प्रयोग:गोविन्द3: Difference between revisions
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* यह मंदिर [[सिक्ख धर्म]] की सहनशीलता तथा स्वीकार्यता का संदेश अपनी वास्तुकला के माध्यम से प्रदर्शित करता है, जिसमें अन्य धर्मों के संकेत शामिल किए गए हैं। | * यह मंदिर [[सिक्ख धर्म]] की सहनशीलता तथा स्वीकार्यता का संदेश अपनी वास्तुकला के माध्यम से प्रदर्शित करता है, जिसमें अन्य धर्मों के संकेत शामिल किए गए हैं। | ||
* सिख संप्रदाय को मानने वाला हर व्यक्ति चाहे वह दुनिया के किसी भी कोने में क्यों न रहता हो, अपनी ज़िंदगी में एक बार स्वर्ण मन्दिर में मत्था टेकने की इच्छा ज़रूर रखता है। | * सिख संप्रदाय को मानने वाला हर व्यक्ति चाहे वह दुनिया के किसी भी कोने में क्यों न रहता हो, अपनी ज़िंदगी में एक बार स्वर्ण मन्दिर में मत्था टेकने की इच्छा ज़रूर रखता है। | ||
* स्वर्ण मंदिर की [[वास्तुकला]] [[हिन्दू]] तथा [[मुस्लिम]] निर्माण कार्य के बीच एक अनोखे सौहार्द को प्रदर्शित करती है तथा स्वर्ण मंदिर को विश्वास के सर्वोत्तम वास्तु-कलात्मक नमूने के रूप में माना जा सकता है। | * स्वर्ण मंदिर की [[वास्तुकला]] [[हिन्दू]] तथा [[मुस्लिम]] निर्माण कार्य के बीच एक अनोखे सौहार्द को प्रदर्शित करती है तथा स्वर्ण मंदिर को विश्वास के सर्वोत्तम वास्तु-कलात्मक नमूने के रूप में माना जा सकता है। | ||
* कहा जाता है कि इस वास्तुकला से [[भारत]] के कला इतिहास में सिक्ख संप्रदाय की एक स्वतंत्र वास्तुकला का सृजन हुआ है। यह मंदिर कलात्मक सौंदर्य और गहरी शांति का उल्लेखनीय संयोजन है। [[स्वर्ण मंदिर|... और पढ़ें]] | |||
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