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{{सूचना बक्सा ऐतिहासिक पात्र
{{सूचना बक्सा ऐतिहासिक पात्र
|चित्र=blankimage.jpg
|चित्र=Tarabai.jpg
|चित्र का नाम=शाहू
|चित्र का नाम=ताराबाई
|पूरा नाम=
|पूरा नाम=ताराबाई भोंसले
|अन्य नाम=शिवाजी द्वितीय, साधु
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|जन्म=[[18 मई]] 1682
|जन्म=1675 ई.
|जन्म भूमि=गांगुली गांव
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|मृत्यु तिथि=[[15 दिसम्बर]] 1789
|मृत्यु तिथि=[[9 दिसम्बर]] 1761 ई.
|मृत्यु स्थान=रंगमहल [[सतारा]]
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|पिता/माता=[[शम्भुजी]], [[येसूबाई]]
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|पति/पत्नी=[[राजाराम शिवाजी|राजाराम]]
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|राज्याभिषेक=[[22 जनवरी]] 1708 ई., सतारा
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|अन्य जानकारी=[[बाजीराव प्रथम]] तथा [[बालाजी बाजीराव]] ने, जो क्रमश: द्वितीय तथा तृतीय पेशवा हुए, शाहू की शक्ति एवं सत्ता का उत्तरी तथा दक्षिणी भारत में विशेष विस्तार किया। वस्तुत: शाहू ने पेशवा का पद [[बालाजी विश्वनाथ]] के वंशजों को पैतृक रूप में दे दिया था
|अन्य जानकारी=1700 से 1707 ई. तक के संकटकाल में ताराबाई ने [[मराठा|मराठा राज्य]] की एकसूत्रता और अखण्डता बनाये रखकर उसकी अमूल्य सेवा की।
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Revision as of 07:33, 28 April 2016

नवनीत
पूरा नाम ताराबाई भोंसले
जन्म 1675 ई.
मृत्यु तिथि 9 दिसम्बर 1761 ई.
पति/पत्नी राजाराम
संतान शिवाजी तृतीय
शासन काल 1700 ई.-1707 ई.
संबंधित लेख शिवाजी, शाहजी भोंसले, शम्भाजी पेशवा, बालाजी विश्वनाथ, बाजीराव प्रथम, बाजीराव द्वितीय, राजाराम शिवाजी, तालीकोट का युद्ध, खेड़ा का युद्ध
अन्य जानकारी 1700 से 1707 ई. तक के संकटकाल में ताराबाई ने मराठा राज्य की एकसूत्रता और अखण्डता बनाये रखकर उसकी अमूल्य सेवा की।