कनेर: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
m (Text replace - "==टीका टिप्पणी और संदर्भ==" to "{{संदर्भ ग्रंथ}} ==टीका टिप्पणी और संदर्भ==")
No edit summary
 
Line 1: Line 1:
{{प्रांगण}}
[[चित्र:Nerium-Oleander.jpg|thumb|250px|कनेर का फूल<br />Nerium Oleander]]
[[चित्र:Nerium-Oleander.jpg|thumb|250px|कनेर का फूल<br />Nerium Oleander]]
कनेर एक [[भारत के पुष्प|फूल]] है। कनेर उत्तर [[भारत]] में लगभग हर जगह बागों में लगा हुआ पाया जाता है। इसका हर भाग विषैला होता है अत: इसे किसी वैद्य की देखरेख में ही प्रयोग करना चाहिए। आधुनिक द्रव्यगुण में इस को हृदय वर्ग में रखा गया है। कनेर के फूल पीला, सफ़ेद, लाल आदि रंग के होते हैं।  
कनेर एक [[भारत के पुष्प|फूल]] है। कनेर उत्तर [[भारत]] में लगभग हर जगह बागों में लगा हुआ पाया जाता है। इसका हर भाग विषैला होता है अत: इसे किसी वैद्य की देखरेख में ही प्रयोग करना चाहिए। आधुनिक द्रव्यगुण में इस को हृदय वर्ग में रखा गया है। कनेर के फूल पीला, सफ़ेद, लाल आदि रंग के होते हैं।  

Latest revision as of 10:59, 21 May 2011

thumb|250px|कनेर का फूल
Nerium Oleander
कनेर एक फूल है। कनेर उत्तर भारत में लगभग हर जगह बागों में लगा हुआ पाया जाता है। इसका हर भाग विषैला होता है अत: इसे किसी वैद्य की देखरेख में ही प्रयोग करना चाहिए। आधुनिक द्रव्यगुण में इस को हृदय वर्ग में रखा गया है। कनेर के फूल पीला, सफ़ेद, लाल आदि रंग के होते हैं।

पीली कनेर

पीली कनेर का दूध शरीर की जलन को नष्ट करने वाला, और विषैला होता है। इसकी छाल कड़वी भेदन व बुखार नाशक होती है। छाल की क्रिया बहुत ही तेज़ होती है, इसलिए इसे कम मात्रा में सेवन करते हैं। नहीं तो पानी जैसे पतले दस्त होने लगते हैं। कनेर का मुख्य विषैला परिणाम हृदय की मांसपेशियों पर होता है। इसे अधिकतर औषधि के लिये उपयोग में लाया जाता है।

सफ़ेद और लाल कनेर

सफ़ेद और लाल दोनों कनेरों की जड़ में नेरिओडोरीना नामक ऐसे दो तरह के पदार्थ होते हैं, जो हृदय के लिए बहुत परेशानीयुक्त होते हैं। वे उसकी गति को रोक देते हैं या कम कर देते हैं। इसके अलावा इसमें ग्लुकोसाइड रोजोगिनिन एक सुगन्धित उड़नशील तेल और डिजिटैलिस के समान एक नेरिन नामक रवेदार पदार्थ टैनिक एसिड और मोम होता है। इसमें नेरिन हृदयोत्तेजक होता है। अगर कनेर में यह तत्त्व ना होता तो वह उसावर्ष न होकर सद्यमारक उग्र विष हो जाता है।[1]

  • हृदय रोगो में जब कोई और उपाय नहीं होता है तो इसका प्रयोग किया जाता है, इसके मात्रा 125 मि. ग्रा से ज़्यादा नहीं होनी चाहिये


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. कनेर सफ़ेद (हिन्दी) जनकल्याण। अभिगमन तिथि: 25 अगस्त, 2010

संबंधित लेख