महाप्रवरकांड: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
('मूल आठ गोत्र और प्रत्येक के अंतर्गत उत्पन्न होने व...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
m (Text replacement - "==संबंधित लेख==" to "==संबंधित लेख== {{पाणिनिकालीन शब्दावली}}")
Line 10: Line 10:
<references/>
<references/>
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{पाणिनिकालीन शब्दावली}}


[[Category:पाणिनिकालीन शब्दावली]][[Category:प्राचीन भारत का इतिहास]][[Category:इतिहास कोश]]
[[Category:पाणिनिकालीन शब्दावली]][[Category:प्राचीन भारत का इतिहास]][[Category:इतिहास कोश]]
__INDEX__
__INDEX__

Revision as of 12:42, 20 April 2018

मूल आठ गोत्र और प्रत्येक के अंतर्गत उत्पन्न होने वाले गोत्र गणों की सूचियां प्राचीन समय में संग्रहित की गई थीं। ऐसी सबसे वृहत सूची 'बौधायन श्रोतसूत्र' के अंत में पाई जाती है, जिसका नाम महाप्रवरकांड है।[1]

  • इस सूची में लगभग एक सहस्त्र नाम हैं। आपस्तंब, कात्यायन और आश्वलायन के श्रोतसूत्रों में भी गोत्रों की सूचियां हैं, जिनमें बौधायन की अपेक्षा नामों की संख्या कम है।


  1. REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. पाणिनीकालीन भारत |लेखक: वासुदेवशरण अग्रवाल |प्रकाशक: चौखम्बा विद्याभवन, वाराणसी-1 |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 106 |

संबंधित लेख