोटा में सूक्ष्म उपकरणों का कारखाना शामिल है। मार्च, 2006 तक राज्य में लघु उद्योगों की 2,75,400 इकाइयां थी। जिनमें 4,336.70 करोड़ रुपये की पूँजी लगी थी और लगभग 10.55 लाख लोगों को रोजगार मिला हुआ था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[राजस्थान]] | ||
{[[दूध]] का [[रंग]] [[पीला रंग|पीला]] क्यों होता है? | {[[दूध]] का [[रंग]] [[पीला रंग|पीला]] क्यों होता है? | ||
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-[[पंजाब]] | -[[पंजाब]] | ||
-[[ | -[[हरियाणा]] | ||
-[[गुजरात]] | -[[गुजरात]] | ||
+[[उत्तर प्रदेश]] | +[[उत्तर प्रदेश]] | ||
||[[चित्र: | ||[[चित्र:Krishna Birth Place Mathura-13.jpg|thumb|120px|right|[[कृष्ण जन्मभूमि]], [[मथुरा]]]] विविध स्थलाकृति एवं जलवायु के कारण [[उत्तर प्रदेश]] का प्राणी जीवन समृद्ध है। इस क्षेत्र में शेर, तेंदुआ, [[हाथी]], जंगली सूअर, घड़ियाल के साथ-साथ कबूतर, फ़ाख्ता, जंगली बत्तख़, तीतर, मोर कठफोड़वा, नीलकंठ और बटेर पाए जाते हैं। कई प्रजातियाँ, जैसे-[[गंगा]] के मैदान से सिंह और तराई क्षेत्र से गैंडे अब विलुप्त हो चुके हैं। वन्य जीवन के संरक्षण के लिए सरकार ने 'चन्द्रप्रभा वन्यजीव अभयारण्य' और 'दुधवा अभयारण्य' सहित कई अभयारण्य स्थापित किए हैं। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[उत्तर प्रदेश]] | ||
{[[उत्तर प्रदेश]] में पशुओं के लिए हिमीकृत वीर्य बैंक कहाँ स्थापित किया गया है? | {[[उत्तर प्रदेश]] में पशुओं के लिए हिमीकृत वीर्य बैंक कहाँ स्थापित किया गया है? | ||
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+[[जीवाणु]] | +[[जीवाणु]] | ||
-[[कवक]] | -[[कवक]] | ||
||[[चित्र:Bacteria.jpg|thumb|120px|right|जीवाणु]]मानव शरीर में जितनी मानव कोशिकाएं है, उसकी लगभग 10 गुणा अधिक तो जीवाणु कोष है। इनमें से अधिकांश [[जीवाणु]] त्वचा तथा अहारनाल में पाए जाते हैं। हानिकारक जीवाणु इम्मयुन तंत्र के रक्षक प्रभाव के कारण शरीर का नुक़सान नहीं पहुंचा पाते हैं। कुछ जीवाणु लाभदायक भी होते हैं। अनेक प्रकार के परजीवी जीवाणु कई रोग उत्पन्न करते हैं, जैसे - हैजा, मियादी बुखार, निमनिया, तपेदिक या क्षयरोग, [[प्लेग]] इत्यादि। सिर्फ़ क्षय रग से प्रतिवर्ष लगभग 20 लाख लोग मरते हैं{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[जीवाणु]] | ||[[चित्र:Bacteria.jpg|thumb|120px|right|[[जीवाणु]]]]मानव शरीर में जितनी मानव कोशिकाएं है, उसकी लगभग 10 गुणा अधिक तो जीवाणु कोष है। इनमें से अधिकांश [[जीवाणु]] त्वचा तथा अहारनाल में पाए जाते हैं। हानिकारक जीवाणु इम्मयुन तंत्र के रक्षक प्रभाव के कारण शरीर का नुक़सान नहीं पहुंचा पाते हैं। कुछ जीवाणु लाभदायक भी होते हैं। अनेक प्रकार के परजीवी जीवाणु कई रोग उत्पन्न करते हैं, जैसे - हैजा, मियादी बुखार, निमनिया, तपेदिक या क्षयरोग, [[प्लेग]] इत्यादि। सिर्फ़ क्षय रग से प्रतिवर्ष लगभग 20 लाख लोग मरते हैं{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[जीवाणु]] | ||
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Revision as of 11:57, 14 May 2011
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