हरिहर प्रथम: Difference between revisions
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*हरिहर प्रथम ने अनेगोण्डी के स्थान पर प्राचीन नगर विजयनगर को अपनी राजधानी बनाया। | |||
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*कुमार कम्पन (या कम्पा) की पत्नी गंगा देवी ने अपने पति द्वारा मदुरा विजय का अपने ग्रन्थ ‘मदुरा विजयम’ में बड़ा सजीव वर्णन किया है। | *कुमार कम्पन (या कम्पा) की पत्नी गंगा देवी ने अपने पति द्वारा मदुरा विजय का अपने ग्रन्थ ‘मदुरा विजयम’ में बड़ा सजीव वर्णन किया है। | ||
* | *विजयनगर राज्य में [[कृषि]] के विकास के लिए भी हरिहर प्रथम ने कई कार्य किये। | ||
* | *सम्भवत: 1354-55 ई. में हरिहर प्रथम का का स्वर्गवास हो गया। | ||
*हरिहर प्रथम को दो समुद्रो का अधिपति कहा जाता है। | *हरिहर प्रथम को "दो समुद्रो का अधिपति" कहा जाता है। | ||
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Revision as of 10:51, 19 June 2013
हरिहर प्रथम (1336-1355 ई.) संगम का पुत्र था। उसने अपने चार भाइयों की सहायता से, जिनमें बुक्कराय प्रथम मुख्य था, 1336 ई. में तुंगभद्रा नदी के दक्षिणी तट पर विजयनगर साम्राज्य की स्थापना की।
- विजयनगर साम्राज्य की स्थापना में हरिहर प्रथम को दो ब्राह्मण आचार्यों, माधव विद्याराय और उसके ख्यातिप्राप्त भाई वेदों के भाष्यकार 'सायण' से भी मदद मिली थी।
- हरिहर प्रथम ने अनेगोण्डी के स्थान पर प्राचीन नगर विजयनगर को अपनी राजधानी बनाया।
- बादामी, उदयगिरि एवं गूटी में स्थित दुर्गों को हरिहर प्रथम ने बेहद शक्तिशाली बना लिया था।
- हरिहर ने होयसल राज्य को अपने राज्य में मिलाया तथा कदम्ब एवं मदुरा पर विजय प्राप्त की|
- कुमार कम्पन (या कम्पा) की पत्नी गंगा देवी ने अपने पति द्वारा मदुरा विजय का अपने ग्रन्थ ‘मदुरा विजयम’ में बड़ा सजीव वर्णन किया है।
- विजयनगर राज्य में कृषि के विकास के लिए भी हरिहर प्रथम ने कई कार्य किये।
- सम्भवत: 1354-55 ई. में हरिहर प्रथम का का स्वर्गवास हो गया।
- हरिहर प्रथम को "दो समुद्रो का अधिपति" कहा जाता है।
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