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* यह मंदिर [[सिक्ख धर्म]] की सहनशीलता तथा स्वीकार्यता का संदेश अपनी वास्तुकला के माध्यम से प्रदर्शित करता है, जिसमें अन्य धर्मों के संकेत शामिल किए गए हैं।  
* यह मंदिर [[सिक्ख धर्म]] की सहनशीलता तथा स्वीकार्यता का संदेश अपनी वास्तुकला के माध्यम से प्रदर्शित करता है, जिसमें अन्य धर्मों के संकेत शामिल किए गए हैं।  
* सिख संप्रदाय को मानने वाला हर व्यक्ति चाहे वह दुनिया के किसी भी कोने में क्यों न रहता हो, अपनी ज़िंदगी में एक बार स्वर्ण मन्दिर में मत्था टेकने की इच्छा ज़रूर रखता है।
* सिख संप्रदाय को मानने वाला हर व्यक्ति चाहे वह दुनिया के किसी भी कोने में क्यों न रहता हो, अपनी ज़िंदगी में एक बार स्वर्ण मन्दिर में मत्था टेकने की इच्छा ज़रूर रखता है।
* स्वर्ण मंदिर की [[वास्तुकला]] [[हिन्दू]] तथा [[मुस्लिम]] निर्माण कार्य के बीच एक अनोखे सौहार्द को प्रदर्शित करती है तथा स्वर्ण मंदिर को विश्वास के सर्वोत्तम वास्तु-कलात्म‍क नमूने के रूप में माना जा सकता है। यह कई बार कहा जाता है कि इस वास्तुकला से [[भारत]] के कला इतिहास में सिक्ख संप्रदाय की एक स्वतंत्र वास्तुकला का सृजन हुआ है। यह मंदिर कलात्मक सौंदर्य और गहरी शांति का उल्लेखनीय संयोजन है। [[स्वर्ण मंदिर|... और पढ़ें]]
* स्वर्ण मंदिर की [[वास्तुकला]] [[हिन्दू]] तथा [[मुस्लिम]] निर्माण कार्य के बीच एक अनोखे सौहार्द को प्रदर्शित करती है तथा स्वर्ण मंदिर को विश्वास के सर्वोत्तम वास्तु-कलात्म‍क नमूने के रूप में माना जा सकता है।  
* कहा जाता है कि इस वास्तुकला से [[भारत]] के कला इतिहास में सिक्ख संप्रदाय की एक स्वतंत्र वास्तुकला का सृजन हुआ है। यह मंदिर कलात्मक सौंदर्य और गहरी शांति का उल्लेखनीय संयोजन है। [[स्वर्ण मंदिर|... और पढ़ें]]
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एक पर्यटन स्थल

right|130px|स्वर्ण मंदिर, अमृतसर|link=स्वर्ण मंदिर|border

  • स्वर्ण मंदिर के आस पास के सुंदर परिवेश और स्वर्ण की पर्त के कारण ही इसे स्वर्ण मंदिर कहते हैं। यह अमृतसर (पंजाब) में स्थित सिक्खों का सबसे पवित्र मंदिर माना जाता है।
  • यह मंदिर सिक्ख धर्म की सहनशीलता तथा स्वीकार्यता का संदेश अपनी वास्तुकला के माध्यम से प्रदर्शित करता है, जिसमें अन्य धर्मों के संकेत शामिल किए गए हैं।
  • सिख संप्रदाय को मानने वाला हर व्यक्ति चाहे वह दुनिया के किसी भी कोने में क्यों न रहता हो, अपनी ज़िंदगी में एक बार स्वर्ण मन्दिर में मत्था टेकने की इच्छा ज़रूर रखता है।
  • स्वर्ण मंदिर की वास्तुकला हिन्दू तथा मुस्लिम निर्माण कार्य के बीच एक अनोखे सौहार्द को प्रदर्शित करती है तथा स्वर्ण मंदिर को विश्वास के सर्वोत्तम वास्तु-कलात्म‍क नमूने के रूप में माना जा सकता है।
  • कहा जाता है कि इस वास्तुकला से भारत के कला इतिहास में सिक्ख संप्रदाय की एक स्वतंत्र वास्तुकला का सृजन हुआ है। यह मंदिर कलात्मक सौंदर्य और गहरी शांति का उल्लेखनीय संयोजन है। ... और पढ़ें

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