राघवजी: Difference between revisions

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==जन्म तथा शिक्षा==
==जन्म तथा शिक्षा==
राघवजी का जन्म 7 जुलाई, 1934 को विदिशा, मध्य प्रदेश में हुआ था। अपनी शिक्षा के अंतर्गत उन्होंने एम.कॉम तथा एल.एल.बी. की डिग्रियाँ प्राप्त कीं। राघवजी ने अपनी शिक्षा पूर्ण करने के बाद वकालत का पेशा अपनाया। एक वकील के रूप में वे 'टेक्स कन्सलटेन्ट' हैं। राघवजी सन [[1958]] से इस पेशे से जुड़े हुए हैं।
राघवजी का जन्म 7 जुलाई, 1934 को विदिशा, मध्य प्रदेश में हुआ था। अपनी शिक्षा के अंतर्गत उन्होंने एम.कॉम तथा एल.एल.बी. की डिग्रियाँ प्राप्त कीं। राघवजी ने अपनी शिक्षा पूर्ण करने के बाद वकालत का पेशा अपनाया। एक वकील के रूप में वे 'टेक्स कन्सलटेन्ट' हैं। राघवजी सन [[1958]] से इस पेशे से जुड़े हुए हैं।
====लम्बा राजनीतिक अनुभव====
====लम्बा राजनीतिक अनुभव====
प्रशासनिक और राजनैतिक क्षेत्र में काफ़ी लंबे समय का अनुभव रखने वाले राघवजी वर्ष [[1980]] में 'मध्य प्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ' के अध्यक्ष, वर्ष [[1998]]-[[1999]] में उद्योग विषय पर 'संसदीय स्थायी समिति' के अध्यक्ष, वर्ष [[2000]] में भी पुन: इसी समिति के अध्यक्ष तथा इसके बाद 'पंडित दीनदयाल विचार प्रकाशन' के अध्यक्ष बने। वे 'सम्राट अशोक टेक्नॉलॉजिकल इन्स्टीट्यूट', विदिशा के पाँच वर्ष तक सचिव रह चुके हैं। [[1997]] में वे परिवहन एवं पर्यटन विषय पर 'संसदीय स्थायी उपसमिति' के भी सचिव रहे थे। राघवजी 1999 में त्रिनिदाद-टोबेगो में आयोजित कॉमनवेल्थ कॉनफ्रेन्स में [[लोक सभा अध्यक्ष]] के नेतृत्व में भाग लेने वाले चार सदस्यीय शिष्ट मण्डल में शामिल थे।
प्रशासनिक और राजनैतिक क्षेत्र में काफ़ी लंबे समय का अनुभव रखने वाले राघवजी वर्ष [[1980]] में 'मध्य प्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ' के अध्यक्ष, वर्ष [[1998]]-[[1999]] में उद्योग विषय पर 'संसदीय स्थायी समिति' के अध्यक्ष, वर्ष [[2000]] में भी पुन: इसी समिति के अध्यक्ष तथा इसके बाद 'पंडित दीनदयाल विचार प्रकाशन' के अध्यक्ष बने। वे 'सम्राट अशोक टेक्नॉलॉजिकल इन्स्टीट्यूट', विदिशा के पाँच वर्ष तक सचिव रह चुके हैं। [[1997]] में वे परिवहन एवं पर्यटन विषय पर 'संसदीय स्थायी उपसमिति' के भी सचिव रहे थे। राघवजी 1999 में त्रिनिदाद-टोबेगो में आयोजित कॉमनवेल्थ कॉनफ्रेन्स में [[लोकसभा अध्यक्ष]] के नेतृत्व में भाग लेने वाले चार सदस्यीय शिष्ट मण्डल में शामिल थे।
==लोक सभा राज्य सभा सदस्य==
==लोकसभा राज्यसभा सदस्य==
समृद्ध राजनैतिक और संसदीय अनुभव रखने वाले राघवजी वर्ष [[1970]]-[[1972]] में मध्य प्रदेश विधान सभा के सदस्य रहे। वे वर्ष [[1977]]-[[1979]] तथा [[1989]]-[[1991]] में लोक सभा सदस्य तथा वर्ष [[1991]]-[[1992]] और फिर [[1994]]-[[2000]] में [[राज्य सभा]] के सदस्य रहे।
समृद्ध राजनैतिक और संसदीय अनुभव रखने वाले राघवजी वर्ष [[1970]]-[[1972]] में मध्य प्रदेश विधान सभा के सदस्य रहे। वे वर्ष [[1977]]-[[1979]] तथा [[1989]]-[[1991]] में लोकसभा सदस्य तथा वर्ष [[1991]]-[[1992]] और फिर [[1994]]-[[2000]] में [[राज्यसभा]] के सदस्य रहे।
====विभिन्न समितियों के सदस्य====
====विभिन्न समितियों के सदस्य====
राघवजी [[संसद]] की सार्वजनिक उपक्रम समिति, रेलवे वेगन समिति, पिटीशन्स कमेटी, राज्य सभा, संसद सदस्यों के वेतन और भत्तों के विषय में गठित समिति, भविष्य निधि एवं पेन्शन समिति, कृषि समिति, वित्त विषय पर स्थायी समिति, परिवहन और पर्यटन विषय पर स्थायी समिति तथा वित्त मंत्रालय और परिवहन मंत्रालय की सलाहकार समिति के सदस्य रह चुके हैं। वे 'केन्द्रीय रेशम बोर्ड' के तीन वर्ष तक, सी.एस.बी. की कार्यकारिणी समिति के दो वर्षों तक तथा सी.एस.बी. की अपीलेंट ऑथोरटी के दो वर्षों तक सदस्य रहे।
राघवजी [[संसद]] की सार्वजनिक उपक्रम समिति, रेलवे वेगन समिति, पिटीशन्स कमेटी, राज्यसभा, संसद सदस्यों के वेतन और भत्तों के विषय में गठित समिति, भविष्य निधि एवं पेन्शन समिति, कृषि समिति, वित्त विषय पर स्थायी समिति, परिवहन और पर्यटन विषय पर स्थायी समिति तथा वित्त मंत्रालय और परिवहन मंत्रालय की सलाहकार समिति के सदस्य रह चुके हैं। वे 'केन्द्रीय रेशम बोर्ड' के तीन वर्ष तक, सी.एस.बी. की कार्यकारिणी समिति के दो वर्षों तक तथा सी.एस.बी. की अपीलेंट ऑथोरटी के दो वर्षों तक सदस्य रहे।
==मंत्री का पद==
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राघवजी (जन्म- 7 जुलाई, 1934, मध्य प्रदेश) भारत की राजनीतिक पार्टी 'भाजपा' (भारतीय जनता पार्टी) के मंत्रालय में एक कैबिनेट मंत्री और राजनीतिज्ञ हैं। मध्य प्रदेश की राजनीति में इनका महत्त्वपूर्ण स्थान है। राघवजी मध्य प्रदेश राज्य के वित्तमंत्री हैं। वह विदिशा से मध्य प्रदेश विधान सभा के सदस्य हैं। राघवजी लोकसभा और राज्यसभा के भी सदस्य रह चुके हैं। वे छठी लोकसभा और नौवीं लोकसभा सांसद के सदस्य थे।

जन्म तथा शिक्षा

राघवजी का जन्म 7 जुलाई, 1934 को विदिशा, मध्य प्रदेश में हुआ था। अपनी शिक्षा के अंतर्गत उन्होंने एम.कॉम तथा एल.एल.बी. की डिग्रियाँ प्राप्त कीं। राघवजी ने अपनी शिक्षा पूर्ण करने के बाद वकालत का पेशा अपनाया। एक वकील के रूप में वे 'टेक्स कन्सलटेन्ट' हैं। राघवजी सन 1958 से इस पेशे से जुड़े हुए हैं।

लम्बा राजनीतिक अनुभव

प्रशासनिक और राजनैतिक क्षेत्र में काफ़ी लंबे समय का अनुभव रखने वाले राघवजी वर्ष 1980 में 'मध्य प्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ' के अध्यक्ष, वर्ष 1998-1999 में उद्योग विषय पर 'संसदीय स्थायी समिति' के अध्यक्ष, वर्ष 2000 में भी पुन: इसी समिति के अध्यक्ष तथा इसके बाद 'पंडित दीनदयाल विचार प्रकाशन' के अध्यक्ष बने। वे 'सम्राट अशोक टेक्नॉलॉजिकल इन्स्टीट्यूट', विदिशा के पाँच वर्ष तक सचिव रह चुके हैं। 1997 में वे परिवहन एवं पर्यटन विषय पर 'संसदीय स्थायी उपसमिति' के भी सचिव रहे थे। राघवजी 1999 में त्रिनिदाद-टोबेगो में आयोजित कॉमनवेल्थ कॉनफ्रेन्स में लोकसभा अध्यक्ष के नेतृत्व में भाग लेने वाले चार सदस्यीय शिष्ट मण्डल में शामिल थे।

लोकसभा व राज्यसभा सदस्य

समृद्ध राजनैतिक और संसदीय अनुभव रखने वाले राघवजी वर्ष 1970-1972 में मध्य प्रदेश विधान सभा के सदस्य रहे। वे वर्ष 1977-1979 तथा 1989-1991 में लोकसभा सदस्य तथा वर्ष 1991-1992 और फिर 1994-2000 में राज्यसभा के सदस्य रहे।

विभिन्न समितियों के सदस्य

राघवजी संसद की सार्वजनिक उपक्रम समिति, रेलवे वेगन समिति, पिटीशन्स कमेटी, राज्यसभा, संसद सदस्यों के वेतन और भत्तों के विषय में गठित समिति, भविष्य निधि एवं पेन्शन समिति, कृषि समिति, वित्त विषय पर स्थायी समिति, परिवहन और पर्यटन विषय पर स्थायी समिति तथा वित्त मंत्रालय और परिवहन मंत्रालय की सलाहकार समिति के सदस्य रह चुके हैं। वे 'केन्द्रीय रेशम बोर्ड' के तीन वर्ष तक, सी.एस.बी. की कार्यकारिणी समिति के दो वर्षों तक तथा सी.एस.बी. की अपीलेंट ऑथोरटी के दो वर्षों तक सदस्य रहे।

मंत्री का पद

दिसम्बर, 2003 में राघवजी पुन: विधायक चुने गये थे। उन्हें 8 दिसम्बर, 2003 को सुश्री उमा भारती के मंत्रिमण्डल में केबिनेट मंत्री के रूप में शामिल किया गया था। उन्हें वित्त, योजना, आर्थिक और सांख्यिकी विभाग का उत्तरदायित्व सौंपा गया। राघवजी को 27 अगस्त, 2004 को मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर के मंत्रिमंडल में मंत्री के रूप में शामिल किया गया था।

राघवजी को पुन: 4 दिसम्बर, 2005 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल में मंत्री के रूप में सम्मिलित किया गया। 20 दिसम्बर, 2008 को गठित मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल में मंत्री के रूप में उन्हें सम्मिलित किया गया।


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