जग्गेयापेट: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
('{{पुनरीक्षण}} '''जग्गेयापेट''' आंध्र प्रदेश में स्थित ए...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
{{पुनरीक्षण}} | {{पुनरीक्षण}} | ||
'''जग्गेयापेट''' [[आंध्र प्रदेश]] में स्थित एक ऐतिहासिक स्थान है। | '''जग्गेयापेट''' [[आंध्र प्रदेश]] राज्य में स्थित एक ऐतिहासिक स्थान है। इस स्थल से द्वितीय एवं प्रथम सदी ईस्वी पूर्व के मूल्यवान पुरातात्त्विक महत्त्व के [[अवशेष]] प्राप्त हुए हैं। | ||
*जग्गेयापेट से अमरावती शैली के प्रारम्भिक उदाहरण मिले हैं, जिनका समय 150 ई.पू. माना जाता है। | *जग्गेयापेट से अमरावती शैली के प्रारम्भिक उदाहरण मिले हैं, जिनका समय 150 ई.पू. माना जाता है। | ||
*इनमें मूर्तियों की अलग-अलग इकाइयाँ हैं और एक समूह के रूप में उनका निर्माण नहीं हुआ है। परन्तु यहाँ से प्रारम्भ से ही छरहरे बदन वाली मूर्तियों मिलती हैं, जो कृष्णा घाटी की वर्णनात्मक उभारदार उत्कीर्ण कला की अनिवार्य विशेषता है। | *इनमें मूर्तियों की अलग-अलग इकाइयाँ हैं और एक समूह के रूप में उनका निर्माण नहीं हुआ है। परन्तु यहाँ से प्रारम्भ से ही छरहरे बदन वाली मूर्तियों मिलती हैं, जो कृष्णा घाटी की वर्णनात्मक उभारदार उत्कीर्ण कला की अनिवार्य विशेषता है। |
Revision as of 06:54, 15 October 2011
चित्र:Icon-edit.gif | इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव" |
जग्गेयापेट आंध्र प्रदेश राज्य में स्थित एक ऐतिहासिक स्थान है। इस स्थल से द्वितीय एवं प्रथम सदी ईस्वी पूर्व के मूल्यवान पुरातात्त्विक महत्त्व के अवशेष प्राप्त हुए हैं।
- जग्गेयापेट से अमरावती शैली के प्रारम्भिक उदाहरण मिले हैं, जिनका समय 150 ई.पू. माना जाता है।
- इनमें मूर्तियों की अलग-अलग इकाइयाँ हैं और एक समूह के रूप में उनका निर्माण नहीं हुआ है। परन्तु यहाँ से प्रारम्भ से ही छरहरे बदन वाली मूर्तियों मिलती हैं, जो कृष्णा घाटी की वर्णनात्मक उभारदार उत्कीर्ण कला की अनिवार्य विशेषता है।
- इस विशेषता को बाद में पल्लव मूर्ति कला ने अपना लिया।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख