केनरा बैंक: Difference between revisions

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thumb|केनरा बैंक का लोगो केनरा बैंक (अंग्रेज़ी:Canara Bank) भारत की एक प्रमुख वाणिज्यिक बैंक है। भारत में इसकी स्थापना 1906 में की गयी थी। इस नाते यह भारत के सबसे पुराने भारतीय बैंकों में से एक है। 2008 तक केनरा बैंक की भारत और अन्य देशों में 2641 शाखायें थीं। इसका मुख्य कार्यालय बंगलोर में स्थित है। बैंक की अंतर्राष्ट्रीय उपस्थिति, लंदन, हांगकांग, मास्को, शंघाई, दोहा, और दुबई जैसे केन्द्रों मे है। व्यापार के संदर्भ में यह एक भारत के सबसे बडे़ राष्ट्रीयकृत बैंको में से एक है, जिसका कुल कारोबार 20 खरब रुपयों का है।

स्थापना

एक महान मानवप्रेमी, श्री अम्मेम्बाल सुब्बाराव पै द्वारा वर्ष 1906 में "केनरा हिन्दु पेरमेनन्ट फंड" नाम से बोया गया यह छोटा-सा बीज 1910 में "केनरा बैंक लिमिटेड" नामक लिमिटेड कंपनी और 1969 में राष्ट्रीयकरण के बाद केनरा बैंक के रूप में पल्लवित हुआ।

"एक अच्छा बैंक न केवल समाज का वित्तीय हृदय होता है, बल्कि आम आदमी की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए हर संभव तरीके से प्रयास करना उसकी जिम्मेदारी है"- अम्मेम्बाल सुबबाराव पै

स्थापना के सिद्धांत

  1. अंधविश्वास और अज्ञान को दूर करना
  2. पहले सिद्धांत की पूर्ति हेतु शिक्षा का प्रसार करना
  3. मितव्ययिता एवं बचत की आदत विकसित करना
  4. वित्तीय संस्था को न केवल समाज का वित्तीय हृदय बल्कि सामाजिक हृदय बनाना
  5. ज़रूरतमंदों की मदद करना
  6. सेवा और समर्पण की भावना के साथ काम करना
  7. सहजीवियों के प्रति चिंता तथा परिवर्तन लाने/तकलीफ और दिक्कतों को दूर करने की दृष्टि से परिवेश के प्रति संवेदना विकसित करना

स्थापना के मज़बूत सिद्धांत, प्रबुद्ध नेतृत्व, अनुपम कार्य-संस्कृति और बदलते बैंकिंग परिवेश में अपने आप को ढालने की अद्भुत क्षमता ने केनरा बैंक को विश्व स्तर की एक अग्रणी बैंकिग संस्था बना डाली है।

संक्षिप्त रेखाचित्र

अपनी ग्राहकोन्मुखता के लिए व्यापक रूप से जाने वाले केनरा बैंक की स्थापना एक महान दूरद्रष्टा एवं सामाज सेवी श्री अम्मंबाल सुब्बाराव पै द्वारा जुलाई 1906 में कर्नाटक के एक छोटे से पत्तन शहर, मंगलूर में की गयी। एक सौ वर्षों में बैंक ने अपनी प्रगति के पथ पर कई मंज़िलें तय की हैं। केनरा बैंक का विकास आश्चर्यजनक था, विशेषकर 1969 में राष्ट्रीयकरण हो जाने के बाद, भौगोलिक पहुँच और ग्राहक संवर्गों की दृष्टि से राष्ट्रीय स्तर की हैसियत प्राप्त की है। अस्सी के दशक में बैंक के व्यापार का विशाखन देखने को मिलता है। जून 2006 में बैंक ने भारतीय बैंकिंग उद्योग में एक शताब्दी पूरी कर ली। बैंक की सक्रिय यात्रा में कई महत्वपूर्ण मील-पत्थर हैं। आज केनरा बैंक भारतीय बैंकिंग की बिरादरी में एक अग्रणी स्थान प्राप्त किया हुआ है और वर्ष 2006-07 के लिए सकल व्यापार के मामले में भारत का साबसे बड़ा वाणिज्यिक बैंक के रूप में उभरा है। अपनी स्थापना से लेकर लाभ कमाने के कीर्तिमान सहित केनरा बैंक कई क्षेत्रों में अव्वल आया है। जिनमें कुछ हैं-

  • एक शाखा के लिए आईएसओ प्रमाणीकरण प्राप्त करना
  • "गुड बैंकिंग - बैंक की नागरिक संहिता" की घोषणा
  • अनन्य रूप से महिलाओं के लिए महिला बैंकिंग शाखा का प्रारंभ
  • सूचना प्रौद्योगिकी परामर्श हेतु अलग से अनुषंगी की स्थापना
  • किसानों को क्रेडिट कार्ड जारी करने वाला भारत में पहला बैंक
  • कृषि परामर्शी सेवा प्रदान करनेवाला भारत में पहला बैंक।

मील के पत्थर

वर्ष विवरण
01 जुलाई 1906 50 प्रति शेयर के 2000 शेयरों की पूंजी और 4 कर्मचारियों के साथ केनरा बैंक हिंदू परमानैन्ट फंड लिमिटेड औपचारिक रूप से पंजीकृत किया
1910 केनरा बैंक हिंदू परमानैन्ट फंड का केनरा बैंक लिमिटेड के रूप में नामकरण किया गया
1969 केनरा बैंक सहित देश के 14 बडे बैंकों का 19 जुलाई को राष्ट्रीयकरण किया गया
1976 1000 वीं शाखा का उद्धाटन किया गया।
1983 लंदन में समुद्रपारीय शाखा का उद्धाटन किया गया
केनकार्ड (बैंक का क्रेडिट कार्ड ) शुरू किया गया।
1984 लक्ष्मी कमर्शियल बैंक लिमिटेड के साथ विलयन
1985 इंडो हांगकांग इंटरनेशनल फाइनेन्स लिमिटेड की कमीशनिंग
1987 केनबैंक म्युचुअल फंड एवं केनफिन होम्स की शुरुआत
1989 केनबैंक वेन्चर कैपिटल फंड प्रारंभ किया गया
1989-90 केनबैंक फैक्टर्स लिमिटेड, फैक्टरिडग अनुषंगी की शुरूआत।
1992-93 " अच्छी बैंकिंग " के दिशानिर्देशी सिद्धांतों से जुडने वाला और उन्हें अपनाने वाला प्रथम बैंक बना
1995-96 बेंगलूर में अपनी एक शाखा के लिए आई एस ओ 2002 प्रमाणन प्राप्त करने वाला प्रथम बैंक बना
2001-02 विशेष तौर पर महिला ग्राहकें की वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बेंगलूर में "महिला बैंकिंग शाखा" खोली गई जो अपनी तरह की पहली शाखा है ।
2002-03 बैंक का प्रथम आई पी ओ
2003-04 इंटरनेट और मोबाईल बैंकिंग की शुरुआत
2004-05 100% शाखा कम्प्यूटरीकरण
2005-06 बैंकिंग सेवा के 100 वें वर्ष में प्रवेश
चुनिंदा शाखाओं में क कोर बैंकिंग समाधान की शुरुआत
राष्ट्रीयकृत बैंको में समग्र कारोबार की दृष्टि से सर्वप्रथम स्थान
2006-07 राष्ट्रीयकृत बैंको में समग्र कारोबार की दृष्टि से अपने सर्वप्रथम स्थान को बनाए रखा ।
बीमा और आस्ति प्रबंधन में दो संयुक्त उपक्रमों की आरंभ करने के लिए बडी अंतर्राष्ट्रीय कंपनी ( क्रमश: एच.एस.बी.सी.[एशिया -पसफिक] होल्डिंग और रोबेको ग्रूप एन.वी.) के साथ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किये ।
2007-08 नई ब्रैन्ड पहचान का आरंभ
बीमा व आस्ति प्रबंधन संयुक्त उपक्रमों का निगमन
" ऑनलाइन ट्रेडिंग पोर्टल " का आरंभ
" कॉल सेंटर " का आरंभ
बासेल II नई पूँजी पर्याप्तता ढाँचे में बदलना
2008-09 बैंक का कुल कारोबार 3 लाख करोड के पार
शांघाई में बैंक की तीसरी विदेशी शाखा का उद्घाटन ।
2009-10 बैंक का कुल कारोबार 4 लाख करोड के पार
बैंक का निवल लाभ
3000 करोड के पार
बैंक की शाखा नेटवर्क 3000 के पार
2010-11 बैंक का कुल कारोबार 5 लाख करोड के पार । बैंक का निवल लाभ 4000 करोड के पार । 100% कोर बैंकिंग समाधान से युक्त । लीसेस्टर में बैंक की चौथी विदेशी शाखा का तथा यू.ए.ई. के शारजाह में प्रतिनिधि कार्यालय का उद्घाटन । बैंक क्यू.आई.पी. के माध्यम से 1993 करोड प्राप्त की । क्यू.आई.पी के बाद सरकार का धारण कम होकर 67.72% हुआ ।



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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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