चंबल नदी: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
No edit summary |
No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
'''चम्बल नदी / चर्मण्वती / Chambal River'''<br /> | |||
'''चम्बल नदी / Chambal River'''<br /> | *चम्बल [[भारत]] में बहने वाली एक नदी है। | ||
*चम्बल भारत में बहने वाली एक नदी है। | *चम्बल नदी का उद्गम [[मध्य प्रदेश]] राज्य से होता है। | ||
*चम्बल नदी का उद्गम | |||
*यह [[यमुना नदी|यमुना]] की सहयोगी नदी मानी जाती है। | *यह [[यमुना नदी|यमुना]] की सहयोगी नदी मानी जाती है। | ||
*[[महाभारत]] के अनुसार राजा रंतिदेव के यज्ञों में जो आर्द्र चर्म राशि इकट्ठा हो गई थी उसी से यह नदी उदभुत हुई थी- | |||
'महानदी चर्मराशेरूत्क्लेदात् ससृजेयतःततश्चर्मण्वतीत्येवं विख्याता स महानदी'<balloon title="महाभारत, शान्ति पर्व 29,123" style=color:blue>*</balloon>। | |||
*[[कालिदास]] ने भी [[मेघदूत]]-पूर्वमेघ 47 में चर्मण्वती को रंतिदेव की कीर्ति का मूर्त स्वरूप कहा गया है- | |||
<poem> | |||
आराध्यैनं शदवनभवं देवमुल्लघिताध्वा, | |||
सिद्धद्वन्द्वैर्जलकण भयाद्वीणिभिदैत्त मार्गः। | |||
व्यालम्बेथास्सुरभितनयालंभजां मानयिष्यन्, | |||
स्रोतो मूत्यभुवि परिणतां रंतिदेवस्य कीर्तिः'। | |||
</poem> | |||
इन उल्लेखों से यह जान पड़ता है कि रंतिदेव ने चर्मवती के तट पर अनेक यज्ञ किए थे। | |||
*महाभारत में भी चर्मवती का उल्लेख है - | |||
'ततश्चर्मणवती कूले जंभकस्यात्मजं नृपं ददर्श वासुदेवेन शेषितं पूर्ववैरिणा'<balloon title="महाभारत 2, 31, 7" style=color:blue>*</balloon> | |||
अर्थात इसके पश्चात [[सहदेव]] ने (दक्षिण दिशा की विजय यात्रा के प्रसंग में) चर्मण्वती के तट पर जंभक के पुत्र को देखा जिसे उसके पूर्व शत्रु वासुदेव ने जीवित छोड़ दिया था। सहदेव इसे युद्ध में हराकर दक्षिण की ओर अग्रसर हुए थे। | |||
*चर्मण्वती नदी को वन पर्व के तीर्थ यात्रा अनु पर्व में पुण्य नदी माना गया है - | |||
'चर्मण्वती समासाद्य नियतों नियताशनः रंतिदेवाभ्यनुज्ञातमग्निष्टोमफलं लभेत्'। | |||
*[[भागवत पुराण|श्रीमदभागवत]] में चर्मवती का [[नर्मदा नदी|नर्मदा]] के साथ उल्लेख है - | |||
'सुरसानर्मदा चर्मण्वती सिंधुरंधः'<balloon title="श्रीमदभागवत 5, 19, 18" style=color:blue>*</balloon> | |||
*इस नदी का उदगम जनपव की पहाड़ियों से हुआ है। यहीं से गंभीरा नदी भी निकलती है। यह [[यमुना नदी|यमुना]] की सहायक नदी है। | |||
*महाभारत में अश्वनदी का चर्मण्वती में, चर्मण्वती का यमुना में और यमुना का [[गंगा नदी]] में मिलने का उल्लेख है – | |||
<poem> | |||
मंजूषात्वश्वनद्याः सा ययौ चर्मण्वती नदीम्, | |||
चर्मण्वत्याश्व यमुना ततो गंगा जगामह। | |||
गंगायाः सूतविषये चंपामनुययौपुरीम्'।<balloon title="महाभारत वन पर्व 308, 25-26" style=color:blue>*</balloon> | |||
</poem> | |||
Line 10: | Line 33: | ||
[[Category:भूगोल कोश]] | [[Category:भूगोल कोश]] | ||
[[Category:भारत की नदियाँ]] | |||
__INDEX__ | __INDEX__ | ||
Revision as of 07:27, 2 May 2010
चम्बल नदी / चर्मण्वती / Chambal River
- चम्बल भारत में बहने वाली एक नदी है।
- चम्बल नदी का उद्गम मध्य प्रदेश राज्य से होता है।
- यह यमुना की सहयोगी नदी मानी जाती है।
- महाभारत के अनुसार राजा रंतिदेव के यज्ञों में जो आर्द्र चर्म राशि इकट्ठा हो गई थी उसी से यह नदी उदभुत हुई थी-
'महानदी चर्मराशेरूत्क्लेदात् ससृजेयतःततश्चर्मण्वतीत्येवं विख्याता स महानदी'<balloon title="महाभारत, शान्ति पर्व 29,123" style=color:blue>*</balloon>।
आराध्यैनं शदवनभवं देवमुल्लघिताध्वा,
सिद्धद्वन्द्वैर्जलकण भयाद्वीणिभिदैत्त मार्गः।
व्यालम्बेथास्सुरभितनयालंभजां मानयिष्यन्,
स्रोतो मूत्यभुवि परिणतां रंतिदेवस्य कीर्तिः'।
इन उल्लेखों से यह जान पड़ता है कि रंतिदेव ने चर्मवती के तट पर अनेक यज्ञ किए थे।
- महाभारत में भी चर्मवती का उल्लेख है -
'ततश्चर्मणवती कूले जंभकस्यात्मजं नृपं ददर्श वासुदेवेन शेषितं पूर्ववैरिणा'<balloon title="महाभारत 2, 31, 7" style=color:blue>*</balloon> अर्थात इसके पश्चात सहदेव ने (दक्षिण दिशा की विजय यात्रा के प्रसंग में) चर्मण्वती के तट पर जंभक के पुत्र को देखा जिसे उसके पूर्व शत्रु वासुदेव ने जीवित छोड़ दिया था। सहदेव इसे युद्ध में हराकर दक्षिण की ओर अग्रसर हुए थे।
- चर्मण्वती नदी को वन पर्व के तीर्थ यात्रा अनु पर्व में पुण्य नदी माना गया है -
'चर्मण्वती समासाद्य नियतों नियताशनः रंतिदेवाभ्यनुज्ञातमग्निष्टोमफलं लभेत्'।
- श्रीमदभागवत में चर्मवती का नर्मदा के साथ उल्लेख है -
'सुरसानर्मदा चर्मण्वती सिंधुरंधः'<balloon title="श्रीमदभागवत 5, 19, 18" style=color:blue>*</balloon>
- इस नदी का उदगम जनपव की पहाड़ियों से हुआ है। यहीं से गंभीरा नदी भी निकलती है। यह यमुना की सहायक नदी है।
- महाभारत में अश्वनदी का चर्मण्वती में, चर्मण्वती का यमुना में और यमुना का गंगा नदी में मिलने का उल्लेख है –
मंजूषात्वश्वनद्याः सा ययौ चर्मण्वती नदीम्,
चर्मण्वत्याश्व यमुना ततो गंगा जगामह।
गंगायाः सूतविषये चंपामनुययौपुरीम्'।<balloon title="महाभारत वन पर्व 308, 25-26" style=color:blue>*</balloon>