राष्ट्रीय चम्बल वन्य जीव अभयारण्य: Difference between revisions
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*पानी में मगरमच्छ तथा घड़ियाल प्रकृति की गोद में अपना जीवन-यापन एवं वंश समृद्धि करते हैं। | |||
*इस अभयारण्य को 'दर्राह वन्य जीव अभयारण्य' भी कहा जाता है। | *इस अभयारण्य को 'दर्राह वन्य जीव अभयारण्य' भी कहा जाता है। | ||
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Latest revision as of 07:47, 29 December 2012
राष्ट्रीय चम्बल वन्य जीव अभयारण्य राजस्थान के कोटा से 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह अभ्यारण्य 280 वर्ग किलोमीटर के जल क्षेत्र में फैला हुआ है। दक्षिण पूर्वी राजस्थान में चम्बल नदी पर राणा प्रताप सागर से चम्बल नदी के बहाव तक इसका फैलाव है।
- यह वन्य जीव अभयारण्य घड़ियालों और पतले मुँह वाले मगरमच्छों के लिए बहुत लोकप्रिय है।
- पानी में मगरमच्छ तथा घड़ियाल प्रकृति की गोद में अपना जीवन-यापन एवं वंश समृद्धि करते हैं।
- इस अभयारण्य को 'दर्राह वन्य जीव अभयारण्य' भी कहा जाता है।
- अभयारण्य में चीते, वाइल्डबोर, तेंदुए और हिरन आदि प्रमुख रूप से पाए जाते हैं।
- यहाँ पर बहुत कम जगह दिखाई देने वाला दुर्लभ 'कराकल' भी देखा जा सकता है।
- इस अभयारण्य का मुख्य उद्देश्य घड़ियालों की प्रजाति को संरक्षित करना तथा उनकी संख्या में वृद्धि करना है।
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