प्रयोग:कविता सा.-1: Difference between revisions
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-[[रबीन्द्रनाथ टैगोर]] | -[[रबीन्द्रनाथ टैगोर]] | ||
-बेंद्रे | -[[नारायण श्रीधर बेन्द्रे|बेंद्रे]] | ||
+[[एम.एफ. हुसैन]] | +[[एम.एफ. हुसैन]] | ||
-[[नंदलाल बोस]] | -[[नंदलाल बोस]] | ||
||[[एम.एफ. हुसैन]] प्रसिद्ध चित्र 'नीली रात' के [[चित्रकार]] हैं। इनकी कला यथार्थवादी चित्रांकन से लेकर उन्नीसवीं शताब्दी की ब्रिटिश अकादमिक परंपरा से संभावित शैली का प्रतिनिधित्व करती है। इन्होंने कई फ़िल्में बनाई जिनमें मीनाक्षी, गजगामिनी,थ्रू द आइज | ||[[एम.एफ. हुसैन]] प्रसिद्ध चित्र 'नीली रात' के [[चित्रकार]] हैं। इनकी कला यथार्थवादी चित्रांकन से लेकर उन्नीसवीं शताब्दी की ब्रिटिश अकादमिक परंपरा से संभावित शैली का प्रतिनिधित्व करती है। इन्होंने कई फ़िल्में बनाई जिनमें मीनाक्षी, गजगामिनी, थ्रू द आइज ऑफ़ पेंटर आदि इनकी प्रमुख फ़िल्में हैं। साथ ही सुप्रसिद्ध चित्र शृंखलाएं भी बनाई जिसमें प्रमुख हैं- [[सरस्वती]], [[मदर टेरेसा]], घोड़े, माधुरी, ज़मीन, लैंप और मकड़ी, दो स्त्रियों का संवाद, मुर्गा, अंतिम भोज, राइडर्ज, आपातकाल, ढोलकिया, नीला रात, जापान में प्रेमी, दुपट्टों में तीन औरतें, बनारस के घाट तथा भारतमाता (यह चित्र काफी विवादास्पद रहा) आदि। | ||
{'सुरजन' नामक [[चित्रकार]] किस शैली | {'सुरजन' नामक [[चित्रकार]] किस शैली के प्रमुख चित्रकार थे? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-53,प्रश्न-3 | ||
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-बंगाल | -बंगाल | ||
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-किशनगढ़ | -किशनगढ़ | ||
-दक्खिनी | -दक्खिनी | ||
||'सुरजन सिंह' नामक चित्रकार [[बूंदी चित्रकला|बूंदी शैली]] के प्रमुख चित्रकार थे। इनके द्वारा बूंदी को प्रोत्साहन मिला इनके द्वारा चित्रित कुछ प्रमुख चित्र जैसे-ग्रीष्म में हाथी, | ||'सुरजन सिंह' नामक चित्रकार [[बूंदी चित्रकला|बूंदी शैली]] के प्रमुख [[चित्रकार]] थे। इनके द्वारा बूंदी को प्रोत्साहन मिला इनके द्वारा चित्रित कुछ प्रमुख चित्र जैसे-ग्रीष्म में हाथी, कांटा निकालती स्त्री आदि प्रिंस ऑफ़ वेल्स म्यूजियम [[मुंबई]] में सुरक्षित हैं। | ||
{[[अवनीन्द्रनाथ टैगोर|अबनीन्द्रनाथ टैगोर]] ने किस माध्यम में अपने चित्र बनाये? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-79,प्रश्न-13 | {[[अवनीन्द्रनाथ टैगोर|अबनीन्द्रनाथ टैगोर]] ने किस माध्यम में अपने चित्र बनाये? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-79,प्रश्न-13 | ||
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+[[चित्रकला]] | +[[चित्रकला]] | ||
-नृत्यकला | -नृत्यकला | ||
||[[राजा रवि वर्मा]] [[चित्रकला]] के लिए प्रसिद्ध हैं। वे | ||[[राजा रवि वर्मा]] [[चित्रकला]] के लिए प्रसिद्ध हैं। वे विदेशी चित्रण पद्धति (यूरोपीय चित्रशैली) और तैलीय चित्रशैली की [[चित्रकार]] थे। राजा रवि वर्मा यूरोपीय शैली में भारतीय विषयों पर चित्र बनाने वाले पहले कलाकार थे। इन्होंने थियोडोर जेनसन नामक डच चित्रकार से यूरोपीय शैली की चित्रकारी शिक्षा ली थी। इनकी [[चित्रकला]] पौराणिक, धार्मिक और राष्ट्रीय भावना से प्रभावित है। | ||
{माइकल एंजिलो द्वारा निर्मित मूर्ति 'डेविड' की कुल ऊंचाई है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-106,प्रश्न-18 | {माइकल एंजिलो द्वारा निर्मित मूर्ति 'डेविड' की कुल ऊंचाई है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-106,प्रश्न-18 | ||
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-15 फुट | -15 फुट | ||
+ | +17 फुट | ||
-10 फुट | -10 फुट | ||
-22 फुट | -22 फुट | ||
||माइकेल एंजिलो द्वारा निर्मित मूर्ति डेविड की ऊंचाई 4.34 मीं. (14.2 फीट) तथा आधार सहित 5.17 मी. (17.0) फीट | ||माइकेल एंजिलो द्वारा निर्मित मूर्ति डेविड की ऊंचाई 4.34 मीं. (14.2 फीट) तथा आधार सहित 5.17 मी. (17.0) फीट है। | ||
{भारतीय कलाकारों में किस पर प्रभाववाद का प्रभाव है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-118,प्रश्न-23 | {भारतीय कलाकारों में किस पर प्रभाववाद का प्रभाव है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-118,प्रश्न-23 | ||
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-[[राजा रवि वर्मा|रवि वर्मा]] | -[[राजा रवि वर्मा|रवि वर्मा]] | ||
+राम किंकर | +[[रामकिंकर बैज|राम किंकर]] | ||
-रणवीर सिंह विष्ट | -रणवीर सिंह विष्ट | ||
-[[रबींद्रनाथ टैगोर]] | -[[रबींद्रनाथ टैगोर]] | ||
||राम किंकर बैज भारत प्रसिद्ध [[मूर्तिकार]] थे। आधुनिक भारतीय मूर्तिकला के अग्रदूतों में उनकी गणना होती थी। वर्ष [[1970]] में उन्हें [[पद्मभूषण]] से सम्मानित किया गया। शांतिनिकेतन के कलाभवन की लाइब्रेरी में रखी पुस्तकों को पढ़ने से इन पर पश्चिमी प्रभाववाद का असर पड़ा और इन्होंने उस कला को अपनी कला में शामिल कर लिया | ||[[रामकिंकर बैज|राम किंकर बैज]] [[भारत]] प्रसिद्ध [[मूर्तिकार]] थे। आधुनिक भारतीय मूर्तिकला के अग्रदूतों में उनकी गणना होती थी। वर्ष [[1970]] में उन्हें [[पद्मभूषण]] से सम्मानित किया गया। [[शांतिनिकेतन]] के कलाभवन की लाइब्रेरी में रखी पुस्तकों को पढ़ने से इन पर पश्चिमी प्रभाववाद का असर पड़ा और इन्होंने उस कला को अपनी कला में शामिल कर लिया | ||
{[[अजंता की गुफ़ाएँ|अजंता]], [[एलोरा की गुफ़ाएँ|एलोरा की गुफाओं]] को सबसे पहले किसने देखा? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-30,प्रश्न-16 | {[[अजंता की गुफ़ाएँ|अजंता]], [[एलोरा की गुफ़ाएँ|एलोरा की गुफाओं]] को सबसे पहले किसने देखा? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-30,प्रश्न-16 | ||
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+ह्वेनसांग | +[[ह्वेनसांग]] | ||
-एडवर्ड | -एडवर्ड | ||
-एलेक्स | -एलेक्स | ||
-रिचर्ड | -रिचर्ड | ||
||[[ह्वेनसांग]] छठीं शताब्दी में [[भारत]] यात्रा पर आया जबकि विकल्प में प्रस्तुत अन्य व्यक्ति बाद में आए इसलिए ह्वेनसांग ने अजंता, एलोरा की गुफाओं को सबसे पहले देखा। | ||[[ह्वेनसांग]] छठीं शताब्दी में [[भारत]] यात्रा पर आया जबकि विकल्प में प्रस्तुत अन्य व्यक्ति बाद में आए इसलिए ह्वेनसांग ने अजंता, [[एलोरा की गुफाएँ|एलोरा की गुफाओं]] को सबसे पहले देखा। | ||
{कांगड़ा किस [[चित्रकला]] की शैली है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-74,प्रश्न-12 | {[[कांगड़ा चित्रकला|कांगड़ा]] किस [[चित्रकला]] की शैली है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-74,प्रश्न-12 | ||
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-[[मुग़ल चित्रकला|मुगल चित्रकला]] | -[[मुग़ल चित्रकला|मुगल चित्रकला]] | ||
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-माइकेल एंजिलो | -माइकेल एंजिलो | ||
-टीशियन | -टीशियन | ||
-लियोनार्दो | -[[लियोनार्डो दा विंची|लियोनार्दो]] | ||
+राफेल | +राफेल | ||
||पुनरुत्थानवादी चित्रकार (इटालियन) राफेक सैंजिओ के प्रमुख चित्र हैं- सैनिक का स्वप्न, स्कूल ऑफ़ एथेंस, क्रूसीफिक्शन, सिस्टीन मेडोना, मेडोना ऑफ़ द गोल्ड फिंचम परनासस, ज्यूरिस प्रूडेंस, द मैरिज ऑफ़ वर्जिन, ट्रांसफिगरेशन इत्यादि। | ||पुनरुत्थानवादी चित्रकार (इटालियन) राफेक सैंजिओ के प्रमुख चित्र हैं- सैनिक का स्वप्न, स्कूल ऑफ़ एथेंस, क्रूसीफिक्शन, सिस्टीन मेडोना, मेडोना ऑफ़ द गोल्ड फिंचम परनासस, ज्यूरिस प्रूडेंस, द मैरिज ऑफ़ वर्जिन, ट्रांसफिगरेशन इत्यादि। | ||
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-मोने | -मोने | ||
+माने | +माने | ||
- | -रेन्वार | ||
-डेगा | -डेगा | ||
||1879 ई. में एडुवर्ड माने ने आकारों की स्पष्टता को कम करके विशुद्ध चमकीले [[रंग|रंगों]] का प्रयोग करते हुए एक नवीन कला (शैली) विकसित की। इस नवीन शैली के अप्रतिम उदाहरण हैं-'जार्ज मूर का व्यक्ति चित्र' तथा 'फिलिप बर्जेर का मदिरागृह'। | ||1879 ई. में एडुवर्ड माने ने आकारों की स्पष्टता को कम करके विशुद्ध चमकीले [[रंग|रंगों]] का प्रयोग करते हुए एक नवीन कला (शैली) विकसित की। इस नवीन शैली के अप्रतिम उदाहरण हैं-'जार्ज मूर का व्यक्ति चित्र' तथा 'फिलिप बर्जेर का मदिरागृह'। | ||
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-डेविड | -डेविड | ||
-माने | -माने | ||
||'द स्टूडियो' का चित्र पिकासो द्वारा वर्ष 1955 में चित्रित एक तैल चित्र है। | ||'द स्टूडियो' का चित्र पिकासो द्वारा वर्ष [[1955]] में चित्रित एक तैल चित्र है। | ||
{सैयद हैदर रजा हैं- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-144,प्रश्न-46 | {[[सैयद हैदर रजा]] हैं- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-144,प्रश्न-46 | ||
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-व्यक्ति चित्रकार | -व्यक्ति चित्रकार | ||
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-घनवादी चित्रकार | -घनवादी चित्रकार | ||
-अमूर्त चित्रकार | -अमूर्त चित्रकार | ||
||सैयद हैदर रजा मुख्यत: दृश्य चित्रकार हैं। आकृति चित्रण में इनकी रुचि नहीं है। इन्होंने सस्ते रंगों के द्वारा मानसिक जटिलताओं तथा प्राकृतिक रहस्यों से साक्षात्कार कराया। रंग प्रयोग की दक्षाता उनकी विशेषता रही है। | ||[[सैयद हैदर रजा]] मुख्यत: दृश्य चित्रकार हैं। आकृति चित्रण में इनकी रुचि नहीं है। इन्होंने सस्ते रंगों के द्वारा मानसिक जटिलताओं तथा प्राकृतिक रहस्यों से साक्षात्कार कराया। रंग प्रयोग की दक्षाता उनकी विशेषता रही है। | ||
{प्रजनन एवं विकास का प्रतीकात्मक रंग कौन-सा है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-159,प्रश्न-13 | {प्रजनन एवं विकास का प्रतीकात्मक रंग कौन-सा है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-159,प्रश्न-13 | ||
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+हरा | +[[हरा रंग|हरा]] | ||
-लाल | -[[लाल रंग|लाल]] | ||
-नीला | -[[नीला रंग|नीला]] | ||
-नारंगी | -[[नारंगी रंग|नारंगी]] | ||
||प्रकाशयुक्तता एवं अक्ष-पटल की उत्तेजना के विचार से कुछ वर्ण गरम और शीतल माने जाते हैं। लाल और नारंगी वर्ण उष्ण (गर्म) हैं, नीला एवं हरा वर्ण शीतल (ठंडा)। पीला एवं बैंगनी न उष्ण हैं, न शीतल। | ||प्रकाशयुक्तता एवं अक्ष-पटल की उत्तेजना के विचार से कुछ वर्ण गरम और शीतल माने जाते हैं। [[लाल रंग|लाल]] और नारंगी वर्ण उष्ण (गर्म) हैं, [[नीला रंग|नीला]] एवं [[हरा रंग|हरा]] वर्ण शीतल (ठंडा)। [[पीला रंग|पीला]] एवं बैंगनी न उष्ण हैं, न शीतल। | ||
{'मोनालिसा' के प्रसिद्ध चित्र में कितने आयाम हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-164,प्रश्न-52 | {'मोनालिसा' के प्रसिद्ध चित्र में कितने आयाम हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-164,प्रश्न-52 | ||
Line 126: | Line 126: | ||
||तैल चित्रण का मध्यम, अलसी का तेल है। फिल्टर किया हुआ पारदर्शी निर्वर्ण अलसी का कच्चा तेल इसके लिए सर्वश्रेष्ठ है। तेल चित्रण का प्रचलन यूरोप से हुआ और वर्तमान में यह विश्वव्यापी हो गया है। इस पद्धति का चित्रांकन स्थायी होता है। | ||तैल चित्रण का मध्यम, अलसी का तेल है। फिल्टर किया हुआ पारदर्शी निर्वर्ण अलसी का कच्चा तेल इसके लिए सर्वश्रेष्ठ है। तेल चित्रण का प्रचलन यूरोप से हुआ और वर्तमान में यह विश्वव्यापी हो गया है। इस पद्धति का चित्रांकन स्थायी होता है। | ||
{निम्न में से किस कलाकार ने बंगाल लोकचित्रों को अपनी अभिव्यक्ति का माध्यम बनाया? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-86,प्रश्न-70 | {निम्न में से किस कलाकार ने [[बंगाल]] लोकचित्रों को अपनी अभिव्यक्ति का माध्यम बनाया? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-86,प्रश्न-70 | ||
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-राजा रवि वर्मा | -[[राजा रवि वर्मा]] | ||
-अबनीन्द्रनाथ ठाकुर | -[[अवनीन्द्रनाथ ठाकुर|अबनीन्द्रनाथ ठाकुर]] | ||
-नंदलाल बोस | -[[नंदलाल बोस]] | ||
+जामिनी राय | +[[जामिनी राय]] | ||
||आधुनिक भारतीय चित्रकारों में जामिनी राय लोककला में प्रभावित कलाकार हैं। | ||आधुनिक भारतीय चित्रकारों में [[जामिनी राय]] लोककला में प्रभावित कलाकार हैं। | ||
{'स्नान स्थल' किस चित्रकार का चित्र है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-121,प्रश्न-43 | {'स्नान स्थल' किस चित्रकार का चित्र है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-121,प्रश्न-43 | ||
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-एम.एफ. हुसैन | -[[एम.एफ. हुसैन]] | ||
+जॉर्ज सोरा | +जॉर्ज सोरा | ||
-जार्ज ब्राक | -जार्ज ब्राक | ||
Line 144: | Line 144: | ||
{'कामसूत्र' के रचयिता हैं- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-157,प्रश्न-23 | {'कामसूत्र' के रचयिता हैं- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-157,प्रश्न-23 | ||
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+वात्स्यायन | +[[वात्स्यायन]] | ||
-चरक | -चरक | ||
-रामदेव | -रामदेव | ||
-पाणिनी | -पाणिनी | ||
||'कामसूत्र' वात्स्यायन द्वारा लिखा गया भारत का एक 'कामशास्त्र ग्रंथ' है। कामसूत्र को उसके विभिन्न आसनों के लिए जाना जाता है। वात्स्यायन का कामसूत्र विश्व की प्रथम यौन संहिता है जिसमें यौन प्रेम के मनोशारीरिक सिद्धांतों तथा प्रयोग की विस्तृत व्याख्या एवं विवेचना की गई है। | ||'कामसूत्र' [[वात्स्यायन]] द्वारा लिखा गया [[भारत]] का एक 'कामशास्त्र ग्रंथ' है। कामसूत्र को उसके विभिन्न आसनों के लिए जाना जाता है। वात्स्यायन का कामसूत्र विश्व की प्रथम यौन संहिता है जिसमें यौन प्रेम के मनोशारीरिक सिद्धांतों तथा प्रयोग की विस्तृत व्याख्या एवं विवेचना की गई है। | ||
{राष्ट्रीय ललित कला अकादमी के सचिव हैं- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-198,प्रश्न-96 | {[[ललित कला अकादमी|राष्ट्रीय ललित कला अकादमी]] के सचिव हैं- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-198,प्रश्न-96 | ||
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+डॉ. सुधाकर शर्मा | +डॉ. सुधाकर शर्मा | ||
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-ऑयल पेंटिंग | -ऑयल पेंटिंग | ||
-जलरंग | -[[जल रंग|जलरंग]] | ||
+मूर्ति | +मूर्ति | ||
-म्यूरल | -म्यूरल | ||
||'लाओकून' मूर्ति है। यह 1506 ई. में राम में खुदाई के दौरान मिली और इसे वेटिकन सिटी में सार्वकनिक प्रदर्शन के लिए रखा गया। | ||'लाओकून' मूर्ति है। यह [[1506]] ई. में [[राम]] में खुदाई के दौरान मिली और इसे वेटिकन सिटी में सार्वकनिक प्रदर्शन के लिए रखा गया। | ||
{'पोटैटो ईटर्स' नामक प्रसिद्ध चित्र किसका है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-123,प्रश्न-64 | {'पोटैटो ईटर्स' नामक प्रसिद्ध चित्र किसका है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-123,प्रश्न-64 |
Revision as of 12:05, 22 November 2017
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