अवतार यान: Difference between revisions

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Revision as of 07:53, 13 July 2012

अवतार यान भारत का एक बहुउद्देश्यीय स्वप्रणोदित अंतरिक्ष यान है, जिसका विकास भारतीय अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के द्वारा किया जा रहा है। यह यान अंतरिक्ष में कार्य प्रक्रिया पूर्ण कर लेने के बाद अपनी ऊर्जा से ही अंतरिक्ष की कक्षा से बाहर निकलने, वायुमंडल में प्रवेश करने और पृथ्वी पर उतरने में सक्षम होगा।

कार्य प्रणाली

वैज्ञानिकों ने इस अंतरिक्ष यान का नाम 'अवतार' रखा है, जो 'एयरोबिक वेहिकिल फ़ॉर एडवांस्ड ट्रांस – एटमोस्फ़ेयरिक रिसर्च' का संक्षिप्त रूप है। यह अत्याधुनिक अंतरिक्ष यान उपग्रहों की भांति निगरानी व जासूसी करने के अतिरिक्त अंतरिक्ष में नीची कक्षाओं में छोटे संचार एवं नेवीगेशनल उपग्रहों को भी स्थापित करने में सक्षम होगा। अवतार में तीन प्रकार के इंजन टर्बोफ़ैन रैमजेट, स्क्रैमजेट तथा रॉकेट इंजन का प्रयोग होगा। प्रथम चरण में 'टर्बोजेट रैमजेट' इंजन की मदद से यान पृथ्वी से उड़ान भरेगा। एक निश्चित ऊँचाई पर पहुँचने के पश्चात् द्वितीय चरण में 'स्क्रैमजेट' इंजन की सहायता से अंतरिक्ष यान को ध्वनि के वेग (332 मी./सेकंड) से सात गुना अधिक तीव्र गति प्राप्त होगी। तीसरे और अंतिम चरण में 'रॉकेट' इंजन के माध्यम से अंतरिक्ष यान पुन: वायुमंडल में लौटकर पृथ्वी पर उतर सकेगा।

ईधन तथा गति

रॉकेट इंजन में तरल ऑक्सीजन का उपयोग ईधन के रूप में होगा, जो यान के उड़ान के दौरान स्वत: ही निर्मित होगी। भूतल से 30 कि.मी. की ऊँचाई पर अवतार की उड़ान गति 6,000 कि.मी. प्रति घंटा होगी। छोटे आकार के इस अंतरिक्ष यान अवतार को अंतरिक्ष में कम से कम 100 बार प्रक्षेपित किया जा सकेगा।

कार्य

यह यान मुख्य रूप से गुप्तचरी, निगरानी तथा टोहगिरी जैसी सेवाएं पूर्ण विश्वसनीयता के साथ उपलब्ध कराएगा। अवतार यान की प्रारंभिक निर्माण लागत 8,000 करोड़ रुपय अनुमानित है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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