देवराष्ट्र: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
m (Text replace - "गलत" to "ग़लत")
Line 3: Line 3:
*[[समुद्रगुप्त]] की प्रयाग प्रशस्ति में दक्षिणापथ के बारह राज्यों की सूची में देवराष्ट्र का भी नाम है।  
*[[समुद्रगुप्त]] की प्रयाग प्रशस्ति में दक्षिणापथ के बारह राज्यों की सूची में देवराष्ट्र का भी नाम है।  
*देवराष्ट्र के राजा का नाम कुबेर (देवराष्ट्रककुबेर) था।  
*देवराष्ट्र के राजा का नाम कुबेर (देवराष्ट्रककुबेर) था।  
*पहले विद्वानों का विचार था कि देवराष्ट्र [[महाराष्ट्र]] का ही पर्याय है और समुद्रगुप्त की दिग्विजय में दक्षिणी [[भारत]] का लगभग पूरा भाग ही सम्मिलित माना गया था, किंतु अब [[फ्रांस|फ्रांसीसी]] विद्वान जू वो डुब्रिल के मत के आधार पर यह उपकल्पना गलत कही जाती है।  
*पहले विद्वानों का विचार था कि देवराष्ट्र [[महाराष्ट्र]] का ही पर्याय है और समुद्रगुप्त की दिग्विजय में दक्षिणी [[भारत]] का लगभग पूरा भाग ही सम्मिलित माना गया था, किंतु अब [[फ्रांस|फ्रांसीसी]] विद्वान जू वो डुब्रिल के मत के आधार पर यह उपकल्पना ग़लत कही जाती है।  
*इनका मत है कि समुद्रगुप्त वास्तव में दक्षिण के केवल पूर्वी समुद्र तट तथा [[मध्य प्रदेश]] के पूर्वी भाग तक ही पहुँचा था। और मालाबार तथा कोयम्बटूर के ज़िले तथा [[खानदेश]] और महाराष्ट्र के प्रांत उसकी दिग्विजय-यात्रा के मार्ग के बाहर थे।  
*इनका मत है कि समुद्रगुप्त वास्तव में दक्षिण के केवल पूर्वी समुद्र तट तथा [[मध्य प्रदेश]] के पूर्वी भाग तक ही पहुँचा था। और मालाबार तथा कोयम्बटूर के ज़िले तथा [[खानदेश]] और महाराष्ट्र के प्रांत उसकी दिग्विजय-यात्रा के मार्ग के बाहर थे।  



Revision as of 13:43, 9 August 2011

चित्र:Icon-edit.gif इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव"
  • देवराष्ट्र ऐतिहासिक स्थान जिसकी स्थिति आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम ज़िले में निर्धारित की जाती है।
  • समुद्रगुप्त की प्रयाग प्रशस्ति में दक्षिणापथ के बारह राज्यों की सूची में देवराष्ट्र का भी नाम है।
  • देवराष्ट्र के राजा का नाम कुबेर (देवराष्ट्रककुबेर) था।
  • पहले विद्वानों का विचार था कि देवराष्ट्र महाराष्ट्र का ही पर्याय है और समुद्रगुप्त की दिग्विजय में दक्षिणी भारत का लगभग पूरा भाग ही सम्मिलित माना गया था, किंतु अब फ्रांसीसी विद्वान जू वो डुब्रिल के मत के आधार पर यह उपकल्पना ग़लत कही जाती है।
  • इनका मत है कि समुद्रगुप्त वास्तव में दक्षिण के केवल पूर्वी समुद्र तट तथा मध्य प्रदेश के पूर्वी भाग तक ही पहुँचा था। और मालाबार तथा कोयम्बटूर के ज़िले तथा खानदेश और महाराष्ट्र के प्रांत उसकी दिग्विजय-यात्रा के मार्ग के बाहर थे।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख