User:प्रीति चौधरी/अभ्यास पन्ना3: Difference between revisions
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-[[शिवनाथ नदी|शिवनाथ]] | -[[शिवनाथ नदी|शिवनाथ]] | ||
-[[महानदी]] | -[[महानदी]] | ||
||[[चित्र:Kharun-River.jpg| | ||[[चित्र:Kharun-River.jpg|120px|right|खारून नदी]][[छत्तीसगढ़]] की राजधानी [[रायपुर]] [[खारून नदी]] के किनारे पर ही बसी हुई है। यह नदी 80 किलोमीटर उत्तर की ओर प्रवाहित होकर जामघाट के समीप [[शिवनाथ नदी]] में मिल जाती है। [[दुर्ग ज़िला|दुर्ग ज़िले]] में नदी की लम्बाई 128 किलोमीटर तथा प्रवाह क्षेत्र 19,980 वर्ग किलोमीटर है। राज्य का प्रमुख खूंटागाँठ बाँध भी खारून नदी पर ही स्थित है। यह ज़िले के प्रवाह क्षेत्र का 23.0% है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[खारून नदी|खारून]] | ||
{अमृतधारा जलप्रपात किस नदी पर अवस्थित है? | {अमृतधारा जलप्रपात किस नदी पर अवस्थित है? | ||
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-[[इंद्रावती नदी]] | -[[इंद्रावती नदी]] | ||
-[[महानदी]] | -[[महानदी]] | ||
||[[चित्र:Hasdeo-River.jpg| | ||[[चित्र:Hasdeo-River.jpg|120px|right|हसदो नदी]]अमृतधारा जलप्रपात, छत्तीसगढ़ में कोरिया का एक प्राकृतिक झरना है, जो [[हसदो नदी]] पर स्थित है। कोरिया में ब्रिटिश शासन के दौरान एक रियासत थी। पूरे [[भारत]] में कोरिया को प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है। यह जगह पूरे घने जंगलों, पहाड़ों, नदियों और झरनों से भरी पड़ी है। अमृतधारा जलप्रपात कोरिया के सबसे प्रसिद्ध झरनो मे से एक है। कोरिया मे अमृतधारा झरना, एक बहुत ही शुभ [[शिव]] मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। इस जगह के आसपास एक प्रसिद्ध मेला हर साल आयोजित किया जाता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[हसदो नदी]] | ||
{[[बस्तर ज़िला|बस्तर]] सम्भाग को दो भागों में विभक्त करने वाली नदी कौन-सी है? | {[[बस्तर ज़िला|बस्तर]] सम्भाग को दो भागों में विभक्त करने वाली नदी कौन-सी है? | ||
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+[[इंद्रावती नदी]] | +[[इंद्रावती नदी]] | ||
-[[महानदी]] | -[[महानदी]] | ||
||इन्द्रावती नदी [[कालाहांडी ज़िला|कालाहांडी]] ([[उड़ीसा]]) के धरमगढ़ तहसील में स्थित 4 हज़ार फीट ऊँची [[मुंगेर]] पहाड़ी से निकलती है। यह नदी पूर्व से पश्चिम की ओर बहती हुई जगदलपुर ज़िले से 40 किमी. की दूरी पर [[चित्रकूट जलप्रपात]] बनाती है, जो उड़ीसा के कालहंदी पहाड़ से निकलकर भूपालपटनम् के पास [[गोदावरी नदी|गोदावरी]] में गिरती है। यह नदी [[छत्तीसगढ़]] तथा [[महाराष्ट्र]] की सीमा भी बनाती है। महाराष्ट्र से छत्तीसगढ़ की सीमा बनाती हुई यह नदी दक्षिण दिशा में प्रवाहित होती है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[इंद्रावती नदी]] | ||[[चित्र:Chitrakote-Falls-Chhattisgarh.jpg|right|120px|चित्रकूट जलप्रपात, छत्तीसगढ़]]इन्द्रावती नदी [[कालाहांडी ज़िला|कालाहांडी]] ([[उड़ीसा]]) के धरमगढ़ तहसील में स्थित 4 हज़ार फीट ऊँची [[मुंगेर]] पहाड़ी से निकलती है। यह नदी पूर्व से पश्चिम की ओर बहती हुई जगदलपुर ज़िले से 40 किमी. की दूरी पर [[चित्रकूट जलप्रपात]] बनाती है, जो उड़ीसा के कालहंदी पहाड़ से निकलकर भूपालपटनम् के पास [[गोदावरी नदी|गोदावरी]] में गिरती है। यह नदी [[छत्तीसगढ़]] तथा [[महाराष्ट्र]] की सीमा भी बनाती है। महाराष्ट्र से छत्तीसगढ़ की सीमा बनाती हुई यह नदी दक्षिण दिशा में प्रवाहित होती है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[इंद्रावती नदी]] | ||
{[[छत्तीसगढ़]] की [[टमाटर]] राजधानी किसे कहते हैं? | {[[छत्तीसगढ़]] की [[टमाटर]] राजधानी किसे कहते हैं? | ||
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-[[बिलासपुर छत्तीसगढ़|बिलासपुर]] | -[[बिलासपुर छत्तीसगढ़|बिलासपुर]] | ||
-[[बस्तर ज़िला|बस्तर]] | -[[बस्तर ज़िला|बस्तर]] | ||
||छत्तीसगढ़ का दुर्ग एक प्रमुख कृषि बाज़ार है, जहाँ पर विभिन्न फ़सलों से सम्बन्धित कई मिलें हैं। यहाँ चावल एवं अरहर दाल की मिलें भी हैं। दुर्ग सर्वाधिक चना उत्पादन में सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ में प्रथम है। भिलाई इस्पात संयंत्र की स्थापना के बाद इस शहर का ओद्योगिक केंद्र के रूप में महत्त्व बढ़ गया। यहाँ के लघु उद्योगों में पीपल और कांसे का काम (फुलकारी उत्पादन), तेल पेराई, धान कुटाई एवं बुनाई सहकारिता उद्योग शामिल हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[दुर्ग छत्तीसगढ़|दुर्ग]] | ||[[चित्र:Durg-District-Map.jpg|right|120px|दुर्ग ज़िले का मानचित्र]]छत्तीसगढ़ का दुर्ग एक प्रमुख कृषि बाज़ार है, जहाँ पर विभिन्न फ़सलों से सम्बन्धित कई मिलें हैं। यहाँ चावल एवं अरहर दाल की मिलें भी हैं। दुर्ग सर्वाधिक चना उत्पादन में सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ में प्रथम है। भिलाई इस्पात संयंत्र की स्थापना के बाद इस शहर का ओद्योगिक केंद्र के रूप में महत्त्व बढ़ गया। यहाँ के लघु उद्योगों में पीपल और कांसे का काम (फुलकारी उत्पादन), तेल पेराई, धान कुटाई एवं बुनाई सहकारिता उद्योग शामिल हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[दुर्ग छत्तीसगढ़|दुर्ग]] | ||
{प्रसिद्ध रविशंकर जलाशय किस ज़िले में स्थित है? | {प्रसिद्ध रविशंकर जलाशय किस ज़िले में स्थित है? | ||
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-[[मक्का]] | -[[मक्का]] | ||
-[[गन्ना]] | -[[गन्ना]] | ||
||[[छत्तीसगढ़]] राज्य में 80 प्रतिशत आबादी [[कृषि]] और उससे जुडी गतिविधियों में लगी है। 137.9 लाख हेक्टेयर भौगोलिक क्षेत्र में से कुल कृषि क्षेत्र कुल क्षेत्र का लगभग 35 प्रतिशत है। [[चावल]] यहाँ की मुख्य फ़सल है। अन्य महत्त्वपूर्ण फ़सलें हैं- [[मक्का]], [[गेंहूँ]] कच्चा अनाज, [[मूँगफली]] और दलहन। राज्य में धान की खेती सर्वाधिक मात्रा में की जाती है। लगभग 3.03 लाख हेक्टेयर में बाग़वानी फ़सलें उगाई जाती हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छत्तीसगढ़]] | ||[[चित्र:Rice-Harvest.jpg|right|120px|चावल की फ़सल]][[छत्तीसगढ़]] राज्य में 80 प्रतिशत आबादी [[कृषि]] और उससे जुडी गतिविधियों में लगी है। 137.9 लाख हेक्टेयर भौगोलिक क्षेत्र में से कुल कृषि क्षेत्र कुल क्षेत्र का लगभग 35 प्रतिशत है। [[चावल]] यहाँ की मुख्य फ़सल है। अन्य महत्त्वपूर्ण फ़सलें हैं- [[मक्का]], [[गेंहूँ]] कच्चा अनाज, [[मूँगफली]] और दलहन। राज्य में धान की खेती सर्वाधिक मात्रा में की जाती है। लगभग 3.03 लाख हेक्टेयर में बाग़वानी फ़सलें उगाई जाती हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छत्तीसगढ़]] | ||
{[[छत्तीसगढ़]] शासन द्वारा वर्ष 2002 में प्रदेश को सूखाग्रस्त घोषित कब किया गया है? | {[[छत्तीसगढ़]] शासन द्वारा वर्ष 2002 में प्रदेश को सूखाग्रस्त घोषित कब किया गया है? | ||
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-[[20 अगस्त]] | -[[20 अगस्त]] | ||
{[[छत्तीसगढ़]] में सबसे अधिक ताम्र अयस्क किस ज़िले में पाया जाता है? | {[[छत्तीसगढ़]] में सबसे अधिक [[तांबा|ताम्र]] अयस्क किस ज़िले में पाया जाता है? | ||
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-[[रायपुर ज़िला|रायपुर]] | -[[रायपुर ज़िला|रायपुर]] | ||
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-[[बस्तर ज़िला|बस्तर]] | -[[बस्तर ज़िला|बस्तर]] | ||
-[[राजनांदगाँव ज़िला|राजनांदगाँव]] | -[[राजनांदगाँव ज़िला|राजनांदगाँव]] | ||
||[[छत्तीसगढ़]] [[भारत]] के [[खनिज]] समृद्ध राज्यों में से एक है। यहाँ पर चूना-पत्थर, लौह अयस्क, [[तांबा]], फ़ॉस्फेट, [[मैंगनीज़]], बॉक्साइट, कोयला, एसबेस्टॅस और अभ्रक के उल्लेखनीय भंडार हैं। तांबे की सर्वाधिक मात्रा [[बिलासपुर ज़िला|बिलासपुर ज़िले]] से प्राप्त होती है। छ्त्तीसगढ़ में लगभग 52.5 करोड़ टन का डोलोमाइट का भंडार है, जो पूरे देश के कुल भंडार का 24 प्रतिशत है। यहाँ बॉक्साइट का अनुमानित 7.3 करोड़ टन का समृद्ध भंडार है और टिन अयस्क का 2,700 करोड़ से भी ज़्यादा का उल्लेखनीय भंडार है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छत्तीसगढ़]] | ||[[चित्र:Copper.jpg|right|120px|तांबा]][[छत्तीसगढ़]] [[भारत]] के [[खनिज]] समृद्ध राज्यों में से एक है। यहाँ पर चूना-पत्थर, लौह अयस्क, [[तांबा]], फ़ॉस्फेट, [[मैंगनीज़]], बॉक्साइट, कोयला, एसबेस्टॅस और अभ्रक के उल्लेखनीय भंडार हैं। तांबे की सर्वाधिक मात्रा [[बिलासपुर ज़िला|बिलासपुर ज़िले]] से प्राप्त होती है। छ्त्तीसगढ़ में लगभग 52.5 करोड़ टन का डोलोमाइट का भंडार है, जो पूरे देश के कुल भंडार का 24 प्रतिशत है। यहाँ बॉक्साइट का अनुमानित 7.3 करोड़ टन का समृद्ध भंडार है और टिन अयस्क का 2,700 करोड़ से भी ज़्यादा का उल्लेखनीय भंडार है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छत्तीसगढ़]] | ||
{[[छत्तीसगढ़]] की गंगा किसे कहते हैं? | {[[छत्तीसगढ़]] की गंगा किसे कहते हैं? | ||
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-दूधनदी | -दूधनदी | ||
+[[महानदी]] | +[[महानदी]] | ||
||[[चित्र:Mahanadi.jpg| | ||[[चित्र:Mahanadi.jpg|120px|right|महानदी, उड़ीसा]][[छत्तीसगढ़]] राज्य में [[महानदी]] को '[[गंगा]]' के समान पवित्र माना जाता है, यही कारण है कि यह 'छत्तीसगढ़ की गंगा' कही जाती है। इस नदी को गंगा कहे जाने के बारे में मान्यता है कि, [[त्रेतायुग]] में श्रृंगी ऋषि का आश्रम सिहावा की पहाड़ी में था। वे [[अयोध्या]] में महाराजा [[दशरथ]] के निवेदन पर पुत्रेष्ठि यज्ञ कराकर लौटे थे। उनके कमंडल में [[यज्ञ]] में प्रयुक्त गंगा का पवित्र जल भरा था। समाधि से उठते समय कमंडल का अभिमंत्रित जल गिर पड़ा और बहकर महानदी के उद्गम में मिल गया। गंगाजल के मिलने से महानदी गंगा के समान पवित्र हो गयी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छत्तीसगढ़]] | ||
{मैकाल पर्वत की सबसे ऊँची चोटी कौन-सी है? | {मैकाल पर्वत की सबसे ऊँची चोटी कौन-सी है? | ||
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+[[कोरबा ज़िला|कोरबा]] | +[[कोरबा ज़िला|कोरबा]] | ||
-[[कोरिया ज़िला|कोरिया]] | -[[कोरिया ज़िला|कोरिया]] | ||
||[[खनिज]] संपदा से [[ | ||[[चित्र:Chhattisgarh-map.jpg|right|120px|छत्तीसगढ़ का मानचित्र]][[खनिज]] संपदा से [[छत्तीसगढ़]] को सालाना 600 करोड़ रुपये से ज़्यादा का राजस्व प्राप्त होता है। [[रायपुर ज़िला|रायपुर ज़िले]] के देवभोग में [[हीरा|हीरे]] के भंडार हैं। छ्त्तीसगढ़ अपनी आवश्यकता से अधिक [[ऊर्जा]] का उत्पादन करता है। कोयला समृद्ध कोरबा में तीन ताप-विद्युत संयंत्र हैं और अन्य कई संयंत्र लगाने की योजना है। 'साउथ ईस्टर्न कोलफ़ील्डस लिमिटेड' कोयले के विशाल भंडार वाले क्षेत्रों में खोज कर रहा है। छ्त्तीसगढ़ में तेंदू पत्ते का [[भारत]] के कुल उत्पादन का 70 प्रतिशत होता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छत्तीसगढ़]] | ||
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Revision as of 09:18, 15 January 2012
छत्तीसगढ़ का सामान्य ज्ञान
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