प्रयोग:गोविन्द6: Difference between revisions
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|+style="text-align:left; padding-left:10px; font-size:18px"|<font color="#003366">[[भारतकोश सम्पादकीय 3 मई 2013|भारतकोश सम्पादकीय <small>-आदित्य चौधरी</small>]]</font> | |||
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[[चित्र:Mask.jpg|border|right|100px|link=भारतकोश सम्पादकीय 3 मई 2013]] | |||
<center>[[भारतकोश सम्पादकीय 3 मई 2013|सभ्य जानवर]]</center> | |||
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शंकर अपने खेत की मेंड़ पर जाकर बैठ गया और खेत के बीच से होकर जाने वालों को रोकने लगा। लोगों को सबक़ सिखाने के लिए, उन्हें खेत में घुसने से पहले ही नहीं रोकता था बल्कि पहले तो राहगीर को आधे रास्ते तक चला जाने देता था फिर उसे आवाज़ देकर वापस बुलाता और कान पकड़वा कर उठक-बैठक करवाता और हिदायत देता- | |||
"अब समझ में आया कि मेरे खेत में से होकर जाने का क्या मतलब है... खबरदार जो कभी मेरे खेत में पैर रखा तो हाँऽऽऽ । चल भाग..." [[भारतकोश सम्पादकीय 3 मई 2013|...पूरा पढ़ें]] | |||
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| [[भारतकोश सम्पादकीय -आदित्य चौधरी|पिछले लेख]] → | |||
| [[भारतकोश सम्पादकीय 15 अप्रॅल 2013|वोटरानी और वोटर]] · | |||
| [[भारतकोश सम्पादकीय 19 मार्च 2013|कबीर का कमाल]] · | |||
| [[भारतकोश सम्पादकीय 22 फ़रवरी 2013|प्रतीक्षा की सोच]] · | |||
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|}<noinclude>[[Category:मुखपृष्ठ के साँचे]]</noinclude> |
Revision as of 13:41, 3 May 2013
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