ज्योत्स्ना मिलन: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
No edit summary |
|||
Line 1: | Line 1: | ||
'''ज्योत्स्ना मिलन''' (जन्म- [[1941]], [[मुंबई]]) [[हिन्दी साहित्य]] की आधुनिक साहित्यकार हैं। उन्हें उनकी कृतियों के साथ-साथ गुजराती साहित्य का [[हिन्दी]] में अनुवाद करने के लिए भी जाना जाता है। [[मुंबई]] में जन्मीं ज्योत्स्ना मिलन का पारिवारिक माहौल साहित्यिक रहा है। वह कहती हैं कि "[[गजानन माधव मुक्तिबोध]] के सहपाठी मेरे [[पिता]] कवि थे। पति रमेशचंद्र शाह देश के विख्यात हिन्दी लेखक हैं। [[साहित्य]] के प्रति अनुराग बचपन से ही विकसित होता गया। बारह वर्ष की उम्र में लिखी पहली कविता की सराहना हुई और फिर मैं लेखन में आगे बढ़ती गई।" | '''ज्योत्स्ना मिलन''' (जन्म- [[1941]], [[मुंबई]]) [[हिन्दी साहित्य]] की आधुनिक साहित्यकार हैं। उन्हें उनकी कृतियों के साथ-साथ [[गुजराती साहित्य]] का [[हिन्दी]] में अनुवाद करने के लिए भी जाना जाता है। [[मुंबई]] में जन्मीं ज्योत्स्ना मिलन का पारिवारिक माहौल साहित्यिक रहा है। वह कहती हैं कि "[[गजानन माधव मुक्तिबोध]] के सहपाठी मेरे [[पिता]] कवि थे। पति रमेशचंद्र शाह देश के विख्यात हिन्दी लेखक हैं। [[साहित्य]] के प्रति अनुराग बचपन से ही विकसित होता गया। बारह वर्ष की उम्र में लिखी पहली कविता की सराहना हुई और फिर मैं लेखन में आगे बढ़ती गई।" | ||
;रचना कार्य | ;रचना कार्य | ||
ज्योत्स्ना जी ने लगभग सभी विधाओं में, यानी कविता, उपन्यास, कहानी और संस्मरण आदि लिखा है। गुजराती एवं [[अंग्रेज़ी साहित्य]] से एम.ए. करने के बावजूद वह [[भोपाल]] में रहकर हिन्दी साहित्य की सेवा कर रही हैं। उनके दो कविता संग्रह, तीन उपन्यास, पाँच कहानी संग्रह एवं एक संस्मरण प्रकाशित हो चुके हैं। 'अ अस्तु का' उनका चर्चित उपन्यास है। | ज्योत्स्ना जी ने लगभग सभी विधाओं में, यानी कविता, उपन्यास, कहानी और संस्मरण आदि लिखा है। गुजराती एवं [[अंग्रेज़ी साहित्य]] से एम.ए. करने के बावजूद वह [[भोपाल]] में रहकर हिन्दी साहित्य की सेवा कर रही हैं। उनके दो कविता संग्रह, तीन उपन्यास, पाँच कहानी संग्रह एवं एक संस्मरण प्रकाशित हो चुके हैं। 'अ अस्तु का' उनका चर्चित उपन्यास है। |
Latest revision as of 13:55, 19 July 2014
ज्योत्स्ना मिलन (जन्म- 1941, मुंबई) हिन्दी साहित्य की आधुनिक साहित्यकार हैं। उन्हें उनकी कृतियों के साथ-साथ गुजराती साहित्य का हिन्दी में अनुवाद करने के लिए भी जाना जाता है। मुंबई में जन्मीं ज्योत्स्ना मिलन का पारिवारिक माहौल साहित्यिक रहा है। वह कहती हैं कि "गजानन माधव मुक्तिबोध के सहपाठी मेरे पिता कवि थे। पति रमेशचंद्र शाह देश के विख्यात हिन्दी लेखक हैं। साहित्य के प्रति अनुराग बचपन से ही विकसित होता गया। बारह वर्ष की उम्र में लिखी पहली कविता की सराहना हुई और फिर मैं लेखन में आगे बढ़ती गई।"
- रचना कार्य
ज्योत्स्ना जी ने लगभग सभी विधाओं में, यानी कविता, उपन्यास, कहानी और संस्मरण आदि लिखा है। गुजराती एवं अंग्रेज़ी साहित्य से एम.ए. करने के बावजूद वह भोपाल में रहकर हिन्दी साहित्य की सेवा कर रही हैं। उनके दो कविता संग्रह, तीन उपन्यास, पाँच कहानी संग्रह एवं एक संस्मरण प्रकाशित हो चुके हैं। 'अ अस्तु का' उनका चर्चित उपन्यास है।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख