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         '''[[रणथम्भौर क़िला]]''' [[राजस्थान]] में ऐतिहासिक घटनाओं एवं बहादुरी का प्रतीक है। रणथम्भौर का दुर्ग सीधी ऊँची खड़ी पहाड़ी पर स्थित है, जो आसपास के मैदानों के ऊपर 700 फुट की ऊंचाई पर है। यह विंध्य पठार और [[अरावली पर्वतमाला|अरावली पहाड़ियों]] के बीच स्थित है, जो 7 कि.मी. भौगोलिक क्षेत्र में फैला हुआ है। इस क़िले के निर्माता का नाम अनिश्चित है, किन्तु [[इतिहास]] में सर्वप्रथम इस पर [[चौहान वंश|चौहानों]] के अधिकार का उल्लेख मिलता है। जनश्रुति है कि प्रारम्भ में इस दुर्ग के स्थान के निकट 'पद्मला' नामक एक सरोवर था। यह इसी नाम से आज भी क़िले के अन्दर ही स्थित है। इसके तट पर पद्मऋषि का आश्रम था। इन्हीं की प्रेरणा से जयंत और रणधीर नामक दो राजकुमारों ने जो कि अचानक ही शिकार खेलते हुए वहाँ पहुँच गए थे, इस क़िले को बनवाया और इसका नाम 'रणस्तम्भर' रखा। क़िले की स्थापना पर यहाँ [[गणेश]] जी की प्रतिष्ठा की गई थी, जिसका आह्वान राज्य में [[विवाह|विवाहों]] के अवसर पर किया जाता है। [[रणथम्भौर क़िला|... और पढ़ें]]
         '''[[लाल क़िला]]''' दुनिया के सर्वाधिक प्रभावशाली भव्‍य क़िलों में से एक है। इसकी दीवारें ढाई किलोमीटर लंबी और 60 फुट ऊँची हैं। [[दिल्ली]] में स्थित यह ऐतिहासिक क़िला [[मुग़लकालीन स्थापत्य एवं वास्तुकला|मुग़लकालीन वास्तुकला]] की नायाब धरोहर है। [[भारत का इतिहास]] भी इस क़िले के साथ काफ़ी नज़दीकी से जुड़ा हुआ है। [[भारत]] की शान के प्रतीक लाल क़िले का निर्माण मुग़ल बादशाह [[शाहजहाँ]] ने सत्रहवीं शती में कराया था। लाल क़िले की प्राचीर से ही [[भारत]] के प्रथम [[प्रधानमंत्री]], [[जवाहर लाल नेहरू|पंडित जवाहरलाल नेहरू]] ने घोषणा की थी कि अब भारत उपनिवेशी राज से स्‍वतंत्र है। [[लाल क़िला|... और पढ़ें]]
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Revision as of 15:45, 14 August 2015

एक पर्यटन स्थल

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        लाल क़िला दुनिया के सर्वाधिक प्रभावशाली भव्‍य क़िलों में से एक है। इसकी दीवारें ढाई किलोमीटर लंबी और 60 फुट ऊँची हैं। दिल्ली में स्थित यह ऐतिहासिक क़िला मुग़लकालीन वास्तुकला की नायाब धरोहर है। भारत का इतिहास भी इस क़िले के साथ काफ़ी नज़दीकी से जुड़ा हुआ है। भारत की शान के प्रतीक लाल क़िले का निर्माण मुग़ल बादशाह शाहजहाँ ने सत्रहवीं शती में कराया था। लाल क़िले की प्राचीर से ही भारत के प्रथम प्रधानमंत्री, पंडित जवाहरलाल नेहरू ने घोषणा की थी कि अब भारत उपनिवेशी राज से स्‍वतंत्र है। ... और पढ़ें


पिछले पर्यटन स्थल रणथम्भौर क़िला · गुजरात · ऊटी · नैनीताल