श्रवण नक्षत्र: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
No edit summary |
गोविन्द राम (talk | contribs) No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
शास्त्रों के अनुसार और ज्योतिष की गणना के अनुसार 27 [[नक्षत्र]] माने जाते हैं। इसमें [[उत्तराषाढ़ा नक्षत्र|उत्तराषाढ़ा]] और [[धनिष्ठा नक्षत्र|धनिष्ठा]] के बीच में श्रवण नक्षत्र होता है। | |||
<poem>अर्थ - सुनने का कर्ण | <poem>अर्थ - सुनने का कर्ण | ||
देव - व्यवस्थापक</poem> | देव - व्यवस्थापक</poem> | ||
*इस नक्षत्र में होने वाले कार्यों को सामान्यतया शुभ माना गया है। | *इस नक्षत्र में होने वाले कार्यों को सामान्यतया शुभ माना गया है। | ||
*नक्षत्रों के तीन मुख होते हैं- | *नक्षत्रों के तीन मुख होते हैं- | ||
Line 13: | Line 12: | ||
*श्रवण नक्षत्र के [[देवता]] चंद्र को माना जाता है। | *श्रवण नक्षत्र के [[देवता]] चंद्र को माना जाता है। | ||
*अकवन के पेड को श्रवण नक्षत्र का प्रतीक माना जाता है और श्रवण नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग अकवन वृक्ष की पूजा करते है। | *अकवन के पेड को श्रवण नक्षत्र का प्रतीक माना जाता है और श्रवण नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग अकवन वृक्ष की पूजा करते है। | ||
*इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग अपने घर के ख़ाली हिस्से में अकवन के पेड को लगाते | *इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग अपने घर के ख़ाली हिस्से में अकवन के पेड को लगाते हैं। | ||
{{लेख प्रगति | {{लेख प्रगति | ||
|आधार=आधार1 | |आधार=आधार1 | ||
Line 27: | Line 23: | ||
|शोध= | |शोध= | ||
}} | }} | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{नक्षत्र}} | {{नक्षत्र}} | ||
[[Category:ग्रह-नक्षत्र ज्योतिष]] | [[Category:ग्रह-नक्षत्र ज्योतिष]] | ||
[[Category:पौराणिक_कोश]] | [[Category:पौराणिक_कोश]] | ||
[[Category:काल गणना]] | [[Category:काल गणना]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
Revision as of 14:01, 3 May 2012
शास्त्रों के अनुसार और ज्योतिष की गणना के अनुसार 27 नक्षत्र माने जाते हैं। इसमें उत्तराषाढ़ा और धनिष्ठा के बीच में श्रवण नक्षत्र होता है।
अर्थ - सुनने का कर्ण
देव - व्यवस्थापक
- इस नक्षत्र में होने वाले कार्यों को सामान्यतया शुभ माना गया है।
- नक्षत्रों के तीन मुख होते हैं-
- तिर्यक मुख,
- अधोमुख और
- उर्ध्वमुख।
- इनमें से श्रवण नक्षत्र का उर्ध्वमुख है। इसके फलस्वरूप इस नक्षत्र में राज्याभिषेक, गृहनिर्माण, प्रकाशन, ध्वजारोहण, नामकरण आदि कार्य शुभ होते हैं।
- व्यापार और घर के लिए ख़रीदी के लिए भी श्रवण नक्षत्र अत्यंत शुभ माना गया है।
- श्रवण में विष्णु का व्रत और पूजन किया जाता है।
- श्रवण नक्षत्र के देवता चंद्र को माना जाता है।
- अकवन के पेड को श्रवण नक्षत्र का प्रतीक माना जाता है और श्रवण नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग अकवन वृक्ष की पूजा करते है।
- इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग अपने घर के ख़ाली हिस्से में अकवन के पेड को लगाते हैं।
|
|
|
|
|