टुटिकोरिन: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
No edit summary |
प्रीति चौधरी (talk | contribs) No edit summary |
||
Line 3: | Line 3: | ||
==इतिहास== | ==इतिहास== | ||
16वीं शताब्दी में एक छोटे मछुआरों के गाँव से विकसित होकर टुटिकोरिन एक समृद्ध पुर्तग़ाली उपनिवेश बन गया और डच तथा ब्रिटिश रियासत के दौरान और भी विस्तृत हुआ। [[मद्रास]] (वर्तमान चेन्नई) के विकास के साथ इस बंदरगाह का हास हुआ। [[1960]] के दशक के उत्तरार्द्ध से इसकी गोदी और भी गहरी हुई, भंडारण व मछली मारने की सुविधाएं बढ़ी तथा उद्योगों का विस्तार हुआ। शहर का अधिकांश जल-परिवहन अब मूल बंदरगाह से लगभग 8 किमी दक्षिण-पूर्व में स्थित नए टुटिकोरिन से संभाला जाता है। | 16वीं शताब्दी में एक छोटे मछुआरों के गाँव से विकसित होकर टुटिकोरिन एक समृद्ध पुर्तग़ाली उपनिवेश बन गया और डच तथा ब्रिटिश रियासत के दौरान और भी विस्तृत हुआ। [[मद्रास]] (वर्तमान चेन्नई) के विकास के साथ इस बंदरगाह का हास हुआ। [[1960]] के दशक के उत्तरार्द्ध से इसकी गोदी और भी गहरी हुई, भंडारण व मछली मारने की सुविधाएं बढ़ी तथा उद्योगों का विस्तार हुआ। शहर का अधिकांश जल-परिवहन अब मूल बंदरगाह से लगभग 8 किमी दक्षिण-पूर्व में स्थित नए टुटिकोरिन से संभाला जाता है। | ||
[[चित्र:The-Sacred-Cross-Church.jpg|thumb|250px|left| | [[चित्र:The-Sacred-Cross-Church.jpg|thumb|250px|left|सेक्रेड क्रोस चर्च, टुटिकोरिन]] | ||
==बंदरगाह== | ==बंदरगाह== | ||
यह भारत का एक प्रमुख बंदरगाह है, जो ज्वार के समय 8.25 मीटर गहरे जहाज़ों और भाटा के समय 9 मीटर वाले जहाज़ों को आश्रय दे सकता है। यहाँ से बड़ी मात्रा में कोयले का विनिमय और [[श्रीलंका]] के साथ व्यापार होता है। | यह भारत का एक प्रमुख बंदरगाह है, जो ज्वार के समय 8.25 मीटर गहरे जहाज़ों और भाटा के समय 9 मीटर वाले जहाज़ों को आश्रय दे सकता है। यहाँ से बड़ी मात्रा में कोयले का विनिमय और [[श्रीलंका]] के साथ व्यापार होता है। |
Revision as of 11:09, 29 July 2011
[[चित्र:Saltern-Tuticorin-Tamil-Nadu.jpg|thumb|250px|नमक का कारखाना, टुटिकोरिन]] टुटिकोरिन शहर, दक्षिण तमिलनाडु राज्य, दक्षिण भारत में स्थित है। यह शहर मन्नार की खाड़ी के किनारे तिरुनेल्वेलि के पूर्व में स्थित है, जिससे यह सड़क व रेलमार्ग से जुड़ा हुआ है।
इतिहास
16वीं शताब्दी में एक छोटे मछुआरों के गाँव से विकसित होकर टुटिकोरिन एक समृद्ध पुर्तग़ाली उपनिवेश बन गया और डच तथा ब्रिटिश रियासत के दौरान और भी विस्तृत हुआ। मद्रास (वर्तमान चेन्नई) के विकास के साथ इस बंदरगाह का हास हुआ। 1960 के दशक के उत्तरार्द्ध से इसकी गोदी और भी गहरी हुई, भंडारण व मछली मारने की सुविधाएं बढ़ी तथा उद्योगों का विस्तार हुआ। शहर का अधिकांश जल-परिवहन अब मूल बंदरगाह से लगभग 8 किमी दक्षिण-पूर्व में स्थित नए टुटिकोरिन से संभाला जाता है। thumb|250px|left|सेक्रेड क्रोस चर्च, टुटिकोरिन
बंदरगाह
यह भारत का एक प्रमुख बंदरगाह है, जो ज्वार के समय 8.25 मीटर गहरे जहाज़ों और भाटा के समय 9 मीटर वाले जहाज़ों को आश्रय दे सकता है। यहाँ से बड़ी मात्रा में कोयले का विनिमय और श्रीलंका के साथ व्यापार होता है।
शिक्षण संस्थान
टुटिकोरिन में मदुरै-कामराज विश्वविद्यालय से संबद्ध कई महाविद्यालय हैं।
जनसंख्या
2001 की जनगणना के अनुसार टुटिकोरिन की कुल जनसंख्या 2,16,058 है।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख