प्रयोग:दीपिका3: Difference between revisions
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-[[न्यायपालिका]] | -[[न्यायपालिका]] | ||
||संसदात्मक शासन प्रणाली में वैधानिक संप्रभु संसद होती है। इसका बेहतरीन उदाहरण [[ब्रिटेन]] की संसद की शक्तियां पर, कम से कम सिद्धांत रूप में कोई रोक नहीं हैं क्योंकि वहां पर कोई लिखित संविधान नहीं है। [[भारत का संविधान|भारत के संविधान]] में संपूर्ण प्रभुत्वसंपन्न शक्तियां निहित करने के संबंध में कोई विशिष्ट उपबंध नहीं हैं। किंतु संविधान की उद्देशिका में यह कहकर कि 'हम, [[भारत]] के लोग, इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं', संविधान निर्माताओं ने स्पष्ट कर दिया कि संप्रभुता का वास भारत के लोगों में है। | ||संसदात्मक शासन प्रणाली में वैधानिक संप्रभु संसद होती है। इसका बेहतरीन उदाहरण [[ब्रिटेन]] की संसद की शक्तियां पर, कम से कम सिद्धांत रूप में कोई रोक नहीं हैं क्योंकि वहां पर कोई लिखित संविधान नहीं है। [[भारत का संविधान|भारत के संविधान]] में संपूर्ण प्रभुत्वसंपन्न शक्तियां निहित करने के संबंध में कोई विशिष्ट उपबंध नहीं हैं। किंतु संविधान की उद्देशिका में यह कहकर कि 'हम, [[भारत]] के लोग, इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं', संविधान निर्माताओं ने स्पष्ट कर दिया कि संप्रभुता का वास भारत के लोगों में है। | ||
{निम्नलिखित में से किसे 'चतुर्थ स्तंभ (फोर्थ इस्टेट) कहा जाता है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-105,प्रश्न-8 | |||
|type="()"} | |||
-नौकरशाही | |||
-[[न्यायपालिका]] | |||
+प्रेस | |||
-राजनीतिक दल | |||
||लोकतांत्रिक देशों में विधायिक, कार्यपालिका एवं न्यायपालिक को सामाजिक-राजनीतिक व्यवस्था के तीन स्तंभ माना जाता है तथा प्रेस को 'चतुर्थ स्तंभ' की संज्ञा दी जाती हैं? | |||
{निर्वाचन की सूची पद्धति से प्रमुखत: किसको लाभ होता है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-110,प्रश्न-5 | |||
|type="()"} | |||
-धनी निर्दलीय प्रत्याशियों को | |||
-निर्धन युवा प्रत्याशियों को | |||
+समूहों और दलों को | |||
-श्रमिक संघ के निर्दल प्रत्याशियों को | |||
||निर्वाचन की सूची पद्धति से समूहों एवं दलों को लाभ होता है। राजनीतिक दलों के विकास के कारण आजकल चुनाव दलीय आधार पर प्रमुखत: होने लगे हैं जिसमें उम्मीदवारों का विशेष महत्त्व नहीं रहता यही कारण है कि आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली में सूची व्यवस्था का प्रयोग किया जाने लगा है। इसे सूची प्रणाली इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसमें उम्मीदवार व्यक्तिगत रूप से चुनाव नहीं लड़ते वरन् राजनीतिक दलों की सूचियां चुनाव मैदान में होती हैं। इसमें मतदाता विभिन्न सूचियों में से किसी एक सूची को ही मत देता है। दलों को स्थानों का वितरण सूचियों को मिले मतों के आधार पर किया जाता है तथा इसके लिए सामान्यतया तीन विधियों का प्रयोग किया जाता है- 1.अधिकतम शेषफल व्यवस्था। 2. डी' होन्डट या उच्चतम औसत व्यवस्था। 3.पांच प्रतिशत धारा व्यवस्था। सूची प्रणाली में निर्वाचन क्षेत्र बहुसदस्यीय होता है। | |||
{निम्नलिखित में से कौन संगठन का आधार नहीं है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-133,प्रश्न-29 | |||
|type="()"} | |||
-उद्देश्य | |||
-प्रक्रिया | |||
-व्यक्ति | |||
+योजना | |||
||सामान्यत: विभागों को संगठित करने के मुख्य आधार स्वीकार किए गए हैं- 1.कार्य अथवा उद्देश्य, 2.प्रक्रिया, 3.व्यक्ति, 4.क्षेत्र या प्रदेश। | |||
लूथर गुलिक ने कहा है कि चार 'पी' (Four 'Ps')- Process, Process, persons तथा Plece विभागीय संगठन के आधार हैं। | |||
{[[लोक सभा]] के अध्यक्ष को अपना त्याग-पत्र किसे संबोधित करना पड़ता है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-140,प्रश्न-18 | |||
|type="()"} | |||
-[[भारत के प्रधानमंत्री]] को | |||
+[[लोक सभा]] के उपाध्यक्ष को | |||
-[[भारत के राष्ट्रपति]] को | |||
-[[भारत के उपराष्ट्रपति]] को | |||
||[[लोकसभा अध्यक्ष|लोक सभा का अध्यक्ष]] (Speaker) अपना हस्ताक्षर सहित त्यागपत्र (Resign) लोक सभा उपाध्यक्ष को सौंपता है [अनुच्छेद 94 (ख)]। लोक सभा के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष का चयन मरदान पद्धति से उपस्थित संसद सदस्यों में से होता है। | |||
{[[भारत]] का [[उपराष्ट्रपति]] अपने पद पर पांच वर्ष की अवधि तक बना रहता है लेकिन वह अपने पद से इससे पहले भी त्यागपत्र दे सकता है जिसे वह संबोधित करेगा- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-173,प्रश्न-207 | |||
|type="()"} | |||
-राज्य सभा के वरिष्ठ सदस्य को | |||
+[[राष्ट्रपति]] को | |||
-स्पीकर को | |||
-[[भारत]] के प्रधान न्यायाधीश को | |||
||अनुच्छेद 67 (क) के अनुसार, उपराष्ट्रपति अपने पद ग्रहण की तारीख से पांच वर्ष की अवधि तक पद धारणा करेगा परंतु वह राष्ट्रपति को संबोधित अपने हस्ताक्षर सहित लेख द्वारा अपना पद त्याग सकेगा। | |||
{निम्नलिखित में से कौन निकाय निगम की शक्ति को व्यवहार में लाने में समर्थ नहीं हैं? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-187,प्रश्न-8 | |||
|type="()"} | |||
-आम परिषद | |||
+विकास अधिकारी | |||
-नगरपालिका आयुक्त | |||
-स्थायी समिति | |||
||विकास अधिकारी निगम की शक्ति को व्यवहार में लाने में समर्थ नहीं है। आम परिषद, नगरपालिका आयुक्त तथा समिति निगम की शक्ति को व्यवहार में लाने में समर्थ है। | |||
{क्षेत्रीय परिषद का अध्यक्ष होता है: (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-189,प्रश्न-8 | |||
|type="()"} | |||
-[[प्रधानमंत्री]] | |||
-[[राष्ट्रपति]] | |||
+गृह मंत्री | |||
-वित्त मंत्री | |||
||राज्य पुनर्गठन अधिनियम,1956 द्वारा पांच क्षेत्रीय परिषदें बनाई गई हैं। संघ के गृह मंत्री को सभी क्षेत्रीय परिषदों का अध्यक्ष नाम-निर्दिष्ट किया गया है। प्रत्येक क्षेत्रीय परिषद में उस क्षेत्र के राज्यों में से प्रत्येक के [[मुख्यमंत्री]] और दो मंत्री तथा संघ राज्यक्षेत्र का प्रशासक होता है। | |||
{अध्यक्षात्मक प्रणाली में- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-93,प्रश्न-2 | |||
|type="()"} | |||
-[[संसद]] सरकार पर निर्भर करती है | |||
+सरकार संसद से पूर्ण रूप से अलग होती है | |||
-सरकार संसद पर निर्भर करती है | |||
-न्यायपालिका स्वतंत्र नहीं होती है | |||
||अध्यक्षात्मक शासन प्रणाली में [[राष्ट्रपति]] कार्यपालिका का वास्तविक प्रधान होता है, अर्थात समस्त कार्यकारिणी शक्ति राष्ट्रपति में निहित होती है। राष्ट्रपति का निर्वाचन सीधे जनता द्वारा किया जाता है। कार्यपालिका अपनी विधि तथा शक्तियों आदि के विषय मे व्यवस्थापिका से स्वतंत्र होती है। मंत्रिमंडल के सदस्य [[विधान मंडल|विधान-मंडल]] के सदस्य नहीं होते हैं। | |||
{निम्नलिखित में से किस एक देश में एकात्मक शासन व्यवस्था नहीं है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-97,प्रश्न-9 | |||
|type="()"} | |||
-[[फ्रांस]] | |||
-[[चीन]] | |||
-[[जापान]] | |||
+[[ऑस्ट्रेलिया]] | |||
||ऑस्ट्रेलिया में एकात्मक शासन व्यवस्था नहीं है। वहां संघात्मक व्यवस्था है। संघात्मक शासन व्यवस्था वाले अन्य देश- [[संयुक्त राज्य अमेरिका]], कनाड़ा, [[भारत]], [[जर्मनी]], स्विट्जरलैंड, आदि। एकात्मक शासन व्यवस्था वाले देश- [[ब्रिटेन]], [[फ्रांस]], [[चीन]] आदि। | |||
{शूंय-आधार बजट की प्रक्रिया को कब से लोकप्रियता प्राप्त हुई? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-101,प्रश्न-4 | |||
|type="()"} | |||
-रीगन द्वारा विस्कांसिन के बजट द्वारा | |||
-निक्सन द्वारा ओहायो के बजट द्वारा | |||
-आइजनहावर द्वारा न्यूयार्क के बजट द्वारा | |||
+जिमी कार्टर द्वारा जार्जिया के बजट द्वारा | |||
||शून्य-आधार बजट की प्रक्रिया को 1973 में जार्जिया के गवर्नर जिमी कार्टर ने पीटर पीहर की सहायता से शून्य-आधार बजट आरंभ किया था। | |||
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Revision as of 12:16, 2 December 2017
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