वर्गीज़ कुरियन: Difference between revisions

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*उन्होंने [[महाराष्ट्र]] के 60 लाख किसानों की 60 हज़ार कोआपरेटिव सोसायटियाँ बनाईं, जो प्रतिदिन तीन लाख टन दूध सप्लाई करती हैं। इसी को श्वेत क्रान्ति और ‘ओपरेशन फ़्लड’ के नाम से भी पुकारा जाता है।  
*उन्होंने [[महाराष्ट्र]] के 60 लाख किसानों की 60 हज़ार कोआपरेटिव सोसायटियाँ बनाईं, जो प्रतिदिन तीन लाख टन दूध सप्लाई करती हैं। इसी को श्वेत क्रान्ति और ‘ओपरेशन फ़्लड’ के नाम से भी पुकारा जाता है।  
*इस महान कार्य से जहाँ किसानों का भला हुआ, वहीं पर आम लोगों को दूध की उपलब्धि में भी सुविधा हुई।  
*इस महान कार्य से जहाँ किसानों का भला हुआ, वहीं पर आम लोगों को दूध की उपलब्धि में भी सुविधा हुई।  
*इन कार्यों के कारण इन्हें अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। इनमें विश्व खाद्य पुरस्कार ([[1989]]) और मैगसेसे ([[1963]]) पुरस्कार महत्त्वपूर्ण हैं।
*इन कार्यों के कारण इन्हें अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। इनमें विश्व खाद्य पुरस्कार ([[1989]]) और [[रेमन मैग्सेसे पुरस्कार|मैगसेसे]] ([[1963]]) पुरस्कार महत्त्वपूर्ण हैं।


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Revision as of 10:04, 16 June 2011

  • डॉ. वर्गीज कुरियन का जन्म 1921 ई. में कोझीकोड, केरल में हुआ था।
  • कुरियन भारत में दुग्ध क्रान्ति, जिसे 'श्वेत क्रान्ति' भी कहा जाता है, के जनक माने जाते हैं।
  • उन्होंने महाराष्ट्र के 60 लाख किसानों की 60 हज़ार कोआपरेटिव सोसायटियाँ बनाईं, जो प्रतिदिन तीन लाख टन दूध सप्लाई करती हैं। इसी को श्वेत क्रान्ति और ‘ओपरेशन फ़्लड’ के नाम से भी पुकारा जाता है।
  • इस महान कार्य से जहाँ किसानों का भला हुआ, वहीं पर आम लोगों को दूध की उपलब्धि में भी सुविधा हुई।
  • इन कार्यों के कारण इन्हें अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। इनमें विश्व खाद्य पुरस्कार (1989) और मैगसेसे (1963) पुरस्कार महत्त्वपूर्ण हैं।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ


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