मरुस्थल: Difference between revisions
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#'''वास्तविक मरुस्थल'''- इसमें बालू की प्रचुरता पाई जाती है। | #'''वास्तविक मरुस्थल'''- इसमें बालू की प्रचुरता पाई जाती है। | ||
#'''पथरीले मरुस्थल'''- इसमें कंकड़-पत्थर से युक्त भूमि पाई जाती है। इन्हें अल्जीरिया में रेग तथा लीबिया में सेरिर के नाम से जाना जाता है। | #'''पथरीले मरुस्थल'''- इसमें कंकड़-पत्थर से युक्त भूमि पाई जाती है। इन्हें अल्जीरिया में रेग तथा लीबिया में सेरिर के नाम से जाना जाता है। | ||
#'''चट्टानी मरुस्थल'''- | #'''चट्टानी मरुस्थल'''- इसमें चट्टानी भूमि का हिस्सा अधिकाधिक होता है। इन्हें सहारा क्षेत्र में हमादा कहा जाता है। | ||
Revision as of 08:17, 22 June 2012
नाम | देश | क्षेत्रफल (किमी.) |
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सहारा | उत्तरी अफ्रीका | 9065000 |
लिबयान | उत्तरी अफ्रीका | 1683500 |
ऑस्ट्रेलियान | ऑस्ट्रेलिया | 1554000 |
ग्रेट विक्टोरिया | ऑस्ट्रेलिया | 323800 |
अटकामा | उत्तरी चिली | 180000 |
पेंटोगोनिया | अर्जेंटीना | |
सीरियन | अरब | 323800 |
अरेबियन | अरब | 129500 |
गोबी | मंगोलिया | 1036000 |
रब आल खाली | अरब | 647500 |
कालाहारी | बोत्स्वाना | 518000 |
ग्रेट सैंडी | ऑस्ट्रेलिया | 414400 |
टकला माकन | चीन | 323800 |
अरुनता | ऑस्ट्रेलिया | 310800 |
कारा कुम | दक्षिण-पश्चिमी तुर्किस्तान | 272000 |
नूबियन | उत्तरी अफ्रीका | 259000 |
थार | उत्तरी-पश्चिमी भारत | 259000 |
किजिलकुल | मध्य तुर्किस्तान | 233100 |
शुष्क जलवायु वाले प्रदेशों में पाये जाने वाले वे क्षेत्र जहां वर्षा कम या नहीं के बराबर होती है एवं वनस्पतियां नहीं उगती हैं, मरुस्थल कहलाते हैं। ऐसे प्रदेशों में बालुकाभित्ति, कंकड़-पत्थर एवं चट्टान की अधिकता रहती है। मरुस्थल निम्न प्रकार के होते हैं-
- वास्तविक मरुस्थल- इसमें बालू की प्रचुरता पाई जाती है।
- पथरीले मरुस्थल- इसमें कंकड़-पत्थर से युक्त भूमि पाई जाती है। इन्हें अल्जीरिया में रेग तथा लीबिया में सेरिर के नाम से जाना जाता है।
- चट्टानी मरुस्थल- इसमें चट्टानी भूमि का हिस्सा अधिकाधिक होता है। इन्हें सहारा क्षेत्र में हमादा कहा जाता है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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