वैदूर्य पत्तन: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
(''''वैदूर्य पत्तन''' आंध्र प्रदेश में गोदावरी नदी के ...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - " कस्बा" to " क़स्बा") |
||
Line 1: | Line 1: | ||
'''वैदूर्य पत्तन''' [[आंध्र प्रदेश]] में [[गोदावरी नदी]] के तट पर स्थित एक | '''वैदूर्य पत्तन''' [[आंध्र प्रदेश]] में [[गोदावरी नदी]] के तट पर स्थित एक क़स्बा तथा बंदरगाह है। | ||
*इस कस्बे के निकट 'अरुणाश्रम' नामक स्थान को दक्षिण के प्रसिद्ध दार्शनिक [[निम्बार्काचार्य|संत निम्बार्काचार्य]] का जन्मस्थान माना जाता है। इनका एकमात्र [[ग्रंथ]] वेदांत सूत्रों पर भाष्य, 'वेदांत पारिजात सौरभ' ही मिलता है। | *इस कस्बे के निकट 'अरुणाश्रम' नामक स्थान को दक्षिण के प्रसिद्ध दार्शनिक [[निम्बार्काचार्य|संत निम्बार्काचार्य]] का जन्मस्थान माना जाता है। इनका एकमात्र [[ग्रंथ]] वेदांत सूत्रों पर भाष्य, 'वेदांत पारिजात सौरभ' ही मिलता है। |
Latest revision as of 14:10, 6 April 2015
वैदूर्य पत्तन आंध्र प्रदेश में गोदावरी नदी के तट पर स्थित एक क़स्बा तथा बंदरगाह है।
- इस कस्बे के निकट 'अरुणाश्रम' नामक स्थान को दक्षिण के प्रसिद्ध दार्शनिक संत निम्बार्काचार्य का जन्मस्थान माना जाता है। इनका एकमात्र ग्रंथ वेदांत सूत्रों पर भाष्य, 'वेदांत पारिजात सौरभ' ही मिलता है।
- निम्बार्काचार्य ने 'द्वैताद्वैत सिद्धांत' का प्रतिपादन तथा भक्तिमार्ग का संपोषण किया था। 'श्रीमद्भागवत' से इन्हें बहुत अनुराग था।[1]
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 879 |